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हिमांशु को हार्वर्ड से न्योता, लखनवी अंदाज में सुनाएंगे किस्से

हार्वर्ड विश्वविद्यालय में आयोजित लखनवी किस्सागोई के डेढ़ घंटे के सत्र में हिमांशु बाजपेयी तूती-ए-हिन्द अमीर खुसरो की जिन्दगी एवं शायरी पर केन्द्रित किस्सागोई करेंगे. हिमांशु के किस्सागोई सत्र का शीर्षक 'खुसरो दरिया प्रेम का: दक्षिण एशियाई परंपराओं में विश्व-बंधुत्व एवं सम्मिलन' है.

kissagoi of lucknow now at harvard
डिजिटल माध्यम से होगी क़िस्सागोई
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Published : Oct 4, 2020, 10:59 PM IST

Updated : Oct 5, 2020, 12:34 AM IST

लखनऊ विश्व-प्रसिद्ध हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अब लखनऊ की किस्सागोई धूम मचाएगी. शहर के जाने-माने दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी को हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने अपने एक अति विशिष्ट आयोजन में दास्तानगोई करने के लिए खासतौर पर आमंत्रित किया है. 2020 'हार्वर्ड वर्ल्ड वाइड वीक' के अन्तर्गत होने वाले इस आयोजन का नाम '24 आवर्स ऑफ हार्वर्ड' (24hH) है. जिसमें 8 अक्टूबर को हिमांशु बाजपेयी डिजिटल दुनिया के दर्शकों के सामने अपनी किस्सागोई पेश करेंगे.

पढ़ें: डीजीपी-आईजीपी की वार्षिक बैठक में शामिल होंगे मोदी-शाह

अमीर खुसरो की जिन्दगी एवं शायरी पर केन्द्रित होगी किस्सागोई
हिमांशु ने रविवार को बताया कि डेढ़ घंटे के इस किस्सागोई सत्र का शीर्षक 'खुसरो दरिया प्रेम का: दक्षिण एशियाई परंपराओं में विश्व-बंधुत्व एवं सम्मिलन' है. इस सत्र में वह तूती-ए-हिन्द अमीर खुसरो की जिन्दगी एवं शायरी पर केन्द्रित किस्सागोई करेंगे. खास बात ये है कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय में आयोजित लखनवी किस्सागोई के इस सत्र में जाने-माने अन्तरराष्ट्रीय गायक और लेखक अली सेठी और हार्वर्ड के प्रोफेसर अली असानी भी हिमांशु के साथ होंगे. हिमांशु बाजपेयी अमीर खुसरो के किस्से सुनाएंगे, अली सेठी उन किस्सों के दरमियान में खुसरो का कलाम गाएंगे और प्रोफेसर असानी दर्शकों के लिए इन किस्सों और कलाम की अकादमिक व्याख्या पेश करेंगे.

कोरोना वायरस के चलते डिजिटल माध्यम से होगी किस्सागोई
हिमांशु ने बताया कि इस संगीतमय किस्सागोई के तुरंत बाद तीनों प्रस्तुतकर्ता दुनिया भर के दर्शकों के साथ एक सजीव (लाइव) प्रश्नोत्तर सत्र में भी शामिल होंगे, जहां वे खुसरो से जुड़े सवालों का जवाब देंगे. कोरोना वायरस की महामारी के चलते हार्वर्ड विश्वविद्यालय में आयोजित लखनवी किस्सागोई पूरा आयोजन डिजिटल माध्यम के जरिये होगा, लेकिन इसका लाभ ये है कि दुनिया भर के लोग एक साथ इसमें शामिल हो सकेंगे.

पढ़ें: भारत में एकमात्र मान्यता प्राप्त सर्कस है 'ग्रेट गोल्डन सर्कस'

आज के समय में बहुत अहम है कव्वाली और दास्तानगोई
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के इंडिया कन्ट्री डायरेक्टर संजय कुमार ने बताया कि हिमांशु बाजपेयी और अली सेठी की ये प्रस्तुति अमीर खुसरो की कविताओं में छिपे साझी ऐतिहासिक धरोहर एवं मिलीजुली रवायतों के संदेश को उजागर करेगी. उन्होंने कहा कि कव्वाली और दास्तानगोई जैसी दो महत्त्वपूर्ण विधाओं से सजी ये प्रस्तुति आज के समय में बहुत अहम है, जब दक्षिण एशिया में अलग-अलग आधारों पर दूरियां बढ़ रही हैं. हिमांशु ने बताया कि हार्वर्ड की प्रतिष्ठा दुनिया भर में है. यह कार्यक्रम हार्वर्ड का अति महत्त्वपूर्ण आयोजन है, जिसके लिए मुझे याद किया जाना दिल को एक खास तसल्ली देता है.

