नई दिल्लीः कश्मीर घाटी में बिगड़ते हालातों के मद्देनजर RPF के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त श्रीनगर के कार्यालय ने पत्र जारी किया था. जिस पर कई सवाल खड़े हुए. RPF (रेलवे सुरक्षा बल) के महानिदेशक अरुण कुमार ने पत्र को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत की है.
उनका कहना है कि यह पत्र अनधिकृत है, जिसका कोई आधार नहीं है.
बता दें इस पत्र के बाद विभाग में मानो खलबली सी मच गई थी.
रेलवे ने स्पष्ट किया कि जारी पत्र का कोई आधार नहीं है. साथ ही रेलवे ने यह भी कहा अधिकारी को पत्र जारी करने का कोई अधिकार भी नहीं था.
क्या लिखा था पत्र में
गौरतलब है कि, बडगाम में रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी ने पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों से लंबे समय तक कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते राशन जमा करने समेत अन्य कदम उठाने के लिए कहा था.
सुरक्षा पर चर्चा करने के लिए पत्र में आरपीएफ कर्मियों को कम से कम चार महीने के सूखे राशन को पहले ही खरीदने और पीने के पानी को स्टोर करने के लिए कहा गया है.
साथ ही यह भी कहा गया है कि रेलवे अधिकारियों को अपने पिट्ठू बैग को हमेशा किसी भी संकट की स्थिति से निपटने के लिए खाने, पीने के पानी, पैसे के लिए लिए तैयार रखना चाहिए.
अरुण कुमार ने ईटीवी भारत से साझा की जानकारी
अरुण कुमार ने कहा कि, यह पत्र अनधिकृत है, इसका कोई आधार नहीं है.
हमारे वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त अध्ययन अवकाश पर गए हैं. जिस व्यक्ति ने यह पत्र जारी किया है, उसने यह अपने आधार पर लिखा है. हमारे पास कोई ऐसा तरीका नहीं है कि हम घाटी की स्थिति के बारे में कोई विशेष जानकारी लें. यह पूरी तरह से गलत और आधारहीन पत्र है, हमने पहले ही इसे वापस ले लिया है.
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पत्र को बताया आधारहीन
पत्र में स्थानीय कर्मचारियों को अपने परिवारों को अपने रिश्तेदारों या मूल स्थानों पर भेजने के लिए कहा गया था क्योंकि "वे वहां अधिक सुरक्षित होंगे" और अधिकारियों से कहा कि वे मोब से बातचीत न करें और उन्हें रेलवे प्रतिष्ठानों के पास अनुमति न दें.
रेल मंत्रालय ने पत्र को किया निरस्त
रेल मंत्रालय ने यह कहकर पत्र को निरस्त कर दिया कि अधिकारी को इस तरह का पत्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं था.
पुलिस महानिरीक्षक, (उत्तर रेलवे), RPF, संजय किशोर को स्थिति का आकलन करने और सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए कश्मीर भेजा जा रहा है.
अरुण कुमार ने कहा, अधिकारी घाटी में नया है और वह अगले महीने रिटायर होने जा रहा है. ऐसे में वह RPF के लोगों को अगले चार महीनों तक भोजन स्टोर करने के लिए कैसे कह सकता है? यह पूरी तरह से निराधार है, जो कि गलत तरीके से वितरित हुआ है.
पत्र में स्थानीय कर्मचारियों को अपने परिवारों को अपने रिश्तेदारों या मूल स्थानों पर भेजने के लिए कहा गया था क्योंकि वे वहां अधिक सुरक्षित होंगे और अधिकारियों से कहा कि वे मोबाइल से बातचीत न करें और उन्हें रेलवे प्रतिष्ठानों के पास अनुमति न दें.
अरुण कुमार ने कहा, घाटी में सब कुछ सामान्य है, और RPF को ऐसे कोई निर्देश नहीं दिए जा रहे हैं.