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आतंकी हमले में शहीद जवान का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार - last rites of crpf jawan

जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में आतंकी हमले में शहीद हुए एएसआई नरेश उमराव का शुक्रवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया है. शहादत के बाद उनके भाई विजय बडोल ने उन से जुड़ी बचपन की यादें साझा कीं.

martyr Naresh Umrao
जवान नरेश उमराव बडोले
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Published : Sep 25, 2020, 3:34 PM IST

Updated : Sep 25, 2020, 3:46 PM IST

नागपुर (महाराष्ट्र) : जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में आतंकवादी हमले में गोंदिया (महाराष्ट्र) के जवान नरेश उमराव बडोले शहीद हो गए थे. वह केंद्रीय रिजर्व रिजर्व बल (सीआरपीएफ) की 117वीं बटालियन में सेवारत थे. जवान शहीद नरेश उमराव बडोले का शुक्रवार को उनके पैतृक गांव पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

नरेश उमराव सीआरपीएफ में एएसआई पद पर तैनात थे. नरेश उमराव की शहादत के बाद उनके भाई विजय बडोले ने उनसे जुड़ी बचपन की यादें साझा कीं. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में प्रशिक्षण के लिए नरेश नांदेड़ आए थे. उन्होंने बताया कि नरेश करीब एक महीने घर पर बिताने के बाद वापस ड्यूटी पर लौट गए थे.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर : शोपियां में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमला

जवान नरेश उमराव बडोले का जन्म 24 अप्रैल, 1971 को हुआ था. बडोले 1989 में सीआरपीएफ में शामिल हुए थे. वह बडगाम जिले के छादुरा इलाके में गश्त पर थे, जब उनके काफिले पर गुरुवार सुबह करीब आठ बजे आतंकियों ने हमला किया. इस हमले में बडोले गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

नागपुर (महाराष्ट्र) : जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में आतंकवादी हमले में गोंदिया (महाराष्ट्र) के जवान नरेश उमराव बडोले शहीद हो गए थे. वह केंद्रीय रिजर्व रिजर्व बल (सीआरपीएफ) की 117वीं बटालियन में सेवारत थे. जवान शहीद नरेश उमराव बडोले का शुक्रवार को उनके पैतृक गांव पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

नरेश उमराव सीआरपीएफ में एएसआई पद पर तैनात थे. नरेश उमराव की शहादत के बाद उनके भाई विजय बडोले ने उनसे जुड़ी बचपन की यादें साझा कीं. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में प्रशिक्षण के लिए नरेश नांदेड़ आए थे. उन्होंने बताया कि नरेश करीब एक महीने घर पर बिताने के बाद वापस ड्यूटी पर लौट गए थे.

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जवान नरेश उमराव बडोले का जन्म 24 अप्रैल, 1971 को हुआ था. बडोले 1989 में सीआरपीएफ में शामिल हुए थे. वह बडगाम जिले के छादुरा इलाके में गश्त पर थे, जब उनके काफिले पर गुरुवार सुबह करीब आठ बजे आतंकियों ने हमला किया. इस हमले में बडोले गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

Last Updated : Sep 25, 2020, 3:46 PM IST
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