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जेएनयू हिंसा ABVP के खिलाफ बनाई हुई रणनीति : श्रीनिवास

JNU में हिंसा को लेकर आरोप प्रत्यारोपों के बीच ABVP राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्रीनिवास ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने पूरी हिंसा को एबीवीपी के खिलाफ क्षडयंत्र बताया. साथ ही श्रीनिवास ने कहा कि खुद को हिंदू राष्ट्रीय दल का नेता बताने वाले उस शख्स की भी जांच की जानी चाहिए, जिसने हाल ही में हमले की जिम्मेदारी ली थी. जानें ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने क्या कुछ कहा...

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जेएनयू हिंसा ABVP के खिलाफ बनाई हुई रणनीति
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Published : Jan 8, 2020, 2:28 PM IST

Updated : Jan 8, 2020, 2:43 PM IST

नई दिल्ली : जेएनयू मामले में वाम दल जहां भारतीय जनता पार्टी, (बीजेपी) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ( ABVP) पर हिंसा का आरोप लगा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ ABVP ने हिंसा के लिये पूरी तरह लेफ्ट पार्टियों की छात्र इकाइयों को जिम्मेदार ठहराया है और वे इसे एक बहुत बड़ी साजिश करार दे रहे हैं.

इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्रीनिवास से विशेष बातचीत की है.

ABVP राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्रीनिवास ने दी जेएनयू हिंसा पर प्रतिक्रिया

श्रीनिवास ने JNU में हुई घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे ABVP के विरुद्ध षड्यंत्र बताया और इस पर उच्चस्तरीय जांच की मांग भी की.

हालांकि ईटीवी भारत से ही बातचीत में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने सीधे सीधे आरोप लगाया था कि कुछ बाहरी लोगों और ABVP के कार्यकर्ताओं ने हिंसा को अंजाम दिया.

गौरतलब है कि दो अलग अलग विचारधारा वाले छात्र संगठन एक दूसरे पर हिंसा का आरोप लगा रहे हैं. इसी बीच मंगलवार को खुद को हिंदू रक्षा दल का नेता बता रहे एक शख्स ने हिंसा की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि उसी ने जेएनयू में अपने लोगों को भेज कर यह हमला करवाया था.

इस बात पर ABVP नेता ने कहा है कि ऐसे शख्स को फौरन गिरफ्तार कर लेना चाहिए. इसके साथ ही इस बात की जांच भी होनी चाहिए कि कहीं हिंदू संगठनों को बदनाम करने के लिए यह क्षडयंत्र तो नहीं चलाया जा रहा.

पढ़ें : JNU हिंसा : ABVP का लेफ्ट पर आरोप- हमें खोज खोजकर पीटा गया

जेएनयू प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि, जेएनयू कल्चर के नाम पर कैंपस के अंदर पुलिस की इंट्री न होने देना और पुलिस की मौजूदगी पर आपत्ति जताना आज की बात नहीं है.

कैंपस के अंदर CCTV कैमरा लगाए जाने पर भी जेएनयू में विरोध प्रदर्शन हो जाते हैं, जबकि यह सुरक्षा के लिए जरूरी चीजें हैं.

ऐसे में पुलिस के अंदर संशय की स्थिति होना वाजिब है लेकिन अब कैंपस के अंदर सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए जेएनयू कल्चर के नाम पर पुलिस को रोकना बंद होना चाहिए और पुलिस को भी चाहिए कि वह इस तरह की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए तत्काल उचित कार्यवाही करे ताकि ऐसी घटनाएं आगे ना हो.

एबीवीपी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ने सरकार और पुलिस से इस पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की है और साथ ही सभी छात्रों से अपील की है कि वह शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें और जेएनयू कैंपस का माहौल फिर से सामान्य हो.

नई दिल्ली : जेएनयू मामले में वाम दल जहां भारतीय जनता पार्टी, (बीजेपी) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ( ABVP) पर हिंसा का आरोप लगा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ ABVP ने हिंसा के लिये पूरी तरह लेफ्ट पार्टियों की छात्र इकाइयों को जिम्मेदार ठहराया है और वे इसे एक बहुत बड़ी साजिश करार दे रहे हैं.

इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्रीनिवास से विशेष बातचीत की है.

ABVP राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्रीनिवास ने दी जेएनयू हिंसा पर प्रतिक्रिया

श्रीनिवास ने JNU में हुई घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे ABVP के विरुद्ध षड्यंत्र बताया और इस पर उच्चस्तरीय जांच की मांग भी की.

हालांकि ईटीवी भारत से ही बातचीत में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने सीधे सीधे आरोप लगाया था कि कुछ बाहरी लोगों और ABVP के कार्यकर्ताओं ने हिंसा को अंजाम दिया.

गौरतलब है कि दो अलग अलग विचारधारा वाले छात्र संगठन एक दूसरे पर हिंसा का आरोप लगा रहे हैं. इसी बीच मंगलवार को खुद को हिंदू रक्षा दल का नेता बता रहे एक शख्स ने हिंसा की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि उसी ने जेएनयू में अपने लोगों को भेज कर यह हमला करवाया था.

इस बात पर ABVP नेता ने कहा है कि ऐसे शख्स को फौरन गिरफ्तार कर लेना चाहिए. इसके साथ ही इस बात की जांच भी होनी चाहिए कि कहीं हिंदू संगठनों को बदनाम करने के लिए यह क्षडयंत्र तो नहीं चलाया जा रहा.

पढ़ें : JNU हिंसा : ABVP का लेफ्ट पर आरोप- हमें खोज खोजकर पीटा गया

जेएनयू प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि, जेएनयू कल्चर के नाम पर कैंपस के अंदर पुलिस की इंट्री न होने देना और पुलिस की मौजूदगी पर आपत्ति जताना आज की बात नहीं है.

