नई दिल्ली : कूटनीति बाहर से जितनी दिलचस्प दिखती है , असल में अंदर से उतनी ही जटिल है. इसमें सेवा करने के लिए निरंतर स्थान परिवर्तन करना पड़ता है, जिससे राजनयिकों के परिजन काफी कठिनाइओं का सामना करते हैं.
जिंदगी की इसी भाग दौड़ के बीच पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत की पत्नी अनुपमा त्रिगुणायत ने अपने चित्रकारी के खोए हुए जुनून को वापस पा लिया.
शिक्षाविद् से चित्रकार तक की उनकी यात्रा में कई साल लग गये, लेकिन दृढ़ता और कड़ी मेहनत के माध्यम से, आखिरकार वह सारी बाधाएं तोड़ने में सफल रहीं.
हाल ही में, उन्होंने देश की राजधानी दिल्ली में अपनी पहली कला प्रदर्शनी आयोजित की. हालांकि, यह उनकी पहली कला प्रदर्शनी नहीं थी. उनकी पहली प्रदर्शनी लीबिया में लगायी गयी थी, जब उनके पति वहां तैनात थे.
गोलीबारी और हिंसा के बीच, खुद से सीखकर अनुपमा ने अपनी पेंटिंग्स को और बेहतर बनाया. उस समय उनकी ज्यादातर चित्रकला लीबियाई लोगों की पीड़ा से प्रेरित थी.
अनुपमा को लीबिया में अपने काम के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, और इसे जारी रखने के लिए उन्हें आत्मविश्वास मिला. उन्होंने अपने पति और बेटी को उन्हें प्रोतसाहित करने के लिए धन्यवाद दिया.
अपनी प्रदर्शनी के माध्यम से, अनुपमा आवारा जानवरों, विशेषकर कुत्तों के कल्याण में योगदान करना चाहती हैं.