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पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह

पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह जसोल की पार्थिव शरीर रविवार शाम को पंचतत्व में विलीन हो गया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से उन्हें पुष्प चक्र अर्पित किए गए.

केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह
केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह
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Published : Sep 27, 2020, 8:09 PM IST

जोधपुर : पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह जसोल का 82 वर्ष की उम्र में रविवार तड़के दिल्ली में निधन हो गया. वह छह साल से गंभीर बीमारी के चलते कोमा में थे. जसवंत सिंह साल 1980 से लेकर 2014 तक संसद के दोनों में किसी एक सदन के लगातार सांसद रहे.

उनका अंतिम संस्कार रविवार शाम एयरपोर्ट रोड स्थित उनके फॉर्म हाउस पर किया गया. दोपहर को पार्थिव शरीर जोधपुर लाया गया. वहीं, सेना की ओर से भी पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किए गए. उनके पुत्र मानवेंद्र सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी. जसवंत सिंह के निधन के साथ ही मारवाड़ ने अपना एक कद्दावर नेता ही नहीं, बल्कि एक मजबूत पैरोकार भी खो दिया.

पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह जसोल

साल 2014 के लोक सभा चुनाव से पूर्व जसवंत सिंह ने पार्टी के समक्ष अपनी इच्छा जताई थी कि यह उनका अंतिम चुनाव होगा. उन्हें अपने पैतृक संसदीय क्षेत्र बाड़मेर-जैसलमेर से टिकट दिया जाए, लेकिन भाजपा के भीतर चली उठापटक के कारण उनका टिकट कट गया और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को प्रत्याशी बना दिया गया.

टिकट कटने से नाराज जसवंत बागी हो गए और निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद पड़े. देश के कुछेक चर्चित चुनाव में यह भी शामिल रहा. यह अलग बात है कि जसवंत सिंह चुनाव हार गए. इसके कुछ महीने बाद दिल्ली में अपने बाथरूम में नीचे गिरने के कारण उनका ब्रेन हेमरेज हो गया.

यह भी पढ़ें- पूर्व रक्षा मंत्री जसवंत सिंह का निधन, राष्ट्रपति व पीएम मोदी ने जताया शोक

उसके बाद से वह अब तक लगातार कोमा में चल रहे थे. रविवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. शाम पांच बजे जसोल के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पुष्प चक्र अर्पित किए गए. वहीं, संभाग के विधायकों ने भी शोक व्यक्त किया.

जोधपुर : पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह जसोल का 82 वर्ष की उम्र में रविवार तड़के दिल्ली में निधन हो गया. वह छह साल से गंभीर बीमारी के चलते कोमा में थे. जसवंत सिंह साल 1980 से लेकर 2014 तक संसद के दोनों में किसी एक सदन के लगातार सांसद रहे.

उनका अंतिम संस्कार रविवार शाम एयरपोर्ट रोड स्थित उनके फॉर्म हाउस पर किया गया. दोपहर को पार्थिव शरीर जोधपुर लाया गया. वहीं, सेना की ओर से भी पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किए गए. उनके पुत्र मानवेंद्र सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी. जसवंत सिंह के निधन के साथ ही मारवाड़ ने अपना एक कद्दावर नेता ही नहीं, बल्कि एक मजबूत पैरोकार भी खो दिया.

पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह जसोल

साल 2014 के लोक सभा चुनाव से पूर्व जसवंत सिंह ने पार्टी के समक्ष अपनी इच्छा जताई थी कि यह उनका अंतिम चुनाव होगा. उन्हें अपने पैतृक संसदीय क्षेत्र बाड़मेर-जैसलमेर से टिकट दिया जाए, लेकिन भाजपा के भीतर चली उठापटक के कारण उनका टिकट कट गया और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को प्रत्याशी बना दिया गया.

टिकट कटने से नाराज जसवंत बागी हो गए और निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद पड़े. देश के कुछेक चर्चित चुनाव में यह भी शामिल रहा. यह अलग बात है कि जसवंत सिंह चुनाव हार गए. इसके कुछ महीने बाद दिल्ली में अपने बाथरूम में नीचे गिरने के कारण उनका ब्रेन हेमरेज हो गया.

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उसके बाद से वह अब तक लगातार कोमा में चल रहे थे. रविवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. शाम पांच बजे जसोल के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पुष्प चक्र अर्पित किए गए. वहीं, संभाग के विधायकों ने भी शोक व्यक्त किया.

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