ETV Bharat / bharat

बजट 2020 : जानिए कहां से आता है पैसा और कहां होता है खर्च

author img

By

Published : Feb 1, 2020, 5:34 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 7:14 PM IST

बजट के सार में बजट अनुमानों को स्थूल समूहों मे बांट कर परिलक्षित किया जाता है ताकि बजट को आसानी से समझा जा सके. यह दस्तावेज भारत सरकार की प्रप्तियों एंव व्यय के साथ साथ राजकोषीय घाट, राजस्व घाटे, प्रभावी राजस्व घाटे एंव प्राथमिक घाटे को दर्शाता है.

रुपये की आमदनी और व्यय का विवरण
रुपये की आमदनी और व्यय का विवरण

नई दिल्ली : बजट के सार में बजट अनुमानों को स्थूल समूहों मे बांट कर परिलक्षित किया जाता है، ताकि बजट को आसानी से समझा जा सके. यह दस्तावेज भारत सरकार की प्रप्तियों एंव व्यय के साथ साथ राजकोषीय घाट, राजस्व घाटे, प्रभावी राजस्व घाटे एंव प्राथमिक घाटे को दर्शाता है.

कहां से आता है पैसा

2019 में जहां 20 प्रतिशत पैसा उधार और अन्य माध्यम से आता था 2021 में अब भी कोई बदलाव नहीं आया है. हालांकि 2019 में निगम कर से होने वाली आय में जरूर थोड़ा इजाफा हुआ है, जहां 2019 में निगम कर से 18 प्रतिशत आय आती थी वह बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई है. इसके अलावा 2019 में जहां आयकर से होने वाली 16 प्रतिशत इनकम अब बढ़कर 17 प्रतिशत हो गई है. जबकि सीमा शुल्क से जहां 2019 में चार प्रतिशत आय होती थी उसमें भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है.

इसके अलावा केंद्र उत्पाद शुल्क से 2019 में जहां आठ प्रतिशत कमाई होती थी वह अब घट कर सात फीसद रह गई है. माल और सेवा कर से होने वाली आय18 प्रतिशत से बढ़कर 19 प्रतिशत हो गई है.इसके अलावा कर भिन्न राजस्व नौ प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है. हालांकि, त्रृण भिन्न पूंजी प्राप्तियां के तहत होने वाली आय 2019 में 6 प्रतिशत से घटकर तीन प्रतिशत रह गई.


कहां खर्च होता है पैसा

अगर बात की जाए पैसै खर्च करने की तो, करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्सा जहां 2019 में23 प्रतिशत था वह अब 20 प्रतिशत रह गया है, वहीं पैंशन का खर्च 2019 के मुकाबले पांच प्रतिशत से बढ़ कर छह प्रतिशत हो गया है. जहां अन्य खर्चे केवल आठ फीसद थे वह अब 10 फीसदी हो गए हैं इसके अलावा केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में कोई बदलाव नहीं हुआ है.जबकि केंद्रीय क्षेत्रिय योजनाएं भी पिछले साल की तरह 13 प्रतिशत हैं जबकि ब्याज अदाएगी भी ज्यों की त्यों 18 प्रतिशत है. वहीं अगर बात करें रक्षा खर्च को तो वह आठ प्रतिशत से बढ़कर नौ प्रतिशत , आर्थिक सहायता खर्च आठ प्रतिशत से घटकर छह प्रतिशत और वित्त आयोग सात प्रतीश्त से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है.

नई दिल्ली : बजट के सार में बजट अनुमानों को स्थूल समूहों मे बांट कर परिलक्षित किया जाता है، ताकि बजट को आसानी से समझा जा सके. यह दस्तावेज भारत सरकार की प्रप्तियों एंव व्यय के साथ साथ राजकोषीय घाट, राजस्व घाटे, प्रभावी राजस्व घाटे एंव प्राथमिक घाटे को दर्शाता है.

कहां से आता है पैसा

2019 में जहां 20 प्रतिशत पैसा उधार और अन्य माध्यम से आता था 2021 में अब भी कोई बदलाव नहीं आया है. हालांकि 2019 में निगम कर से होने वाली आय में जरूर थोड़ा इजाफा हुआ है, जहां 2019 में निगम कर से 18 प्रतिशत आय आती थी वह बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई है. इसके अलावा 2019 में जहां आयकर से होने वाली 16 प्रतिशत इनकम अब बढ़कर 17 प्रतिशत हो गई है. जबकि सीमा शुल्क से जहां 2019 में चार प्रतिशत आय होती थी उसमें भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है.

इसके अलावा केंद्र उत्पाद शुल्क से 2019 में जहां आठ प्रतिशत कमाई होती थी वह अब घट कर सात फीसद रह गई है. माल और सेवा कर से होने वाली आय18 प्रतिशत से बढ़कर 19 प्रतिशत हो गई है.इसके अलावा कर भिन्न राजस्व नौ प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है. हालांकि, त्रृण भिन्न पूंजी प्राप्तियां के तहत होने वाली आय 2019 में 6 प्रतिशत से घटकर तीन प्रतिशत रह गई.


कहां खर्च होता है पैसा

अगर बात की जाए पैसै खर्च करने की तो, करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्सा जहां 2019 में23 प्रतिशत था वह अब 20 प्रतिशत रह गया है, वहीं पैंशन का खर्च 2019 के मुकाबले पांच प्रतिशत से बढ़ कर छह प्रतिशत हो गया है. जहां अन्य खर्चे केवल आठ फीसद थे वह अब 10 फीसदी हो गए हैं इसके अलावा केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में कोई बदलाव नहीं हुआ है.जबकि केंद्रीय क्षेत्रिय योजनाएं भी पिछले साल की तरह 13 प्रतिशत हैं जबकि ब्याज अदाएगी भी ज्यों की त्यों 18 प्रतिशत है. वहीं अगर बात करें रक्षा खर्च को तो वह आठ प्रतिशत से बढ़कर नौ प्रतिशत , आर्थिक सहायता खर्च आठ प्रतिशत से घटकर छह प्रतिशत और वित्त आयोग सात प्रतीश्त से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Feb 28, 2020, 7:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.