आइजोल: मिजोरम में पहली बार कोई महिला लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरने जा रही है. 63 साल की लालथलामौनी एक एनजीओ से जुड़ी हुई हैं. लालथलामौनी के सामने पांच पुरुष उम्मीदवार हैं. उनका कहना है कि यह कदम उन्होंने भगवान के इशारे पर उठाया है. उन्होंने पिछले साल मिजोरम विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
निर्दलीय उम्मीदवार लालथलामुनी सहित सभी छह उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 11 अप्रैल को होगा.
बता दें, 7,84,405 पात्र मतदाताओं में से 4,02,408 महिलाएं, 3,81,991 पुरुष और छह थर्ड जेंडर मतदाता हैं.
लालथलामुनी एक यहूदी हैं और उनके पांच नाती-पौते हैं. वही छिन्लुंग इजराइल पीपल कन्वेंशन (CIPC) नामक एनजीओ चलाती हैं.
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित मिजोरम में संसदीय निर्वाचन क्षेत्र बहुकोणीय प्रतियोगिता के लिए निर्धारित है.
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के उम्मीदवार सी. लालरोसंगा और लालघिंगोलवा हमार के बीच है, जो संयुक्त रूप से विपक्षी कांग्रेस और ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) की ओर से मैदान में उतरे हैं.
हमार एक युवा खेल पत्रकार और मिजोरम फुटबॉल एसोसिएशन के मानद सचिव हैं, जबकि लालरोसंगा दूरदर्शन के पूर्व महानिदेशक हैं.
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने निरूपम चकमा को मैदान में उतारा है, जो कुछ साल पहले कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए हैं.
दूसरी तरफ, पीपुल्स रिप्रजेंटेशन फॉर आइडेंटिटी एंड स्टेटस ऑफ मिजोरम (प्रिज्म)- एक भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी दल ने राजनीतिक दल में तब्दील होते हुए TBC लालवेंचुंगा को मैदान में उतारा है.
एक अन्य आजाद उम्मीदवार लालिरितरेंगा छांगटे भी सभी को टक्कर देने के लिये मैदान में हैं.
मिजोरम की लोन लोकसभा सीट और आइजोल वेस्ट-1 विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव 11 अप्रैल को होंगे.
इस उपचुनाव की जरूरत इसलिये थी क्योंकि ZPM विधायक लालडूहोमा ने इसे सेरची निर्वाचन क्षेत्र के लिये खाली कर दिया था.