कैंपस के अंदर CCTV कैमरा लगाए जाने पर भी जेएनयू में विरोध प्रदर्शन हो जाते हैं, जबकि यह सुरक्षा के लिए जरूरी चीजें हैं.

ऐसे में पुलिस के अंदर संशय की स्थिति होना वाजिब है लेकिन अब कैंपस के अंदर सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए जेएनयू कल्चर के नाम पर पुलिस को रोकना बंद होना चाहिए और पुलिस को भी चाहिए कि वह इस तरह की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए तत्काल उचित कार्यवाही करे ताकि ऐसी घटनाएं आगे ना हो.

एबीवीपी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ने सरकार और पुलिस से इस पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की है और साथ ही सभी छात्रों से अपील की है कि वह शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें और जेएनयू कैंपस का माहौल फिर से सामान्य हो.

Intro:JNU प्रकरण पर वाम दल जहाँ ABVP पर हिंसा का आरोप लगा रहे हैं वहीं ABVP ने हिंसा के लिये पूरी तरह लेफ्ट पार्टियों के छात्र इकाइयों को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे एक बहुत बड़ी साजिश करार दे रहे हैं ।
पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्रीनिवास से विशेष बातचीत की है ।
श्रीनिवास ने JNU में हुई घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे ABVP के विरुद्ध षड्यंत्र बताया और इस पर उच्चस्तरीय जाँच की मांग भी की है ।
हालांकी ईटीवी भारत से ही बातचीत में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने सीधे सीधे आरोप लगया था की कुछ बाहरी लोगों और ABVP के कार्यकर्ताओं ने हिंसा को अंजाम दिया। जब वो एम्स पहुँची थी तो 17 घायल छात्र लेफ्ट विंग के थे और केवल मामूली रूप से चोटिल छात्र ABVP के थे । CPIM के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी कहा था की हिंसा में शमील भीड़ 'भारत मता की जय' के नारे लगा रही थी जिससे की साफ पता चलता है की वो किसकी तरफ से आये थे ।
इस बात के जवाब में ABVP के राष्ट्रीय नेता ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर लेफ्ट विंग के इतने छात्र घायल हुए तो क्यूँ सबकी तस्वीरें जारी करने की बजाय सिर्फ एक छात्र की तस्वीर वो मीडिया और सोशल मीडिया में सर्कुलेट कर रहे हैं । जहाँ तक नारे का सवाल है वो इस देश में कोई भी 'भारत माता की जय' के नारे लगा सकता है । श्रीनिवास ने नारे लगाने के सवाल पर JNU के उस प्रकरण की बात भी उठाई जब वहाँ 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' और 'आज़ादी' के नारे लगे थे ।



Body:दो अलग अलाग विचारधारा से आने वाले छात्र संगठन एक दूसरे पर हिंसा का आरोप लगा रहे हैं और इसी बीच मंगलवार को एक शख्स जो खुद को हिन्दू रक्षा दल का नेता बता रहा था वो मीडिया में आया और उसने JNU हिंसा की जिम्मेदारी लेते हुए कहा की उसी ने अपने लोग JNU कैंपस में भेजे थे ।
इस बात पर ABVP नेता ने कहा है कि ऐसे शख्स को फौरन गिरफ्तार कर लेना चाहिये और इस बात की भी जाँच होनी चाहिये की कहीं वो हिन्दू रक्षा दल के नाम पर किसी प्रोप्गेंडा का हिस्सा तो नहीं जो सिर्फ हिन्दू संगठनों को बदनाम करने के लिये ऐसा कर रहा हो ।
हिंसा की घटना के बाद पुलिस कार्रवाई पर भी गंभीर सवाल उठाए गए और साथ ही जेएनयू के वाइस चांसलर और जेएनयू प्रशासन पर इस बात के आरोप लगे कि उन्होंने समय रहते दिल्ली पुलिस को कैंपस के अंदर घुसने की अनुमति नहीं दी जबकि पुलिस गेट के बाहर भारी संख्या में खड़ी थी। बाद में जब लेफ्टिनेंट गवर्नर ने ट्वीट करके कहा कि उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वह इस स्थिति को नियंत्रण में लाएं उसके बाद वीसी की तरफ से पुलिस को कैंपस के अंदर घुसने की अनुमति दी गई क्या ऐसे में जेएनयू प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर भी सवाल नहीं उठते?
इस सवाल के जवाब में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता ने कहा कि जेएनयू कल्चर के नाम पर कैंपस के अंदर पुलिस की इंट्री ना होने देना और पुलिस की मौजूदगी पर आपत्ति जताना आज की बात नहीं है। कैंपस के अंदर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने पर भी जेएनयू में विरोध प्रदर्शन हो जाते हैं जब कि यह सुरक्षा के लिए जरूरी चीजें हैं। ऐसे में पुलिस के अंदर संशय की स्थिति होना वाजिब है लेकिन अब कैंपस के अंदर सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए जेएनयू कल्चर के नाम पर पुलिस को रोकना बंद होना चाहिए और पुलिस को भी चाहिए कि वह इस तरह की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए तत्काल उचित कार्यवाही करें ताकि ऐसी घटनाएं आगे ना हो। एबीवीपी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ने सरकार और पुलिस से इस पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की है और साथ ही सभी छात्रों से अपील की है कि वह शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें और जेएनयू केंपस का माहौल फिर से सामान्य हो।


Conclusion:
Last Updated : Jan 8, 2020, 2:43 PM IST
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