देश की अति प्राचीन परंपरा है किस्सागोई
गौरतलब है कि, किस्सागोई हमारे देश की अति प्राचीन परंपरा है. पिछले कुछ सालों में इसे पूर्णकालिक व्यवसाय के बतौर मान्यता दिलाने में हिमांशु बाजपेयी ने अहम भूमिका निभाई है. हिमांशु ने काकोरी एक्शन, गांधी अभय, कबीर, चंद्रकांता, तुलसीदास, आम आदि विषयों पर बेहतरीन दास्तानें सुनाई हैं. इसके अलावा वह नेटफ्लिक्स इंडिया के लोकप्रिय शो 'सेक्रेड गेम्स' में भी दास्तानगोई करते नजर आ चुके हैं.

लखनऊ विश्व-प्रसिद्ध हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अब लखनऊ की किस्सागोई धूम मचाएगी. शहर के जाने-माने दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी को हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने अपने एक अति विशिष्ट आयोजन में दास्तानगोई करने के लिए खासतौर पर आमंत्रित किया है. 2020 'हार्वर्ड वर्ल्ड वाइड वीक' के अन्तर्गत होने वाले इस आयोजन का नाम '24 आवर्स ऑफ हार्वर्ड' (24hH) है. जिसमें 8 अक्टूबर को हिमांशु बाजपेयी डिजिटल दुनिया के दर्शकों के सामने अपनी किस्सागोई पेश करेंगे.

पढ़ें: डीजीपी-आईजीपी की वार्षिक बैठक में शामिल होंगे मोदी-शाह

अमीर खुसरो की जिन्दगी एवं शायरी पर केन्द्रित होगी किस्सागोई
हिमांशु ने रविवार को बताया कि डेढ़ घंटे के इस किस्सागोई सत्र का शीर्षक 'खुसरो दरिया प्रेम का: दक्षिण एशियाई परंपराओं में विश्व-बंधुत्व एवं सम्मिलन' है. इस सत्र में वह तूती-ए-हिन्द अमीर खुसरो की जिन्दगी एवं शायरी पर केन्द्रित किस्सागोई करेंगे. खास बात ये है कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय में आयोजित लखनवी किस्सागोई के इस सत्र में जाने-माने अन्तरराष्ट्रीय गायक और लेखक अली सेठी और हार्वर्ड के प्रोफेसर अली असानी भी हिमांशु के साथ होंगे. हिमांशु बाजपेयी अमीर खुसरो के किस्से सुनाएंगे, अली सेठी उन किस्सों के दरमियान में खुसरो का कलाम गाएंगे और प्रोफेसर असानी दर्शकों के लिए इन किस्सों और कलाम की अकादमिक व्याख्या पेश करेंगे.

कोरोना वायरस के चलते डिजिटल माध्यम से होगी किस्सागोई
हिमांशु ने बताया कि इस संगीतमय किस्सागोई के तुरंत बाद तीनों प्रस्तुतकर्ता दुनिया भर के दर्शकों के साथ एक सजीव (लाइव) प्रश्नोत्तर सत्र में भी शामिल होंगे, जहां वे खुसरो से जुड़े सवालों का जवाब देंगे. कोरोना वायरस की महामारी के चलते हार्वर्ड विश्वविद्यालय में आयोजित लखनवी किस्सागोई पूरा आयोजन डिजिटल माध्यम के जरिये होगा, लेकिन इसका लाभ ये है कि दुनिया भर के लोग एक साथ इसमें शामिल हो सकेंगे.

पढ़ें: भारत में एकमात्र मान्यता प्राप्त सर्कस है 'ग्रेट गोल्डन सर्कस'

आज के समय में बहुत अहम है कव्वाली और दास्तानगोई
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के इंडिया कन्ट्री डायरेक्टर संजय कुमार ने बताया कि हिमांशु बाजपेयी और अली सेठी की ये प्रस्तुति अमीर खुसरो की कविताओं में छिपे साझी ऐतिहासिक धरोहर एवं मिलीजुली रवायतों के संदेश को उजागर करेगी. उन्होंने कहा कि कव्वाली और दास्तानगोई जैसी दो महत्त्वपूर्ण विधाओं से सजी ये प्रस्तुति आज के समय में बहुत अहम है, जब दक्षिण एशिया में अलग-अलग आधारों पर दूरियां बढ़ रही हैं. हिमांशु ने बताया कि हार्वर्ड की प्रतिष्ठा दुनिया भर में है. यह कार्यक्रम हार्वर्ड का अति महत्त्वपूर्ण आयोजन है, जिसके लिए मुझे याद किया जाना दिल को एक खास तसल्ली देता है.

देश की अति प्राचीन परंपरा है किस्सागोई
गौरतलब है कि, किस्सागोई हमारे देश की अति प्राचीन परंपरा है. पिछले कुछ सालों में इसे पूर्णकालिक व्यवसाय के बतौर मान्यता दिलाने में हिमांशु बाजपेयी ने अहम भूमिका निभाई है. हिमांशु ने काकोरी एक्शन, गांधी अभय, कबीर, चंद्रकांता, तुलसीदास, आम आदि विषयों पर बेहतरीन दास्तानें सुनाई हैं. इसके अलावा वह नेटफ्लिक्स इंडिया के लोकप्रिय शो 'सेक्रेड गेम्स' में भी दास्तानगोई करते नजर आ चुके हैं.

Last Updated : Oct 5, 2020, 12:34 AM IST
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