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विस्थापित कश्मीरी पंडितों का J-K में पुनर्वास कराया जाए: कश्मीरी पंडित संगठन

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Published : Oct 22, 2019, 11:12 AM IST

Updated : Oct 22, 2019, 12:34 PM IST

जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के बाद कश्मीरी ओवरसीज असोसिएशन ने सरकार से विस्थापित कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की मांग की है.

जम्मू कश्मीर (फाइल फोटो)

नई दिल्ली/वाशिंगटन: कश्मीरी पंडितों के एक विदेशी संगठन ने जम्मू कश्मीर को केन्द्र प्रदेशित राज्य बनाने के बाद वहां कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास कराने की भारत सरकार से मंगलवार को अपील की.

कश्मीरी ओवरसीज असोसिएशन (KO) ने कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए पर सरकार का हालिया निर्णय हमारे अस्तित्व पर सीधा असर डालता है. तीन दशक पहले बलपूर्वक निष्कासन के बाद पहली बार उम्मीद की नई किरण ने हमारे समुदाय को ऊर्जा दी है.'

कश्मीरी पंडित समुदाय के लोग अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद की स्थिति पर चर्चा के लिए सप्ताहांत में वाशिंगटन डीसी के मैरीलैंड में एकत्रित हुए थे.

उन्होंने कहा कि इस नए कदम ने पीड़ा और नुकसान की भूली बिसरी यादों को ताजा कर दिया है.

KO के अध्यक्ष शकुन मलिक ने एक बयान में कहा, 'हम सभी के पास खोए हुए बचपन, घरों के छूटने और मित्रों से बिछड़ने, धोखेबाजी और हमें नकारने की, हमें विस्थापित करने की अपनी-अपनी कहानियां हैं.'

संगठन ने एक प्रस्ताव पारित करके भारत सरकार से अपील की कि वह जम्मू-कश्मीर में सशक्तिकरण, सतत विकास और पूर्ण सुरक्षा का वातावरण स्थापित करे.

पढ़ें- पाक ने फिर किया युद्धविराम का उल्लंघन, LoC पर पुंछ में मोर्टार से की गोलाबारी

प्रस्ताव में केंद्र से उन कार्यक्रमों और सेवाओं को विकसित करने की अपील की गई जो नए स्थापित जम्मू और कश्मीर राज्य में कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए सुरक्षा, नौकरी, व्यापार के अवसर, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा एवं सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन प्रदान करें. इसमें कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की भी मांग की गई है.

नई दिल्ली/वाशिंगटन: कश्मीरी पंडितों के एक विदेशी संगठन ने जम्मू कश्मीर को केन्द्र प्रदेशित राज्य बनाने के बाद वहां कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास कराने की भारत सरकार से मंगलवार को अपील की.

कश्मीरी ओवरसीज असोसिएशन (KO) ने कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए पर सरकार का हालिया निर्णय हमारे अस्तित्व पर सीधा असर डालता है. तीन दशक पहले बलपूर्वक निष्कासन के बाद पहली बार उम्मीद की नई किरण ने हमारे समुदाय को ऊर्जा दी है.'

कश्मीरी पंडित समुदाय के लोग अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद की स्थिति पर चर्चा के लिए सप्ताहांत में वाशिंगटन डीसी के मैरीलैंड में एकत्रित हुए थे.

उन्होंने कहा कि इस नए कदम ने पीड़ा और नुकसान की भूली बिसरी यादों को ताजा कर दिया है.

KO के अध्यक्ष शकुन मलिक ने एक बयान में कहा, 'हम सभी के पास खोए हुए बचपन, घरों के छूटने और मित्रों से बिछड़ने, धोखेबाजी और हमें नकारने की, हमें विस्थापित करने की अपनी-अपनी कहानियां हैं.'

संगठन ने एक प्रस्ताव पारित करके भारत सरकार से अपील की कि वह जम्मू-कश्मीर में सशक्तिकरण, सतत विकास और पूर्ण सुरक्षा का वातावरण स्थापित करे.

पढ़ें- पाक ने फिर किया युद्धविराम का उल्लंघन, LoC पर पुंछ में मोर्टार से की गोलाबारी

प्रस्ताव में केंद्र से उन कार्यक्रमों और सेवाओं को विकसित करने की अपील की गई जो नए स्थापित जम्मू और कश्मीर राज्य में कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए सुरक्षा, नौकरी, व्यापार के अवसर, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा एवं सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन प्रदान करें. इसमें कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की भी मांग की गई है.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 9:0 HRS IST




             
  • विस्थापित कश्मीरी पंडितों का जम्मू-कश्मीर में पुनर्वास कराया जाए: कश्मीरी पंडित संगठन



(ललित के झा) वाशिंगटन, 22 अक्टूबर (भाषा) कश्मीरी पंडितों के एक विदेशी संगठन ने जम्मू कश्मीर को केन्द्र प्रदेशित राज्य बनाने के बाद वहां कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास कराने की भारत सरकार से मंगलवार को अपील की।



कश्मीरी ओवरसीज असोसिएशन (केओए) ने कहा, ‘‘संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए पर सरकार का हालिया निर्णय हमारे अस्तित्व पर सीधा असर डालता है। तीन दशक पहले बलपूर्वक निष्कासन के बाद पहली बार उम्मीद की नयी किरण ने हमारे समुदाय को ऊर्जा दी है।’’



कश्मीरी पंडित समुदाय के लोग अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद की स्थिति पर चर्चा के लिए सप्ताहांत में वाशिंगटन डीसी के मैरीलैंड में एकत्रित हुए थे।



उन्होंने कहा कि इस नए कदम ने पीड़ा और नुकसान की भूली बिसरी यादों को ताजा कर दिया है।



केओए के अध्यक्ष शकुन मलिक ने एक बयान में कहा, ‘‘हम सभी के पास खोए हुए बचपन, घरों के छूटने और मित्रों से बिछड़ने, धोखेबाजी और हमें नकारने की, हमें विस्थापित करने की अपनी-अपनी कहानियां हैं।’’



संगठन ने एक प्रस्ताव पारित करके भारत सरकार से अपील की कि वह जम्मू-कश्मीर में सशक्तिकरण, सतत विकास और पूर्ण सुरक्षा का वातावरण स्थापित करे।



प्रस्ताव में केंद्र से उन कार्यक्रमों और सेवाओं को विकसित करने की अपील की गई जो नए स्थापित जम्मू और कश्मीर राज्य में कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए सुरक्षा, नौकरी, व्यापार के अवसर, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा एवं सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन प्रदान करें।



इसमें कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की भी मांग की गई है।


Conclusion:
Last Updated : Oct 22, 2019, 12:34 PM IST
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