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कश्मीर घाटी में रेलवे कर्मचारियों को जारी पत्र का कोई आधार नहींः RPF DG - dg rpf

RPF के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त द्वारा जारी पत्र को लेकर कुछ समय पहले बवाल हुआ था. रेलवे ने पत्र को निरस्त पर उसे आधारहीन बताया है. इस संबंध में RPF महानिदेशक अरुण कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत भी की है. पढ़ें पूरी खबर....

RPF DG अरुण कुमार
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Published : Jul 29, 2019, 6:14 PM IST

नई दिल्लीः कश्मीर घाटी में बिगड़ते हालातों के मद्देनजर RPF के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त श्रीनगर के कार्यालय ने पत्र जारी किया था. जिस पर कई सवाल खड़े हुए. RPF (रेलवे सुरक्षा बल) के महानिदेशक अरुण कुमार ने पत्र को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत की है.

उनका कहना है कि यह पत्र अनधिकृत है, जिसका कोई आधार नहीं है.

बता दें इस पत्र के बाद विभाग में मानो खलबली सी मच गई थी.

रेलवे ने स्पष्ट किया कि जारी पत्र का कोई आधार नहीं है. साथ ही रेलवे ने यह भी कहा अधिकारी को पत्र जारी करने का कोई अधिकार भी नहीं था.

क्या लिखा था पत्र में
गौरतलब है कि, बडगाम में रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी ने पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों से लंबे समय तक कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते राशन जमा करने समेत अन्य कदम उठाने के लिए कहा था.

सुरक्षा पर चर्चा करने के लिए पत्र में आरपीएफ कर्मियों को कम से कम चार महीने के सूखे राशन को पहले ही खरीदने और पीने के पानी को स्टोर करने के लिए कहा गया है.

साथ ही यह भी कहा गया है कि रेलवे अधिकारियों को अपने पिट्ठू बैग को हमेशा किसी भी संकट की स्थिति से निपटने के लिए खाने, पीने के पानी, पैसे के लिए लिए तैयार रखना चाहिए.

ईटीवी भारत ने रेलवे निदेशक से बात की...

अरुण कुमार ने ईटीवी भारत से साझा की जानकारी
अरुण कुमार ने कहा कि, यह पत्र अनधिकृत है, इसका कोई आधार नहीं है.

हमारे वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त अध्ययन अवकाश पर गए हैं. जिस व्यक्ति ने यह पत्र जारी किया है, उसने यह अपने आधार पर लिखा है. हमारे पास कोई ऐसा तरीका नहीं है कि हम घाटी की स्थिति के बारे में कोई विशेष जानकारी लें. यह पूरी तरह से गलत और आधारहीन पत्र है, हमने पहले ही इसे वापस ले लिया है.

पढ़ेंः रेलवे के सालों से अटके प्रोजेक्ट की बहाली, यात्रियों को मिलेगी बड़ी राहत

पत्र को बताया आधारहीन
पत्र में स्थानीय कर्मचारियों को अपने परिवारों को अपने रिश्तेदारों या मूल स्थानों पर भेजने के लिए कहा गया था क्योंकि "वे वहां अधिक सुरक्षित होंगे" और अधिकारियों से कहा कि वे मोब से बातचीत न करें और उन्हें रेलवे प्रतिष्ठानों के पास अनुमति न दें.
रेल मंत्रालय ने पत्र को किया निरस्त

रेल मंत्रालय ने यह कहकर पत्र को निरस्त कर दिया कि अधिकारी को इस तरह का पत्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं था.

पुलिस महानिरीक्षक, (उत्तर रेलवे), RPF, संजय किशोर को स्थिति का आकलन करने और सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए कश्मीर भेजा जा रहा है.

अरुण कुमार ने कहा, अधिकारी घाटी में नया है और वह अगले महीने रिटायर होने जा रहा है. ऐसे में वह RPF के लोगों को अगले चार महीनों तक भोजन स्टोर करने के लिए कैसे कह सकता है? यह पूरी तरह से निराधार है, जो कि गलत तरीके से वितरित हुआ है.

पत्र में स्थानीय कर्मचारियों को अपने परिवारों को अपने रिश्तेदारों या मूल स्थानों पर भेजने के लिए कहा गया था क्योंकि वे वहां अधिक सुरक्षित होंगे और अधिकारियों से कहा कि वे मोबाइल से बातचीत न करें और उन्हें रेलवे प्रतिष्ठानों के पास अनुमति न दें.

अरुण कुमार ने कहा, घाटी में सब कुछ सामान्य है, और RPF को ऐसे कोई निर्देश नहीं दिए जा रहे हैं.

नई दिल्लीः कश्मीर घाटी में बिगड़ते हालातों के मद्देनजर RPF के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त श्रीनगर के कार्यालय ने पत्र जारी किया था. जिस पर कई सवाल खड़े हुए. RPF (रेलवे सुरक्षा बल) के महानिदेशक अरुण कुमार ने पत्र को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत की है.

उनका कहना है कि यह पत्र अनधिकृत है, जिसका कोई आधार नहीं है.

बता दें इस पत्र के बाद विभाग में मानो खलबली सी मच गई थी.

रेलवे ने स्पष्ट किया कि जारी पत्र का कोई आधार नहीं है. साथ ही रेलवे ने यह भी कहा अधिकारी को पत्र जारी करने का कोई अधिकार भी नहीं था.

