श्रीनगर : 15 कोर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने सोमवार को कहा कि सेना कश्मीर में बंदूक उठाने वाले युवाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी, लेकिन उन लोगों की वापसी की सुविधा प्रदान करेगी, जो हिंसा का रास्ता छोड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि फिलहाल घाटी में खुबसूरत वातावरण है.
उन्होंने मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में युसमर्ग फेस्टीवल के मौके पर संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि कश्मीर सही रास्ते पर है. मैं उन युवाओं से अपील करता हूं जो हिंसा छोड़कर घर वापस लौटना चाहते हैं, उनके लिए यह उचित समय है कि वह शांति और सम्मना के साथ अपना जीवन शुरू करें.
उन्होंने आगे कहा कि मैं स्थानीय आतंकियों से अपील करता हूं कि वह आंतक के रास्ते को छोड़ दें, अन्यथा जो भी हाथ में हथियार के साथ सेना से लड़ेगा, उसको बख्शा नहीं जाएगा.
दिलचस्प बात यह है कि पिछले गुरुवार को GOC फोर्स के मेजर जनरल एचएस साही ने दावा किया था कि सेना ने केंद्र सरकार को आतंकवादियों के लिए आत्मसमर्पण सह पुनर्वास नीति संबंधित अपनी सिफारिशें भेज दी हैं, लेकिन उन पर अभी तक कोई अंतिम मसौदा तैयार नहीं हुआ.
दक्षिण कश्मीर के हालात के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में स्थिति शांतिपूर्ण है.
जनरल बीएस राजू ने कहा कि पहले कि तुलना में मिलिटेंसी संबंधी गतिविधियों में गिरावट आई है. युवाओं ने अपने भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है. कई युवाओं ने हाल ही में व्यावसायिक परीक्षाओं में भाग लिया है, जो स्थिति का अच्छा संकेत है.
पढ़ें- आज से चार दिवसीय सैन्य कमांडर सम्मेलन, रक्षा मंत्री करेंगे संबोधित
कुलगाम, अनंतनाग, पुलवामा और शोपियां जिलों सहित कश्मीर के दक्षिणी हिस्सों में स्थिति सामान्य है. वहां आर्थिक गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं.
उन्होंने कहा कि अब सेब का व्यापार भी बढ़ रहा है. अगर कोविड -19 के मामलों में कमी आती है, तो मुझे यकीन है कि यहां स्कूल फिर से खुलेंगे.
उन्होंने कहा कि सेना काफी हद तक घुसपैठ (सीमा पार से) को रोकने में सक्षम रही है. हालांकि बर्फबारी और सर्दियों के बाद घुसपैठ के प्रयास बढ़ सकते हैं, लेकिन हमारे लोग सभी कोशिशों को विफल करने के लिए कड़ी निगरानी रखे हुए हैं.