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पत्रकार के झांसे में आए पुलिस अफसर को लगा लाखों का चूना - कर्नाटक के कलबुर्गी

कर्नाटक के कलबुर्गी में एक निजी चैनल के रिपोर्टर ने कथित तौर पर एक पुलिस अफसर को लाखों का चूना लगाया है. फिलहाल पुलिस मंजुनाथ की एक शिकायत पर आरोपी कासिम पटेल से पूछताछ कर रही है.

पत्रकार ने PSI को लगाया लाखों चूना
पत्रकार ने PSI को लगाया लाखों चूना
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Published : Feb 6, 2021, 1:56 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक के कलबुर्गी से धोखाधड़ी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक निजी चैनल के रिपोर्टर ने कथित तौर पर पीएसआई को चूना लगाया. पैसा गंवाने वाले मंजूनाथ हुगरा, जो कि जेवरगी स्टेशन के पीएसआई हैं और वर्तमान में डिस्ट्रिक्ट क्राइम ब्रांच (DCB) के PSI के रूप में सेवारत हैं. उन्होंने जावेगी तालुक के कोंडागुल्ली गांव के निवासी कासिम पटेल (30) पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

फिलहाल पुलिस मंजुनाथ की एक शिकायत पर आरोपी कासिम पटेल से पूछताछ कर रही है.

आरोपी के पास से एक महंगी कार, तीन मोबाइल फोन, दो लाख रुपये नकद जब्त किए गए हैं. पुलिस ने कहा कि आरोपी कासिम पटेल एक यूट्यूब चैनल का रिपोर्टर है.

क्या है मामला

मंजूनाथ हुगरा पूर्व में जेवरगी स्टेशन के सब इंसट्रक्टर थे. उन्हें ग्राम पंचायत चुनाव के समय एक लड़की की मृत्यु के एक मामले के दौरान निलंबित कर दिया गया था, और वर्तमान में वह जिला अपराध विभाग में ड्यूटी पर है.

जेवरगी स्टेशन पर ही मंजूनाथ कासिम पटेल से मिले. कासिम ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं के साथ अपनी कुछ तस्वीरें दिखाईं और पीएसआई को विश्वास दिलाया कि वह अपने प्रभाव से किसी भी समस्या को हल कर सकता है.

इसके बाद कासिम पटेल ने पीएसआई को एक मोबाइल नंबर दिया और कहा, यह जिला पुलिस अधीक्षक सेमी मारिया जॉर्ज का निजी नंबर है. इसे किसी और को मत देना. इतना ही नहीं इस नंबर पर केवल एक व्हाट्सएप संदेश ही करना.

व्हाट्सएप ने एसपी के डीपी भी थी. लेकिन नंबर वास्तव में कासिम पटेल के थे. उसके बाद कासिम ने पीएसआई से दो बार उसे नंबर से पैसे की मांग की, एक बार 2.5 लाख और दूसरी बार 6 लाख. पीएसआई ने सोचा कि एसपी को पैसे की जरूरत है और उसने दोनों बार पैसा भेजा दिया.

इसके बाद मंजूनाथ ने तीन फरवरी को शाम 6 बजे उसी नंबर पर एक व्हाट्सएप वॉयस कॉल किया गया.

पढ़ें - भारत-पाक सीमा के पास बीएसएफ ने दो संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा

कॉल में महिला के उर्दू बोलने की आवाज आई और बच्चे रो रहे थे.पीएसआई को पता एहसास हो गया कि उसे कासिम द्वारा धोखा दिया गया है और उसने तुरंत पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत दर्ज की.

फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही और कई सवाल जैसे कि पीएसआई ने कासिम पर भरोसा कैसे किया और उसे पैसे कैसे दिए? वह पैसा कहां से आया? जैसे ही एसपी के नाम का उल्लेख किया गया, तो पीएसआई ने एक बड़ी राशि का भुगतान क्यों किया? उठ रहे हैं.

बेंगलुरु : कर्नाटक के कलबुर्गी से धोखाधड़ी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक निजी चैनल के रिपोर्टर ने कथित तौर पर पीएसआई को चूना लगाया. पैसा गंवाने वाले मंजूनाथ हुगरा, जो कि जेवरगी स्टेशन के पीएसआई हैं और वर्तमान में डिस्ट्रिक्ट क्राइम ब्रांच (DCB) के PSI के रूप में सेवारत हैं. उन्होंने जावेगी तालुक के कोंडागुल्ली गांव के निवासी कासिम पटेल (30) पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

फिलहाल पुलिस मंजुनाथ की एक शिकायत पर आरोपी कासिम पटेल से पूछताछ कर रही है.

आरोपी के पास से एक महंगी कार, तीन मोबाइल फोन, दो लाख रुपये नकद जब्त किए गए हैं. पुलिस ने कहा कि आरोपी कासिम पटेल एक यूट्यूब चैनल का रिपोर्टर है.

क्या है मामला

मंजूनाथ हुगरा पूर्व में जेवरगी स्टेशन के सब इंसट्रक्टर थे. उन्हें ग्राम पंचायत चुनाव के समय एक लड़की की मृत्यु के एक मामले के दौरान निलंबित कर दिया गया था, और वर्तमान में वह जिला अपराध विभाग में ड्यूटी पर है.

जेवरगी स्टेशन पर ही मंजूनाथ कासिम पटेल से मिले. कासिम ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं के साथ अपनी कुछ तस्वीरें दिखाईं और पीएसआई को विश्वास दिलाया कि वह अपने प्रभाव से किसी भी समस्या को हल कर सकता है.

इसके बाद कासिम पटेल ने पीएसआई को एक मोबाइल नंबर दिया और कहा, यह जिला पुलिस अधीक्षक सेमी मारिया जॉर्ज का निजी नंबर है. इसे किसी और को मत देना. इतना ही नहीं इस नंबर पर केवल एक व्हाट्सएप संदेश ही करना.

व्हाट्सएप ने एसपी के डीपी भी थी. लेकिन नंबर वास्तव में कासिम पटेल के थे. उसके बाद कासिम ने पीएसआई से दो बार उसे नंबर से पैसे की मांग की, एक बार 2.5 लाख और दूसरी बार 6 लाख. पीएसआई ने सोचा कि एसपी को पैसे की जरूरत है और उसने दोनों बार पैसा भेजा दिया.

इसके बाद मंजूनाथ ने तीन फरवरी को शाम 6 बजे उसी नंबर पर एक व्हाट्सएप वॉयस कॉल किया गया.

पढ़ें - भारत-पाक सीमा के पास बीएसएफ ने दो संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा

कॉल में महिला के उर्दू बोलने की आवाज आई और बच्चे रो रहे थे.पीएसआई को पता एहसास हो गया कि उसे कासिम द्वारा धोखा दिया गया है और उसने तुरंत पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत दर्ज की.

फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही और कई सवाल जैसे कि पीएसआई ने कासिम पर भरोसा कैसे किया और उसे पैसे कैसे दिए? वह पैसा कहां से आया? जैसे ही एसपी के नाम का उल्लेख किया गया, तो पीएसआई ने एक बड़ी राशि का भुगतान क्यों किया? उठ रहे हैं.

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