नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 17 विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने के मामले की मंगलवार को सुनवाई की और कर्नाटक हाई कोर्ट में होने वाली कार्यवाही पर रोक लगा दी है. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से हाई कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी.
सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कांग्रेसी नेताओं पर सवाल खड़े किये. उसकी वजह कांग्रेसी नेताओं का चुनाव आयोग द्वारा चुनाव टालने के फैसले पर नराजगी जाहिर करते हुए हाई कोर्ट जाना है.
कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिरने से पहले कुल 17 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिन्हे बाद में विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश ने अयोग्य घोषित कर दिया था. अयोग्य घोषित हुए ये विधायक पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते. इसके चलते यह 17 विधानसभा सीटें खाली हैं.
इन 17 विधानसभा सीटों पर दिसम्बर में उपचुनाव होने हैं. इस पर इन 17 विधायकों का कहना है कि इन्हे चुनाव लड़ने दिया जाए. इसी सिलसिले में इन विधायकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
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दरअसल, 21 अक्टूबर को हुए उपचुनावों के साथ ही कर्नाटक में भी उपचुनाव होने थे, लेकिन चुनाव आयोग की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव की तारीख टाल दी. ये उपचुनाव अब 5 दिसम्बर को होने हैं.
बता दें, कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गत जुलाई माह में गिर गई थी. उसके पीछे कारण था, 17 विधायकों का बागी हो जाना. 17 में 14 विधायक कांग्रेस और तीन तीन विधायक जेडीएस के थे. सरकार गिरने के बाद बीजेपी ने सरकार बनायी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा राज्य के मुख्यमंत्री बन गये.