कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के युवाओं को हुनरमंद बनाने में सफलता मिली है. इंजीनियरिंग में डिग्री और डिप्लोमा कर रहे छात्रों के हुनर को निखारने के लिए जम्मू-कश्मीर की 100 से अधिक कंपनियां तैयार हो गई हैं. 18 से 25 जनवरी तक उत्तर क्षेत्रीय कार्यालय कानपुर के निदेशक के नेतृत्व में जम्मू गए प्रतिनिधिमंडल को कंपनियों से सहमति मिल चुकी है. वहां निदेशक वाणिज्य एवं उद्योग और निदेशक तकनीकी शिक्षा के साथ विचार-विमर्श किया गया.
सबकुछ ठीक रहा तो फरवरी में ही इस संबंध में करार पूरा हो जाएगा. अब बोर्ड मार्च व अप्रैल में एक-एक ऑन स्पॉट अप्रेंटिसशिप मेला लगाएगा. इससे कंपनी व छात्र एक-दूसरे से रूबरू होंगे. कंपनियां मौके से ही प्रशिक्षु का चयन कर लेंगी. निरंतरता बनी रहे इसलिए दोनों राज्यों में सहायक निदेशक व अन्य स्टाफ तैनात कर बोर्ड का कार्यालय खोले जाने की चर्चा है.
बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप एंड ट्रेनिंग नार्थ रीजन से जुड़े सुनील कुमार मेहता ने बताया, 'जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में मेला लगाकर अप्रेंटिसशिप की काउंसलिंग की जाएगी. उसी समय कंपनियां प्रशिक्षुओं का चयन करेंगी.'
उन्होंने बताया, 'हम इंजीनिरिंग में डिग्री-डिप्लोमा करने वालों के लिए ऑन द जॉब ट्रेनिंग देते हैं. हम जिस उद्योग में सुविधा होती है, वहां ट्रेंनिंग देते हैं. जम्मू-कश्मीर में अभी जागरूकता कम है, इसीलिए वहां पर अभी प्राथमिकता के साथ काम किया जा रहा है. इसके लिए उद्योगों और उनके समूहों के साथ तालमेल करके अप्रेंटिस मेला भी लगाएंगे. इस मेले में करीब 100 उद्योग भाग ले रहे हैं. इसके अलावा इस ट्रेनिंग को हम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के शिक्षण संस्थानों में भी करने जा रहे हैं.'
मेहता ने बताया, 'इसके लिए तीन जगह देखी गई हैं. जम्मू, श्रीनगर, लेह में यह अप्रेंटिस कराई जाएगी. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान में तो यह चल ही रहा है. हम लोगों की प्राथमिकता में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भी है. अभी तक हमारा 40 कंपनियों ने पंजीकरण कराया है. इसमें बर्जर, हिंदुस्तान कोका-कोला ब्रेवरेज लिमिटेड, सिद्घि इंटरप्राइजेज, एथिकेयर लेब्रोरेट्रीज, कैडिला जैसी अनेक कंपनियां हैं.'
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उन्होंने बताया, 'बोर्ड मार्च व अप्रैल में एक-एक अप्रेंटिसशिप मेला लगाएगा. कंपनी व भावी इंजीनियर आमने-सामने होंगे. कंपनियां मौके से ही प्रशिक्षु का चयन कर लेंगी. निरंतरता बनी रहे. इसलिए दोनों राज्यों में सहायक निदेशक व अन्य स्टाफ तैनात कर बोर्ड का कार्यालय भी खोला जाएगा.'
उन्होंने बताया कि इस ट्रेनिंग से नौकरी की कोई गारंटी नहीं है. कंपनी चाहेगी तो उसे आगे रख सकती है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बच्चों में जागरुकता के लिए यह अप्रेंटिसशिप का कार्यक्रम चलाया जा रहा है.