क्या लिखा था पत्र में
गौरतलब है कि, बडगाम में रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी ने पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों से लंबे समय तक कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते राशन जमा करने समेत अन्य कदम उठाने के लिए कहा था.

सुरक्षा पर चर्चा करने के लिए पत्र में आरपीएफ कर्मियों को कम से कम चार महीने के सूखे राशन को पहले ही खरीदने और पीने के पानी को स्टोर करने के लिए कहा गया है.

साथ ही यह भी कहा गया है कि रेलवे अधिकारियों को अपने पिट्ठू बैग को हमेशा किसी भी संकट की स्थिति से निपटने के लिए खाने, पीने के पानी, पैसे के लिए लिए तैयार रखना चाहिए.

ईटीवी भारत ने रेलवे निदेशक से बात की...

अरुण कुमार ने ईटीवी भारत से साझा की जानकारी
अरुण कुमार ने कहा कि, यह पत्र अनधिकृत है, इसका कोई आधार नहीं है.

हमारे वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त अध्ययन अवकाश पर गए हैं. जिस व्यक्ति ने यह पत्र जारी किया है, उसने यह अपने आधार पर लिखा है. हमारे पास कोई ऐसा तरीका नहीं है कि हम घाटी की स्थिति के बारे में कोई विशेष जानकारी लें. यह पूरी तरह से गलत और आधारहीन पत्र है, हमने पहले ही इसे वापस ले लिया है.

पढ़ेंः रेलवे के सालों से अटके प्रोजेक्ट की बहाली, यात्रियों को मिलेगी बड़ी राहत

पत्र को बताया आधारहीन
पत्र में स्थानीय कर्मचारियों को अपने परिवारों को अपने रिश्तेदारों या मूल स्थानों पर भेजने के लिए कहा गया था क्योंकि "वे वहां अधिक सुरक्षित होंगे" और अधिकारियों से कहा कि वे मोब से बातचीत न करें और उन्हें रेलवे प्रतिष्ठानों के पास अनुमति न दें.
रेल मंत्रालय ने पत्र को किया निरस्त

रेल मंत्रालय ने यह कहकर पत्र को निरस्त कर दिया कि अधिकारी को इस तरह का पत्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं था.

पुलिस महानिरीक्षक, (उत्तर रेलवे), RPF, संजय किशोर को स्थिति का आकलन करने और सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए कश्मीर भेजा जा रहा है.

अरुण कुमार ने कहा, अधिकारी घाटी में नया है और वह अगले महीने रिटायर होने जा रहा है. ऐसे में वह RPF के लोगों को अगले चार महीनों तक भोजन स्टोर करने के लिए कैसे कह सकता है? यह पूरी तरह से निराधार है, जो कि गलत तरीके से वितरित हुआ है.

पत्र में स्थानीय कर्मचारियों को अपने परिवारों को अपने रिश्तेदारों या मूल स्थानों पर भेजने के लिए कहा गया था क्योंकि वे वहां अधिक सुरक्षित होंगे और अधिकारियों से कहा कि वे मोबाइल से बातचीत न करें और उन्हें रेलवे प्रतिष्ठानों के पास अनुमति न दें.

अरुण कुमार ने कहा, घाटी में सब कुछ सामान्य है, और RPF को ऐसे कोई निर्देश नहीं दिए जा रहे हैं.

Intro:New Delhi: Revoking the letter issued by the office of the Senior Divisional Security Commissioner, Railway Protection Force, Srinagar, over the speculation of deteriorating situation in the Valley, Director General of RPF, Arun Kumar said that the letter is "unauthorised" and has "no basis".


Body:Stating that the "precautionary security measures" are being discussed during a "security meeting", the letter asks the RPF personnels to purchase, in advance, dry ration of at least four months and to store drinking water for at least seven days consumption. It also said that the Railway officials should always keep their pitthu bag ready with sufficient amount of eatables, drinking water, money to "meet any crisis situation."

While speaking exclusively to ETV Bharat, Arun Kumar said, "The letter is unauthorised, there is no basis of that. Our Senior Divisional Security Commissioner has gone on a study leave. The person who has issued this letter, has written this letter based on his own perceptions. There is no way that we access to the intelligence or any specific information about the situation in the Valley. That is totally misplaced and baseless circular, we've already withdrawn it."

The Ministry of Railways also revoked the letter by saying that the "officer was not authorised to issue such a letter and did not have the approval of the competent authority to do so either."

The Inspector General (Northern Railways), RPF, Sanjay Kishore is being sent to Kashmir to assess the situation and take corrective action, informed DG RPF.



Conclusion:According to the letter, a precautionary security meeting was held on 27th of July which was being chaired by Sudesh Nugyal, Assistant Security Commissioner, RPF, regarding the "forecast of deteriorating situation in the Valley and issue of law and order for a long period." Arun Kumar said, "The Officer is New in the Valley and he is going to retire next month. So how can he ask the RPF personnels to store food for the next four months? This is completely baseless."

The letter also asked the local staff to send their families to their relatives or native places as "they would be more safe there" and also asked the officials not to negotiate with mobs and not to allow them near Railway installations.

"Everything is normal in the Valley and no such instructions are being given to the RPF," said Arun Kumar.
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