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राज्यसभा चुनाव : 19 सीटों पर कैसा है राजनीतिक समीकरण, जानें - लॉकडाउन में राहत

राज्यसभा की 19 सीटों के लिए आज चुनाव हो रहे हैं. आंध्रप्रदेश और गुजरात में चार- चार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में तीन-तीन, झारखंड में दो और मणिपुर, मिजोरम और मेघालय में एक-एक सीटों पर चुनाव कराए जा रहे हैं. जानें क्या हैं इन सीटों पर राजनीतिक समीकरण.

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सात राज्यों की 18 राज्सभा सीटों के लिए आज होगा चुनाव
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Published : Jun 19, 2020, 10:09 AM IST

Updated : Jun 19, 2020, 5:04 PM IST

नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने 24 मार्च के अपने आदेश में लॉकडाउन के चलते चुनावों को स्थगित कर दिया था. लेकिन अब लॉकडाउन में काफी हद तक राहत दी गई है, जिसके बाद आयोग ने आठ राज्यों की 19 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान कराने का एलान किया था. आज इन पर मतदान हो रहे हैं.

19 सीटों में आंध्रप्रदेश और गुजरात में चार- चार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में तीन-तीन, झारखंड में दो तथा मणिपुर, मिजोरम और मेघालय में एक-एक सीटों पर चुनाव संपन्न हो रहे हैं. चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा के बीच खूब राजनीति हुई. दोनों ने एक दूसरे पर खरीद-फरोख्त के आरोप-प्रत्यारोप लगाए. गुजरात में कांग्रेस के तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को राजस्थान भेज दिया.

राजस्थान :

राजस्थान में कुल तीन सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. राज्य में कुल विधानसभा सीटों की संख्या 200 है. कांग्रेस के 107 विधायक हैं. एक दर्जन विधायक निर्दलीय हैं.

प्रदेश की 3 सीटों पर इस बार चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इनमें कांग्रेस के नीरज डांगी और केसी वेणुगोपाल अपना भाग्य आजमा रहे हैं. वहीं भाजपा की ओर से राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को चुनाव मैदान में बतौर प्रत्याशी उतारा गया है.

चुनाव में प्रदेश के सभी विधायक वोट डालने के अधिकारी होंगे. मौजूदा विधायकों की संख्या बल के आधार पर 3 में से 2 सीटें कांग्रेस का और 1 सीट बीजेपी का जीतना तय माना जा रहा है.

राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा ने एक दूसरे पर विधायकों को प्रलोभन देने का आरोप लगाते हुए अपने-अपने विधायकों को अलग-अलग होटलों में रखा था.

कांग्रेस ने राजस्थान के अपने सभी विधायकों को जयपुर के एक होटल में ठहराया और भाजपा पर राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

मणिपुर :

राज्य में विधानसभा की कुल 60 सीटें हैं और कुल एक सीट पर चुनाव हो रहे हैं. बता दें कांग्रेस विधानसभा की इन 60 सीटों में से 28 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है.

मणिपुर में नौ विधायकों द्वारा भाजता नीत सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद सियासी संकट पैदा हो गया है. विधयाकों के समर्थन वापस लेने और इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की सरकार अल्पमत में आई गई है. इस बीच कांग्रेस पार्टी राज्य में नई सरकार बनाने की तैयारी में जुट गई है.

मणिपुर विधानसभा में इस समय कांग्रेस के 29 विधायक और भाजपा के 22 विधायक हैं. अन्य दलों के विधायकों समेत कुल 52 विधायक मतदान कर सकते हैं. कांग्रेस के सात विधायक वोट देने के पात्र नहीं होंगे, क्योंकि मणिपुर हाईकोर्ट ने उनके विधानसभा में प्रवेश करने से रोक दिया है.

मध्य प्रदेश :

राज्य में कुल तीन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. बता दें यहां विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं.

2018 के विधानसभा चुनावों की अगर बात की जाए, तो यहां भाजपा के 109 और कांग्रेस के 114 विधायकों ने जीत हासिल की. ​​कांग्रेस के 22 विधायक भाजपा की ओर चले गए. इसके बाद राज्य में फिर से भाजपा की सरकार बनी.

