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जेएनयू हमला सरकार प्रायोजित था, कुलपति को हटाया जाना चाहिए : कांग्रेस - कुलपति के खिलाफ आपराधिक जांच

कांग्रेस की ओर से गठित एक समिति ने जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर बयान जारी किया है. समिति ने हमले को 'सरकार प्रायोजित' बताते हुए कुलपति के खिलाफ आपराधिक जांच शुरू किए जाने की मांग की है. जानें समिति ने इसे लेकर और क्या कुछ कहा...

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कांग्रेस महिला समिति अध्यक्ष सुष्मिता देव
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Published : Jan 12, 2020, 5:19 PM IST

नई दिल्ली : जेएनयू परिसर में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस द्वारा बनाई गई एक तथ्यान्वेषण समिति ने कहा कि पांच जनवरी को विश्वविद्यालय पर हुआ हमला 'सरकार प्रायोजित' था.

समिति ने विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार को बर्खास्त किए जाने और उनके खिलाफ आपराधिक जांच शुरू किए जाने की मांग की.

इस समिति की सदस्य सुष्मिता देव ने कहा कि कुमार को तत्काल पद से हटाया जाना चाहिए, संकायों में हुई सभी नियुक्तियों की जांच होनी चाहिए और मामले की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए.

अखिल भारतीय महिला कांग्रेस प्रमुख ने कहा, कुलपति, विश्वविद्यालय में सुरक्षा मुहैया करानी वाली एजेंसी और संकाय के उन सदस्यों के खिलाफ जांच होनी चाहिए, जिन्होंने साबरमती, पेरियार छात्रावास और अन्य स्थानों पर हमला करने के लिए साथ मिलकर षडयंत्र रचा. सुरक्षा मुहैया कराने वाली कम्पनी की संविदा तत्काल खत्म होनी चाहिए.

देव ने कहा, यह स्पष्ट है कि जेएनयू परिसर पर हमला सरकार प्रायोजित है. उन्होंने जेएनयू में फीस वृद्धि को पूरी तरह से वापस लिए जाने की मांग की.

पढ़ें : JNU विवाद पर बोले अनिल विज, 'जिन्हें जिन्ना वाली आजादी चाहिए वो पाकिस्तान चले जाएं'

समिति के अन्य सदस्यों में सांसद एवं एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष हिबी एदन, सांसद एवं जेएनयू एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष सैय्यद नसीर हुसैन और एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष अमृता धवन शामिल थीं.

गौरतलब है कि जेएनयू में गत पांच जनवरी को नकाबपोश कुछ लोगों ने लाठियों और लोहों की छड़ों से विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों पर हमला कर दिया था. साथ ही विश्वविद्यालय की सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाया था.

विश्वविद्यालय में वामपंथी संगठन और आरएसएस संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इसको लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.

नई दिल्ली : जेएनयू परिसर में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस द्वारा बनाई गई एक तथ्यान्वेषण समिति ने कहा कि पांच जनवरी को विश्वविद्यालय पर हुआ हमला 'सरकार प्रायोजित' था.

समिति ने विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार को बर्खास्त किए जाने और उनके खिलाफ आपराधिक जांच शुरू किए जाने की मांग की.

इस समिति की सदस्य सुष्मिता देव ने कहा कि कुमार को तत्काल पद से हटाया जाना चाहिए, संकायों में हुई सभी नियुक्तियों की जांच होनी चाहिए और मामले की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए.

अखिल भारतीय महिला कांग्रेस प्रमुख ने कहा, कुलपति, विश्वविद्यालय में सुरक्षा मुहैया करानी वाली एजेंसी और संकाय के उन सदस्यों के खिलाफ जांच होनी चाहिए, जिन्होंने साबरमती, पेरियार छात्रावास और अन्य स्थानों पर हमला करने के लिए साथ मिलकर षडयंत्र रचा. सुरक्षा मुहैया कराने वाली कम्पनी की संविदा तत्काल खत्म होनी चाहिए.

देव ने कहा, यह स्पष्ट है कि जेएनयू परिसर पर हमला सरकार प्रायोजित है. उन्होंने जेएनयू में फीस वृद्धि को पूरी तरह से वापस लिए जाने की मांग की.

पढ़ें : JNU विवाद पर बोले अनिल विज, 'जिन्हें जिन्ना वाली आजादी चाहिए वो पाकिस्तान चले जाएं'

समिति के अन्य सदस्यों में सांसद एवं एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष हिबी एदन, सांसद एवं जेएनयू एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष सैय्यद नसीर हुसैन और एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष अमृता धवन शामिल थीं.

गौरतलब है कि जेएनयू में गत पांच जनवरी को नकाबपोश कुछ लोगों ने लाठियों और लोहों की छड़ों से विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों पर हमला कर दिया था. साथ ही विश्वविद्यालय की सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाया था.

विश्वविद्यालय में वामपंथी संगठन और आरएसएस संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इसको लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.

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CONG-JNU-FACT FINDING (RPT)
JNU attack 'state-sponsored', VC must be dismissed: Cong fact-finding committee
(Eds: Changes in para 4)
         New Delhi, Jan 12 (PTI) A fact-finding committee of the Congress on the JNU violence on Sunday said the January 5 attack inside the university campus was "state-sponsored" and recommended Vice Chancellor M Jagadesh Kumar be dismissed and criminal investigation initiated against him.
          The Congress had appointed a four-member fact-finding committee to carry out a detailed inquiry into the violence at the Jawaharlal Nehru University (JNU).
          Sushmita Dev, member of the committee, said it recommended that Kumar be dismissed immediately and all appointments in faculty should be probed and an independent inquiry should take place.
          "A criminal investigation must be initiated against the VC, the company that provides security service and members of the faculty who conspired with the attackers to unleash the violence at Sabarmati hostel, Periyar hostel and other places. The security company's contract must be immediately terminated," the Mahila Congress chief said.
          "It is clear that the attack on JNU campus was state-sponsored," Dev said.
          She also demanded a complete rollback of the JNU fee hike.
          The other members of the fact-finding committee are Hibi Eden, MP and former NSUI president, Syed Naseer Hussain, MP and former president of JNU NSUI and Amrita Dhawan, a former NSUI president and ex-DUSU president.
          On January 5 night, masked people armed with rods and sticks stormed the JNU campus and assaulted students and faculty members, and vandalised property, leaving several people injured.
          Leftist outfits and the RSS-affiliated Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad (ABVP) blamed each other for the violence. PTI UZM
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