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गोलियों से कला तक : पूर्व दूत की पत्नी का सफर

पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत की पत्नी अनुपमा त्रिगुणायत द्वारा बनाई गईं तस्वीरों की प्रदर्शनी दिल्ली में लगाई जा रही है. इसके पहले उनके कलाचित्रों की प्रदर्शनी लीबिया में लग चुकी है, जहां उन्हें काफी सराहा गया था. हालांकि उन्हें कलाकारी सीखने में काफी दिक्कतें आईं, लेकिन उन्होंने सभी परेशानियों का सामना किया और अपनी कला को निखारा.

पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत की पत्नी अनुपमा त्रिगुणायत
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Published : Oct 17, 2019, 8:05 PM IST

नई दिल्ली : कूटनीति बाहर से जितनी दिलचस्प दिखती है , असल में अंदर से उतनी ही जटिल है. इसमें सेवा करने के लिए निरंतर स्थान परिवर्तन करना पड़ता है, जिससे राजनयिकों के परिजन काफी कठिनाइओं का सामना करते हैं.

जिंदगी की इसी भाग दौड़ के बीच पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत की पत्नी अनुपमा त्रिगुणायत ने अपने चित्रकारी के खोए हुए जुनून को वापस पा लिया.

शिक्षाविद् से चित्रकार तक की उनकी यात्रा में कई साल लग गये, लेकिन दृढ़ता और कड़ी मेहनत के माध्यम से, आखिरकार वह सारी बाधाएं तोड़ने में सफल रहीं.

हाल ही में, उन्होंने देश की राजधानी दिल्ली में अपनी पहली कला प्रदर्शनी आयोजित की. हालांकि, यह उनकी पहली कला प्रदर्शनी नहीं थी. उनकी पहली प्रदर्शनी लीबिया में लगायी गयी थी, जब उनके पति वहां तैनात थे.

गोलीबारी और हिंसा के बीच, खुद से सीखकर अनुपमा ने अपनी पेंटिंग्स को और बेहतर बनाया. उस समय उनकी ज्यादातर चित्रकला लीबियाई लोगों की पीड़ा से प्रेरित थी.

अनुपमा को लीबिया में अपने काम के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, और इसे जारी रखने के लिए उन्हें आत्मविश्वास मिला. उन्होंने अपने पति और बेटी को उन्हें प्रोतसाहित करने के लिए धन्यवाद दिया.

अपनी प्रदर्शनी के माध्यम से, अनुपमा आवारा जानवरों, विशेषकर कुत्तों के कल्याण में योगदान करना चाहती हैं.

नई दिल्ली : कूटनीति बाहर से जितनी दिलचस्प दिखती है , असल में अंदर से उतनी ही जटिल है. इसमें सेवा करने के लिए निरंतर स्थान परिवर्तन करना पड़ता है, जिससे राजनयिकों के परिजन काफी कठिनाइओं का सामना करते हैं.

जिंदगी की इसी भाग दौड़ के बीच पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत की पत्नी अनुपमा त्रिगुणायत ने अपने चित्रकारी के खोए हुए जुनून को वापस पा लिया.

शिक्षाविद् से चित्रकार तक की उनकी यात्रा में कई साल लग गये, लेकिन दृढ़ता और कड़ी मेहनत के माध्यम से, आखिरकार वह सारी बाधाएं तोड़ने में सफल रहीं.

हाल ही में, उन्होंने देश की राजधानी दिल्ली में अपनी पहली कला प्रदर्शनी आयोजित की. हालांकि, यह उनकी पहली कला प्रदर्शनी नहीं थी. उनकी पहली प्रदर्शनी लीबिया में लगायी गयी थी, जब उनके पति वहां तैनात थे.

गोलीबारी और हिंसा के बीच, खुद से सीखकर अनुपमा ने अपनी पेंटिंग्स को और बेहतर बनाया. उस समय उनकी ज्यादातर चित्रकला लीबियाई लोगों की पीड़ा से प्रेरित थी.

अनुपमा को लीबिया में अपने काम के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, और इसे जारी रखने के लिए उन्हें आत्मविश्वास मिला. उन्होंने अपने पति और बेटी को उन्हें प्रोतसाहित करने के लिए धन्यवाद दिया.

अपनी प्रदर्शनी के माध्यम से, अनुपमा आवारा जानवरों, विशेषकर कुत्तों के कल्याण में योगदान करना चाहती हैं.

Intro:New Delhi: No matter how intriguing the world diplomacy looks from outside, it certainly contains its own challenges. While the service requires constant moving it is the families of the diplomats which faces the maximum hardship.


Body:Amid all this hustle bustle, former ambassador Anil Trigunayat's wife Anupama Trigunayat found her long lost passion to paint. Her journey from an academician to a painter took several years but with through perservence and hard work, she finally succeeded in breaking the barrier.

Recently, she held her first art exhibition in the national capital. Though, it wasn't her first. Her first exhibition took place in an uncertain Libya when her husband was posted there.


Conclusion:Amid bullets and violence, the self taught artist found succour in her painting. A lot of her work then was inspired from the suffering of the Libyan people.

After receiving positive response for her work in Libya, Anupama gained confidence to continue it. For this, she thanked her husband and daughter for always standing by her side.

Through her exhibition, Anupama Trigunayat wants to contribute towards the welfare of stray animals especially dogs.
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