मध्य प्रदेश में तीन सीटों के लिए भाजपा और कांग्रेस ने दो-दो उम्मीदवार उतारे हैं. भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा सुमेर सिंह सोलंकी को, वहीं कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह और दलित नेता फूल सिंह बरैया को उम्मीदवार बनाया है.

कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कुल 22 विधायकों ने मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार की पुनर्स्थापना के लिए इस्तीफा दे दिया था. सत्ता के ऐसे परिवर्तनों को अनौपचारिक रूप से 'ऑपरेशन कमल' कहा जाता है.

झारखंड :

इस चुनाव में सीएम हेमंत सोरेन के पिता और जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन मैदान में हैं और कांग्रेस ने शहजादा अनवर को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को अपना प्रत्याशी बनाया है.

झारखंड से राज्यसभा में सीटों की संख्या छह है. फिलहाल झारखंड से बीजेपी के तीन और कांग्रेस के एक सांसद हैं. मुख्तार अब्बास नकवी, समीर उरांव और महेश पोद्दार राज्यसभा में बीजेपी का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहीं धीरज साहू कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा में मुखर रहते हैं. मुख्तार अब्बास नकवी का कार्यकाल 2022, महेश पोद्दार 2022, समीर उरांव 2024 और धीरज साहू का 2024 में कार्यकाल खत्म होगा.

गुजरात :

गुजरात में मुकाबला रोचक होने की संभावना है क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस दोनों में किसी के पास भी अपनी बदौलत अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए विधानसभा में पर्याप्त संख्या नहीं है.

आंध्रप्रदेश :

आंध्र प्रदेश से राज्यसभा के लिए चार सदस्यों का चुनाव होगा. राज्य विधानसभा में पर्याप्त संख्या रहने के कारण सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के चारों सीटों पर जीत हासिल करने के आसार हैं.

ऊपरी सदन की 55 सीटों के लिए 26 मार्च को ही चुनाव होने वाला था लेकिन 37 उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध जीत चुके हैं.

निर्विरोध निर्वाचन :

गौरतलब है कि कर्नाटक में चार सीटों पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, भाजपा उम्मीदवार इरन्ना कडाडी और अशोक गस्ती को पहले ही निर्विरोध विजेता घोषित किया जा चुका है.

अरूणाचल प्रदेश से भी राज्यसभा की इकलौती सीट से भाजपा उम्मीदवार नबाम रेबिया की निर्विरोध जीत घोषित की जा चुकी है.

नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने 24 मार्च के अपने आदेश में लॉकडाउन के चलते चुनावों को स्थगित कर दिया था. लेकिन अब लॉकडाउन में काफी हद तक राहत दी गई है, जिसके बाद आयोग ने आठ राज्यों की 19 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान कराने का एलान किया था. आज इन पर मतदान हो रहे हैं.

19 सीटों में आंध्रप्रदेश और गुजरात में चार- चार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में तीन-तीन, झारखंड में दो तथा मणिपुर, मिजोरम और मेघालय में एक-एक सीटों पर चुनाव संपन्न हो रहे हैं. चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा के बीच खूब राजनीति हुई. दोनों ने एक दूसरे पर खरीद-फरोख्त के आरोप-प्रत्यारोप लगाए. गुजरात में कांग्रेस के तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को राजस्थान भेज दिया.

राजस्थान :

राजस्थान में कुल तीन सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. राज्य में कुल विधानसभा सीटों की संख्या 200 है. कांग्रेस के 107 विधायक हैं. एक दर्जन विधायक निर्दलीय हैं.

प्रदेश की 3 सीटों पर इस बार चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इनमें कांग्रेस के नीरज डांगी और केसी वेणुगोपाल अपना भाग्य आजमा रहे हैं. वहीं भाजपा की ओर से राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को चुनाव मैदान में बतौर प्रत्याशी उतारा गया है.

चुनाव में प्रदेश के सभी विधायक वोट डालने के अधिकारी होंगे. मौजूदा विधायकों की संख्या बल के आधार पर 3 में से 2 सीटें कांग्रेस का और 1 सीट बीजेपी का जीतना तय माना जा रहा है.

राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा ने एक दूसरे पर विधायकों को प्रलोभन देने का आरोप लगाते हुए अपने-अपने विधायकों को अलग-अलग होटलों में रखा था.

कांग्रेस ने राजस्थान के अपने सभी विधायकों को जयपुर के एक होटल में ठहराया और भाजपा पर राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

मणिपुर :

राज्य में विधानसभा की कुल 60 सीटें हैं और कुल एक सीट पर चुनाव हो रहे हैं. बता दें कांग्रेस विधानसभा की इन 60 सीटों में से 28 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है.

मणिपुर में नौ विधायकों द्वारा भाजता नीत सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद सियासी संकट पैदा हो गया है. विधयाकों के समर्थन वापस लेने और इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की सरकार अल्पमत में आई गई है. इस बीच कांग्रेस पार्टी राज्य में नई सरकार बनाने की तैयारी में जुट गई है.

मणिपुर विधानसभा में इस समय कांग्रेस के 29 विधायक और भाजपा के 22 विधायक हैं. अन्य दलों के विधायकों समेत कुल 52 विधायक मतदान कर सकते हैं. कांग्रेस के सात विधायक वोट देने के पात्र नहीं होंगे, क्योंकि मणिपुर हाईकोर्ट ने उनके विधानसभा में प्रवेश करने से रोक दिया है.

मध्य प्रदेश :

राज्य में कुल तीन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. बता दें यहां विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं.

2018 के विधानसभा चुनावों की अगर बात की जाए, तो यहां भाजपा के 109 और कांग्रेस के 114 विधायकों ने जीत हासिल की. ​​कांग्रेस के 22 विधायक भाजपा की ओर चले गए. इसके बाद राज्य में फिर से भाजपा की सरकार बनी.

मध्य प्रदेश में तीन सीटों के लिए भाजपा और कांग्रेस ने दो-दो उम्मीदवार उतारे हैं. भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा सुमेर सिंह सोलंकी को, वहीं कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह और दलित नेता फूल सिंह बरैया को उम्मीदवार बनाया है.

कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कुल 22 विधायकों ने मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार की पुनर्स्थापना के लिए इस्तीफा दे दिया था. सत्ता के ऐसे परिवर्तनों को अनौपचारिक रूप से 'ऑपरेशन कमल' कहा जाता है.

झारखंड :

इस चुनाव में सीएम हेमंत सोरेन के पिता और जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन मैदान में हैं और कांग्रेस ने शहजादा अनवर को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को अपना प्रत्याशी बनाया है.

झारखंड से राज्यसभा में सीटों की संख्या छह है. फिलहाल झारखंड से बीजेपी के तीन और कांग्रेस के एक सांसद हैं. मुख्तार अब्बास नकवी, समीर उरांव और महेश पोद्दार राज्यसभा में बीजेपी का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहीं धीरज साहू कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा में मुखर रहते हैं. मुख्तार अब्बास नकवी का कार्यकाल 2022, महेश पोद्दार 2022, समीर उरांव 2024 और धीरज साहू का 2024 में कार्यकाल खत्म होगा.

गुजरात :

गुजरात में मुकाबला रोचक होने की संभावना है क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस दोनों में किसी के पास भी अपनी बदौलत अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए विधानसभा में पर्याप्त संख्या नहीं है.

आंध्रप्रदेश :

आंध्र प्रदेश से राज्यसभा के लिए चार सदस्यों का चुनाव होगा. राज्य विधानसभा में पर्याप्त संख्या रहने के कारण सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के चारों सीटों पर जीत हासिल करने के आसार हैं.

ऊपरी सदन की 55 सीटों के लिए 26 मार्च को ही चुनाव होने वाला था लेकिन 37 उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध जीत चुके हैं.

निर्विरोध निर्वाचन :

गौरतलब है कि कर्नाटक में चार सीटों पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, भाजपा उम्मीदवार इरन्ना कडाडी और अशोक गस्ती को पहले ही निर्विरोध विजेता घोषित किया जा चुका है.

अरूणाचल प्रदेश से भी राज्यसभा की इकलौती सीट से भाजपा उम्मीदवार नबाम रेबिया की निर्विरोध जीत घोषित की जा चुकी है.

Last Updated : Jun 19, 2020, 5:04 PM IST
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