नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से 18 सितबंर को दिल्ली में मुलाकात की. ममता बनर्जी ने कहा कि यह मुलाकात राजनीतिक नहीं है. सरकार की सरकार से मुलाकात है लेकिन इस मुलाकात पर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या नरेंद्र मोदी और अमित शाह की मुखर आलोचक रहीं बनर्जी के रूख में नरमी आ गयी है.
भाजपा महासचिव और पार्टी के पश्चिम बंगाल मामलों के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ट्विटर पर कहा कि अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे. इसी ट्वीट के साथ उन्होंने मोदी और शाह से बनर्जी की मुलाकात की दो तस्वीरें भी पोस्ट की हैं और लिखा है कि मोदी और शाह से बनर्जी की मुलाकात को क्या इस अर्थ में लिया जाए.
कुछ दिन पहले, विजयवर्गीय ने कहा था कि बनर्जी की मोदी से मुलाकात कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को बचाने की आखिरी कोशिश है.
बनर्जी की दिल्ली यात्रा ऐसे वक्त हुयी है जब सीबीआई सारदा घोटाले के सिलसिले में कुमार की तलाश में जुटी हुई है. कुमार बनर्जी के करीबी माने जाते हैं.
ममता ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात एक संवैधानिक दायित्व है. इसके अलावा हमारे पास बांग्लादेश और भूटान के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा को लेकर मुद्दे हैं, बिहार और झारखंड के साथ राज्य की लगती सीमा को लेकर भी मुद्दे हैं. पूर्वोत्तर के राज्यों को शेष देश से जोड़ने वाले संकरे गलियारे का संवेदनशील मुद्दा भी है. इसलिए, उस परिप्रेक्ष्य में गृह मंत्री के साथ बैठक आवश्यक है.'
बता दें कि बुधवार को बनर्जी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी. मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद बनर्जी की उनसे यह पहली मुलाकात थी. उन्होंने मोदी के शपथ ग्रहण समारोह और जून में नीति आयोग की बैठक में शिरकत नहीं की थी। उनकी मोदी से मुलाकात मई 2018 में हुई थी.
पढ़ेंः ममता की पीएम से मुलाकात एक सामान्य प्रक्रिया: BJP
सूत्रों ने बताया कि वह कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से भेंट नहीं कर सकीं, क्योंकि गांधी महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर व्यस्त थी बनर्जी 20 सितबंर को दोपहर में बंगाल लौट जाएंगी.