बैंगलुरु: कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार का संकट बढ़ता जा रहा है. दरअसल, शनिवार को आठ विधायक इस्तीफा देने के लिए स्पीकर कार्यालय पहुंच गये हैं.
फिलहार स्पीकर ने विधायकों के इस्तीफों की पुष्टि कर दी है.
- बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने 11 विधायकों के इस्तीफे पर कहा कि विधायकों को लगता है कि इस पार्टी (कांग्रेस-जेडीएस) से बाहर आने का यह बेहतर मौका है. इसीलिए इन लोगों ने इस्तीफा दिया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि विधायक के रूप में बने रहे राज्य और और उनके निर्वाचन क्षेत्र के लिए अच्छा नहीं है.
- सरकार बनाने के सवाल पर सदानंद गौड़ा ने कहा कि राज्यपाल के पास सर्वोच्च अधिकार है, संवैधानिक जनादेश के अनुसार यदि वह हमें बुलाते हैं, तो निश्चित रूप से हम सरकार बनाने के लिए तैयार हैं. हम सबसे बड़ी पार्टी हैं, हमारे पास 105 विधायक हैं.
- वहीं कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार ने विधायकों के इस्तीफे सौंपने पर कहा, विधायक छोटी-छोटी कहानियां सुना रहे हैं. यह कोई इस्तीफे देने वाली बात नहीं है. यह हम सभी के लिए हैरानी की बात है. विधायकों के इस्तीफे फाड़ने पर उन्होंने कहा, मुझे ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए? उन्हें शिकायत दर्ज कराने दीजिए, अगर वे मुझे जेल के पीछे पहुंचाना चाहते हैं. मैं तैयार हूं. मैंने एक बड़ा जोखिम लिया है.
- इस मामले पर कांग्रेस जेडीएस चीफ एचके कुमारस्वामी ने कहा, विधायकों ने स्पीकर को इस्तीफा दे दिया है. वह समय आने पर इसका फैसला करेंगे. फिलहाल सरकार सुरक्षित है. सब हमारे पास लौट आएंगे. कोई कहीं नहीं जाएगा.
- पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने विधायकों के इस्तीफे पर कहा, मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा. मैंने इस बारे में किसी से बात भी नहीं की है. मैं सिर्फ पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग कर रहा हूं ताकि वे आने वाले कॉरपोरेशन चुनावों के लिए तैयार हो सकें.
- कांग्रेस की इमरजेंसी मीटिंग में गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, आनंद शर्मा, मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकुल वासनिक, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पी चिदंबरम, दीपेंद्र हुड्डा शामिल हैं.
- कांग्रेस-जेडीएस से इस्तीफा दे चुके विधायक एचएएल एयरपोर्ट से मुंबई के लिए उड़ान भर चुके हैं. वे चार्टेड प्लेन से मुंबई आ रहे हैं. वहीं कांग्रेस के सीनियर नेता केसी वेणुगोपाल इस सियासी संकट के बीच बेंगलुरु पहुंच गए हैं.
- जेडीएस नेता एच विश्वनाथ ने कहा, कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के खिलाफ अब तक 14 विधायकों ने इस्तीफा दिया है. हम राज्यपाल से भी मिल चुके हैं. हमने स्पीकर को हमारे इस्तीफे स्वीकार करने को लेकर पत्र लिखा है. गठबंधन सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती है. उन्होंने आगे कहा, मैंने 14 विधायक इसलिए बोला क्योंकि सौमैया रेड्डी और मुनीरत्ना आज इस्तीफा देंगे.
- विश्वनाथ ने आगे कहा, सरकार ने अपनी कार्यप्रणाली को लेकर अब तक किसी को भी विश्वास में नहीं लिया. यह हमारे लिए दुखद है. गठबंधन सरकार ने शिक्षा को तबाह कर दिया है. इसलिए आज हमने स्वेच्छा से सरकार के गलत कामकाज को लेकर इस्तीफा दिया है. आप ऑपरेशन कमल के बारे में कहानियां गढ़ रहे हैं. ऑपरेशन कमल के हम प्रभाव में नहीं हैं. गौरतलब है कि स्पीकर दफ्तर को अब तक 12 ही इस्तीफे मिले हैं. जबकि विश्वनाथ का दावा है कि 14 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं.
