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केरल सोना तस्करी मामला : विपक्ष ने की मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग

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Published : Jul 8, 2020, 6:11 PM IST

Updated : Jul 8, 2020, 7:20 PM IST

केरल तस्करी मामले में कांग्रेस और भाजपा ने केरल के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है. इतना ही नहीं कांग्रेस ने कहा कि इस मामले में सीबाआई जांच की आवश्यकता है. उल्लेखनीय है कि रविवार को सीमा शुल्क अधिकारियों ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर 30 किलोग्राम सोना जब्त किया था. अधिकारियों ने पाया कि वाणिज्य दूतावास की पूर्व कर्मचारी स्वप्ना सुरेश और सरिथ नायर सोने की तस्करी में शामिल थे. नायर कस्टम विभाग की हिरासत में है, जबकि सुरेश कथित रूप से फरार है.

certificate by UAE consulate
प्रतीकात्मक फोटो

तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और भाजपा नीत राजग ने सोने की तस्करी मामले में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के इस्तीफे की मांग की. दोनों पार्टियों ने तस्करी मामले में कथित भूमिका को लेकर आईटी विभाग में काम करने वाली एक महिला की जांच कराए जाने की भी मांग की. कांग्रेस ने कहा कि मामले में सीबीआई जांच की जरूरत है.

केरल सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की एक हाई-प्रोफाइल कंसल्टेंट स्वप्ना सुरेश का नाम सोने की तस्करी की जांच के दौरान सामने आया है. उन्हें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से संचालित होने वाले शीर्ष तस्करों से जोड़कर देखा जा रहा है.

नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला ने मीडिया से कहा, 'विजयन ने मंगलवार को कहा कि वह इस महिला को नहीं जानते हैं। यह एक झांसा देने वाली बात है, क्योंकि उन्हें कुछ कार्यक्रमों में विजयन के करीब देखा गया है. जनवरी में दो दिवसीय उच्च स्तर की स्पेस कांफ्रेंस कोवलम रैवेज होटल में आयोजित की गई थी, जिसमें मुख्यमंत्री चार घंटे की बैठक में शामिल थे और यह विवादास्पद महिला इसकी मेजबान थी. सभी लोग विजयन और शिवशंकर के बीच के रिश्ते को जानते हैं.'

नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला
नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला

उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री को अब सीबीआई जांच का आदेश देना चाहिए.'

वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने भी कहा कि इस मामले में विजयन के कार्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका है और इसलिए उन्हें अब चुप हो जाना चाहिए और जांच का सामना करना चाहिए.

सुरेंद्रन ने कहा, 'विजयन के शीर्ष अधिकारियों की विदेश यात्राओं की विस्तृत जांच की जरूरत है. विजयन को पहले क्या करना चाहिए था कि उन्हें यह खबर मिलते ही तुरंत उच्चस्तरीय जांच के आदेश देने चाहिए थे.'

के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि आईटी सचिव और मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के कार्यालय ने स्वप्ना का नाम हटाने के लिए दबाव बनाया.

इसके साथ ही भाजपा ने बुधवार को विजयन के इस्तीफे की मांग के लिए विरोध प्रदर्शन भी किया, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ गुरुवार को इसी मांग को लेकर सड़कों पर उतरेगा.

ऐसी बातें सामने आ रही हैं कि स्वप्ना सुरेश राज्य में सत्ताधारी वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की सरकार की करीबी हैं. केरल आईटी विभाग से जुड़ीं एक हाई-प्रोफाइल कंसल्टेंट, स्वप्ना सुरेश केरल में सोना तस्करी स्कैंडल की जांच में नाम आने के बाद से कथित तौर पर फरार है. यह स्कैंडल उसे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से संचालित शीर्ष तस्करों से जोड़ता है.

सीमा शुल्क आयुक्त सुमित कुमार ने करोड़ों के स्वर्ण तस्करी स्कैंडल के बारे में कहा कि जांचकर्ता इस रैकेट से लाभान्वित हुए लोगों के नामों का खुलासा करने के लिए विभिन्न चरणों में आगे बढ़ रहे हैं.

वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी सुमित कुमार ने स्वप्ना सुरेश का नाम लिए बगैर कहा, 'यह एक (स्वर्ण तस्करी का) ऐसा मामला है, जिसके तार दूसरे देशों से जुड़े हुए हैं. हम मुख्य सरगना की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं.'

बाद में मुख्यमंत्री विजयन के कार्यालय ने स्वप्ना से किसी तरह के संबंध से इनकार किया. राज्य सरकार ने स्वप्ना को केरल स्टेट आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (केएसआईटीएल) से बर्खास्त भी कर दिया. आईटी सचिव एम. शिवशंकर को भी मुख्यमंत्री के सचिव पद से हटा दिया गया.

