नयी दिल्ली : देश की सबसे बड़ी बीमा कम्पनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को सूचीबद्ध कराने लिए लाया जाने वाला आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) 'दशक का सबसे बड़ा आईपीओ' हो सकता है. यह भारतीय बाजारों के लिए सऊदी अरामको को सूचीबद्ध कराने जैसा होगा.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में आम बजट 2020-21 पेश करते हुए एलआईसी के विनिवेश की घोषणा की.
वित्त विश्लेषकों का मानना है कि शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद बाजार मूल्यांकन के हिसाब से एलआईसी देश की सबसे बड़ी कम्पनी बन सकती है. इसका बाजार मूल्यांकन आठ से 10 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है.
आईसीआईसीआई डायरेक्ट में विश्लेषक काजल गांधी ने कहा कि सरकार की कम्पनी होने के कारण एक निजी कम्पनी की दृष्टि से इसका मूल्यांकन कम जरूर हो सकता है. लेकिन सूचीबद्ध होने पर बाजार मूल्यांकन के हिसाब से एलआईसी देश की सबसे बड़ी कम्पनी हो सकती है. हालांकि प्रबंधन अधीन परिसम्पत्तियों के आधार पर इस समय भी एलआईसी देश की सबसे बड़ी कम्पनी है.
उन्होंने कहा कि कंपनी के प्रबंधन अधिन परिसम्पत्तियों के 25 से 30 प्रतिशत मूल्य पर भी एलआईसी का मूल्यांकन आठ से 10 लाख करोड़ रुपये रह सकता है.
काजल गांधी ने कहा कि एलआईसी की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर के आईपीओ को भी बाजार के लिए संभालना मुश्किल होगा. सरकार इसका विनिवेश कई चरणों में कर सकती है.
इस पर एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेस मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष विजय भूषण ने कहा, 'बजट की सबसे महत्वपूर्ण घोषणा एलआईसी का आईपीओ है. यह भारतीय शेयर बाजारों के लिए सऊदी अरामको को सूचीबद्ध कराने जैसा होगा. यह दशक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा'.
सऊदी अरामको को पिछले साल दिसंबर में सऊदी स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कराया गया था. कम्पनी का वर्तमान मूल्य 117.82 अरब डॉलर है.
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेस के प्रबंध निदेशक कृष्ण कुमार कारवा के अनुसार कम्पनी के कामकाज (कॉरपोरेट गर्वनेंस) और पारदर्शिता के लिए एलआईसी का आईपीओ बेहतर होगा. साथ ही आने वाले सालों में यह सरकार के लिए धन जुटाने का अच्छा विकल्प बन जाएगा.
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मेट्रोपोलिटन स्टॉक एक्सचेंज के अंतरिम मुख्य कार्यकारी बालू नायर ने कहा कि निवेशकों को एलआईसी के आईपीओ का बेसब्री से इंतजार रहेगा.
सैमको सिक्युरिटीज के मुख्य कार्यकारी जिमीत मोदी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की सबसे बड़ी बीमा कम्पनी को भारतीय शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कराने की सारी संभावनाओं को स्पष्ट कर दिया है. इसकी एक बड़ी वजह 2020-21 के विनिवेश लक्ष्य को पाना है. इससे सरकार को अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को भरने में मदद मिलेगी.