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केरल में कला-संस्कृति का संगम : 'कलोलस्वाम सम्मेलन' में शरीक हुए कश्मीरी युवा

केरल राज्य स्कूल युवा उत्सव ने कश्मीर वासियों को कला और संस्कृति के प्रदर्शन के लिए मंच दिया है. इस महोत्सव को 'कलोलस्वाम सम्मेलन' कहते हैं. इस सम्मेलन में कश्मीर के रहने वाले महमूद अहमद और अजरार अहमद की जोड़ी ने भी भाग लिया. इस जोड़ी ने उर्दू कविता लेखन और उर्दू भाषण प्रतियोगिताओं में भाग लिया और ए ग्रेड प्राप्त किया. जानें विस्तार से...

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महमूद अहमद और अजरार अहमद की जोड़ी
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Published : Dec 2, 2019, 3:23 PM IST

त्रिवेंद्रम/कोझिकोड : कश्मीर के निवासियों के लिए केरल राज्य स्कूल युवा उत्सव एक अद्भुत एहसास है. ऐसा इसलिए क्योंकि कश्मीर वासियों के लिए कला और संस्कृति के प्रदर्शन के लिए ऐसा कोई मंच कभी नहीं था.

इस महोत्सव में कश्मीर के रहने वाले महमूद अहमद और अजरार अहमद की जोड़ी भी भाग ले रही है, जो कलोलस्वाम महोत्सव के तमाम प्रतियोगिता में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं.

महमूद अहमद और अजरार अहमद कोझिकोड के केंद्र (Markaz) में अपनी पढ़ाई करते हैं. दोनों साथी युवा उत्सव से मुग्ध होने की बजाय धार्मिक और उत्सव के नजरिए से केरल को दोस्ताना राज्य बताया. दोनों राज्य की प्रशंसा करते भी दिखे.

कलोलस्वाम सम्मेलन' में कश्मीरियों ने शिरकत की...

दोनों ने अपना शेष जीवन केरल में बिताने का फैसला किया है, क्योंकि केरल अपने सामाजिक ताने-बाने को मजबूत कर रहा है. राज्य शिक्षा के क्षेत्र को भी प्राथमिकता देता है.

इस जोड़ी ने उर्दू कविता लेखन और उर्दू भाषण प्रतियोगिताओं में भाग लिया और ए ग्रेड प्राप्त किया. यह दोनों पांच वर्षों से कलोलस्वाम सम्मेलन में भाग ले रहे हैं.

इसे भी पढे़ं- त्रिवेंद्रम के पद्मनाभस्वामी मंदिर में जलाजपम अनुष्ठान शुरू

महमूद ने हायर सेकेंडरी सेक्शन में, जबकि अजरार ने हाई स्कूल सेक्शन में भाग लिया.

महमूद आठ साल पहले कश्मीर के पुंछ जिले से केरल आए थे. अजरार भी पांच साल पहले कश्मीर से केरल आया था, और यहीं रह रहा है.

त्रिवेंद्रम/कोझिकोड : कश्मीर के निवासियों के लिए केरल राज्य स्कूल युवा उत्सव एक अद्भुत एहसास है. ऐसा इसलिए क्योंकि कश्मीर वासियों के लिए कला और संस्कृति के प्रदर्शन के लिए ऐसा कोई मंच कभी नहीं था.

इस महोत्सव में कश्मीर के रहने वाले महमूद अहमद और अजरार अहमद की जोड़ी भी भाग ले रही है, जो कलोलस्वाम महोत्सव के तमाम प्रतियोगिता में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं.

महमूद अहमद और अजरार अहमद कोझिकोड के केंद्र (Markaz) में अपनी पढ़ाई करते हैं. दोनों साथी युवा उत्सव से मुग्ध होने की बजाय धार्मिक और उत्सव के नजरिए से केरल को दोस्ताना राज्य बताया. दोनों राज्य की प्रशंसा करते भी दिखे.

कलोलस्वाम सम्मेलन' में कश्मीरियों ने शिरकत की...

दोनों ने अपना शेष जीवन केरल में बिताने का फैसला किया है, क्योंकि केरल अपने सामाजिक ताने-बाने को मजबूत कर रहा है. राज्य शिक्षा के क्षेत्र को भी प्राथमिकता देता है.

इस जोड़ी ने उर्दू कविता लेखन और उर्दू भाषण प्रतियोगिताओं में भाग लिया और ए ग्रेड प्राप्त किया. यह दोनों पांच वर्षों से कलोलस्वाम सम्मेलन में भाग ले रहे हैं.

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महमूद ने हायर सेकेंडरी सेक्शन में, जबकि अजरार ने हाई स्कूल सेक्शन में भाग लिया.

महमूद आठ साल पहले कश्मीर के पुंछ जिले से केरल आए थे. अजरार भी पांच साल पहले कश्मीर से केरल आया था, और यहीं रह रहा है.

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Kasargod: To the Kasmiri residents the kerala state school youth festival is a marvellous feeling as Kashmir never had such a platform for the amalgamation of arts and culture. Mahamood Ahammad and Azrar Ahammad pursue their studies at Markaz in Kozhikode are competing in the Kerala Kalolsavam. Rather than fascinated by the colours of young's festival, the duo extols the religious- friendly Kerala and its celebration. 

Both of them have decided to spent their rest of the lives in Kerala, because the state is empowering on its social atmosphere and give priority to the education field. They contested in Urdu poem writing and Urdu speech competions and won with A grade has been partcipating in Kalolsavam since five years. Mahamood has competed in Higher Secondary section and Azrar in High School section. Mahammod hailed from Poonch in Kashmir had dotted in Kerala eight years ago, whereas the latter Kashmiri resident came to Kerala five years before. 


Conclusion:
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