विपक्ष ने अब केएसआईटीएल में स्वप्ना की नियुक्ति की सीबीआई जांच की मांग की है, जबकि उसके खिलाफ अपराध शाखा की एक जांच लंबित है.

कभी सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी रही स्वप्ना अब मुख्य आरोपी
वहीं इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है, जिसमें पता चला है कि मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश को यूएई वाणिज्य दूतावास ने पिछले दिनों सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी का प्रमाणपत्र दिया था. दूतावास ने अपने बयान में कहा कि सुरेश को उसकी नौकरी से निकाल दिया गया है. दूतावास से मिले इस प्रमाणपत्र से ही स्वप्ना सुरेश को सरकारी नौकरी मिलने में मदद मिली थी.

kerala Gold smuggling case
सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी का प्रमाणपत्र

सीमा शुल्क विभाग के सूत्रों ने कहा कि स्वप्ना अबू धाबी में पैदा हुई और वहीं पली-बढ़ी है. वर्ष 2011 में उसने तिरुवनंतपुरम में एक ट्रैवेल एजेंसी में नौकरी जॉइन की. दो साल बाद एयर इंडिया एसएटीएस से जुड़ गई, लेकिन 2016 में वह अबू धाबी चली गई, जब अपराध शाखा ने उसके खिलाफ चार सौ बीसी की एक जांच शुरू की थी.

स्वप्ना को उसके बाद यूएई कंसल्टेंट में नौकरी मिल गई. चूंकि स्वप्ना अरबी भाषा धारा प्रवाह में बोलती हैं, लिहाजा वह अरब के कारोबारियों के संपर्क में आ गई और उसने केरल के लिए कई प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया.

सूत्रों ने कहा कि ट्रैवेल एजेंसी और बाद में एआई एसएटीएस में अपने कार्यकाल के दौरान स्वप्ना हवाईअड्डों और सीमा शुल्क विभाग के कई अधिकारियों के संपर्क में आ गई थी. उसे राजनयिक खेपों की आपूर्ति और हैंडलिंग की भी जानकारी हो गई थी.

एक वरिष्ठ कस्टम अधिकारी ने कहा, 'यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि कब से राजनयिक बैगेज का इस्तेमाल भारत में स्वर्ण तस्करी के लिए किया जा रहा था. हमें मुख्य संदिग्ध (स्वप्ना) से पूछताछ तक इंतजार करना होगा.'

पढ़ें- केरल कस्टम ने राजनयिक लगेज से भारी मात्रा में जब्त किया सोना

उल्लेखनीय है कि रविवार को सीमा शुल्क अधिकारियों ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर 30 किलोग्राम सोना जब्त किया था. अधिकारियों ने पाया कि वाणिज्य दूतावास की पूर्व कर्मचारी स्वप्ना सुरेश और सरिथ नायर सोने की तस्करी में शामिल थे. नायर कस्टम विभाग की हिरासत में है, जबकि सुरेश कथित रूप से फरार है.

तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और भाजपा नीत राजग ने सोने की तस्करी मामले में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के इस्तीफे की मांग की. दोनों पार्टियों ने तस्करी मामले में कथित भूमिका को लेकर आईटी विभाग में काम करने वाली एक महिला की जांच कराए जाने की भी मांग की. कांग्रेस ने कहा कि मामले में सीबीआई जांच की जरूरत है.

केरल सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की एक हाई-प्रोफाइल कंसल्टेंट स्वप्ना सुरेश का नाम सोने की तस्करी की जांच के दौरान सामने आया है. उन्हें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से संचालित होने वाले शीर्ष तस्करों से जोड़कर देखा जा रहा है.

नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला ने मीडिया से कहा, 'विजयन ने मंगलवार को कहा कि वह इस महिला को नहीं जानते हैं। यह एक झांसा देने वाली बात है, क्योंकि उन्हें कुछ कार्यक्रमों में विजयन के करीब देखा गया है. जनवरी में दो दिवसीय उच्च स्तर की स्पेस कांफ्रेंस कोवलम रैवेज होटल में आयोजित की गई थी, जिसमें मुख्यमंत्री चार घंटे की बैठक में शामिल थे और यह विवादास्पद महिला इसकी मेजबान थी. सभी लोग विजयन और शिवशंकर के बीच के रिश्ते को जानते हैं.'

नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला
नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला

उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री को अब सीबीआई जांच का आदेश देना चाहिए.'

वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने भी कहा कि इस मामले में विजयन के कार्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका है और इसलिए उन्हें अब चुप हो जाना चाहिए और जांच का सामना करना चाहिए.

सुरेंद्रन ने कहा, 'विजयन के शीर्ष अधिकारियों की विदेश यात्राओं की विस्तृत जांच की जरूरत है. विजयन को पहले क्या करना चाहिए था कि उन्हें यह खबर मिलते ही तुरंत उच्चस्तरीय जांच के आदेश देने चाहिए थे.'