- कर्नाटक में विधायकों के इस्तीफे के बीच मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अमेरिका में हैं. वे रविवार को लौटेंगे. विधायकों ने जब विधानसभा स्पीकर नहीं मिले तो उन्होंने स्पीकर सचिव को इस्तीफा सौंप दिया. इस मामले पर स्पीकर का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी को लेने जाना था, इसलिए वह घर चले गए. रविवार को छुट्टी है और सोमवार को वह बेंगलुरु में नहीं हैं. अब मंगलवार को इस मामले को देखेंगे.
- कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा, लोग देख रहे हैं कि कैसा उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार व्यवहार कर रहे हैं. उन्होंने स्पीकर ऑफिस में कुछ विधायकों के इस्तीफे भी फाड़ दिए, जो इस्तीफा देने गए थे. यह निंदनीय है.
- कांग्रेस के 3 विधायकों एसटी सोमशेखर, बासवराज और मुनीरत्ना का कहना है कि वे पूर्व सीएम सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं. इनका कहना है कि अगर सिद्धारमैया को सीएम बनाया जाता है तो वे इस्तीफा वापस ले लेंगे.
इस्तीफा देने वाले विधायकों में एच विश्वनाथ, बीसी पाटिल, शिवराम गौड़ा, नारायण गौड़ा, प्रताप गौड़ा पाटिल, रमेश जरकीहोली, महेश कुमाटल्ली, गोपालया शामिल हैं.
बताया जा रहा है कि ये सभी आठ विधायक विधानसभा स्पीकर के यहां इस्तीफा देने पहुंचे हैं.
हालांकि, स्पीकर अभी विधानसभा वहां मौजूद नहीं है. ऐसे में लंबे समय से मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी सरकार पर चले आ रहे संकट ने अब दिलचस्प मोड़ ले लिया है.
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वहीं, इसे देखते हपए पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने एक गोपनीय बैठक बुलाई है. यह मीटिंग उन विधायकों के साथ रखी गई है, जिनके पार्टी से असंतुष्ट विधायकों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं.
दूसरी तरफ यह अफवाह भी है कि इनके साथ-साथ दो अन्य टीमें (7 विधायक) भी इस्तीफा देंगी. ये सभी भी अपनी पार्टी से असंतुष्ट हैं. यदि इन सभी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया तो गठबंधन सरकार का गिरना सुनिश्चित है.
हालांकि, कर्नाटक के राज्य मंत्री डीके शिवकुमार ने नए घटनाक्रम पर दावा किया कि मैं उन सभी से मिल चुका हूं. कोई विधायक इस्तीफा नहीं देने जा रहा है.
कांग्रेस विधायक रामालिंगा रेड्डी ने कहा कि मैं विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपने आया हूं. मैं अपनी बेटी (कांग्रेस विधायक सौम्या रेड्डी) के अगले कदम के बारे नहीं जानता. उन्होंने कहा कि मैं पार्टी में किसी को भी इसका दोष नहीं दे रहा हूं. मुझे लगता है कि कुछ मुद्दों पर मेरी उपेक्षा की जा रही है. इसीलिए मैंने इस्तीफा देने का फैसला लिया है.
इस बीच भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा है कि कर्नाटक की जनता ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को नकार दिया है। लोकसभा चुनावों में दोनों की दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा बावजूद इसके भाजपा राज्य में भारी बहुमत हासिल करने में सफल रही. भाजपा की प्रचंड जीत राज्य के लोगों के मूड को स्पष्ट तौर पर बता रही है. निश्चित रूप से विपक्ष के विधायक भी गठबंधन के खिलाफ जनता के गुस्से का सामना कर रहे हैं.