के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि आईटी सचिव और मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के कार्यालय ने स्वप्ना का नाम हटाने के लिए दबाव बनाया.

इसके साथ ही भाजपा ने बुधवार को विजयन के इस्तीफे की मांग के लिए विरोध प्रदर्शन भी किया, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ गुरुवार को इसी मांग को लेकर सड़कों पर उतरेगा.

ऐसी बातें सामने आ रही हैं कि स्वप्ना सुरेश राज्य में सत्ताधारी वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की सरकार की करीबी हैं. केरल आईटी विभाग से जुड़ीं एक हाई-प्रोफाइल कंसल्टेंट, स्वप्ना सुरेश केरल में सोना तस्करी स्कैंडल की जांच में नाम आने के बाद से कथित तौर पर फरार है. यह स्कैंडल उसे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से संचालित शीर्ष तस्करों से जोड़ता है.

सीमा शुल्क आयुक्त सुमित कुमार ने करोड़ों के स्वर्ण तस्करी स्कैंडल के बारे में कहा कि जांचकर्ता इस रैकेट से लाभान्वित हुए लोगों के नामों का खुलासा करने के लिए विभिन्न चरणों में आगे बढ़ रहे हैं.

वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी सुमित कुमार ने स्वप्ना सुरेश का नाम लिए बगैर कहा, 'यह एक (स्वर्ण तस्करी का) ऐसा मामला है, जिसके तार दूसरे देशों से जुड़े हुए हैं. हम मुख्य सरगना की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं.'

बाद में मुख्यमंत्री विजयन के कार्यालय ने स्वप्ना से किसी तरह के संबंध से इनकार किया. राज्य सरकार ने स्वप्ना को केरल स्टेट आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (केएसआईटीएल) से बर्खास्त भी कर दिया. आईटी सचिव एम. शिवशंकर को भी मुख्यमंत्री के सचिव पद से हटा दिया गया.

विपक्ष ने अब केएसआईटीएल में स्वप्ना की नियुक्ति की सीबीआई जांच की मांग की है, जबकि उसके खिलाफ अपराध शाखा की एक जांच लंबित है.

कभी सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी रही स्वप्ना अब मुख्य आरोपी
वहीं इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है, जिसमें पता चला है कि मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश को यूएई वाणिज्य दूतावास ने पिछले दिनों सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी का प्रमाणपत्र दिया था. दूतावास ने अपने बयान में कहा कि सुरेश को उसकी नौकरी से निकाल दिया गया है. दूतावास से मिले इस प्रमाणपत्र से ही स्वप्ना सुरेश को सरकारी नौकरी मिलने में मदद मिली थी.

kerala Gold smuggling case
सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी का प्रमाणपत्र

सीमा शुल्क विभाग के सूत्रों ने कहा कि स्वप्ना अबू धाबी में पैदा हुई और वहीं पली-बढ़ी है. वर्ष 2011 में उसने तिरुवनंतपुरम में एक ट्रैवेल एजेंसी में नौकरी जॉइन की. दो साल बाद एयर इंडिया एसएटीएस से जुड़ गई, लेकिन 2016 में वह अबू धाबी चली गई, जब अपराध शाखा ने उसके खिलाफ चार सौ बीसी की एक जांच शुरू की थी.

स्वप्ना को उसके बाद यूएई कंसल्टेंट में नौकरी मिल गई. चूंकि स्वप्ना अरबी भाषा धारा प्रवाह में बोलती हैं, लिहाजा वह अरब के कारोबारियों के संपर्क में आ गई और उसने केरल के लिए कई प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया.

सूत्रों ने कहा कि ट्रैवेल एजेंसी और बाद में एआई एसएटीएस में अपने कार्यकाल के दौरान स्वप्ना हवाईअड्डों और सीमा शुल्क विभाग के कई अधिकारियों के संपर्क में आ गई थी. उसे राजनयिक खेपों की आपूर्ति और हैंडलिंग की भी जानकारी हो गई थी.

एक वरिष्ठ कस्टम अधिकारी ने कहा, 'यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि कब से राजनयिक बैगेज का इस्तेमाल भारत में स्वर्ण तस्करी के लिए किया जा रहा था. हमें मुख्य संदिग्ध (स्वप्ना) से पूछताछ तक इंतजार करना होगा.'

पढ़ें- केरल कस्टम ने राजनयिक लगेज से भारी मात्रा में जब्त किया सोना

उल्लेखनीय है कि रविवार को सीमा शुल्क अधिकारियों ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर 30 किलोग्राम सोना जब्त किया था. अधिकारियों ने पाया कि वाणिज्य दूतावास की पूर्व कर्मचारी स्वप्ना सुरेश और सरिथ नायर सोने की तस्करी में शामिल थे. नायर कस्टम विभाग की हिरासत में है, जबकि सुरेश कथित रूप से फरार है.

Last Updated : Jul 8, 2020, 7:20 PM IST
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