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जापान के सहयोग से बिहार की महिलाएं सीख रहीं इंग्लिश, हिंदी और गणित - बुनियादी शिक्षा

बिहार के गया की अनपढ़ महिलाएं अब हाथ में कलम लेकर हस्ताक्षर कर रही हैं. जापान की निकको संस्था इन महिलाओं को शिक्षित करने में जुटी हुई है. बतसपुर गांव की महिलाएं गणित, इंग्लिश और हिंदी सीख रही हैं.

बिहार के गया में 50 साल से ऊपर की महिलाएं कर रही हैं पढ़ाई.
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Published : Jul 9, 2019, 5:48 PM IST

गया: ज्ञानभूमि बोधगया में 50 साल से उपर की महिलाएं पढ़ाई कर रही हैं. किसानी परिवेश से जुड़ी इन महिलाओं को जापान की निकको संस्था शिक्षित करने में जुटी हुई है. जिले के बतसपुर गांव की महिलाएं बुनियादी शिक्षा ग्रहण कर रही हैं.

देखें वीडियो.

50 साल की महिलाएं कर रही शिक्षा ग्रहण
गया जिले में पिछले 2 सप्ताह पहले इसकी शुरूआत हुई. स्कूल में औसतन 50 साल की उम्र की 35 महिलाएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. इसका मुख्य उदेश्य महिलाओं को शिक्षित कर ऑर्गनिक खेती और मार्केट को बढ़ावा देना है. महिलाएं बताती हैं, 'आज से पहले हाथ में कभी कलम नहीं पकड़ी थी'. लेकिन आज हस्ताक्षर करना सीख गयी. शुरूआत में संस्था की तरफ से महिलाओं को ही पढ़ाने की पहल पर थोड़ा अटपटा सा लगा. इस उम्र में क्या पढ़ाएंगे और हमलोग क्या सीखेंगे.

पढ़ें: दिल्ली-लखनऊ रूट पर निजी ऑपरेटर चलाएंगे तेजस एक्सप्रेस: सूत्र

गणित, इंग्लिश और हिंदी सीख रही महिलाएं
संस्था के सदस्यों ने पढ़ाई के बारे में बताया, इस उम्र में भी पढ़कर जीविकोपार्जन कर सकती हैं. स्वालम्बी बन सकती हैं. शुरूआत में थोड़ी बहुत परेशानी हुई, लेकिन अब सब अच्छा है. घर के लोग भी सहयोग करते हैं. रोजाना कुछ न कुछ सीखने को मिलता है. महिलाओं का कहना है कि 'अब से ठप्पा की जगह हस्ताक्षर करेंगे'. यहां महिलाएं गणित, इंग्लिश और हिंदी सीख रही हैं.

bihar etvbharat
बिहार के गया में 50 साल से ऊपर की महिलाएं कर रही हैं पढ़ाई.

जापान सरकार से सहयोग से चल रहा प्रोजेक्ट
बोध गया संस्था निदेशक मनोरंजन कुमार ने बताया कि जापान की निकको संस्था को ऑर्गनिक खेती का प्रोजेक्ट भेजा था. जिसके बाद टीम बोधगया के बतसपुर गांव पहुंची. जापानी टीम ने यहां कि अशिक्षित महिलाओं को शिक्षित करने का सुझाव दिया. महिलाओं को शिक्षित करने के बाद ही प्रोजेक्ट सफल हो सकता है. संस्था ने इच्छुक महिलाओं को पढ़ाने की शुरूआत की. आज महिलाएं लिखना सिख चुकी हैं. यह तीन साल का प्रोजेक्ट हैं, जिसमें जापान सरकार का भी सहयोग हैं.

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बिहार के गया में 50 साल से ऊपर की महिलाएं कर रही हैं पढ़ाई.

महिलाओं को शिक्षित करने के पीछे का कारण

  • निकको संस्था ऑर्गनिक खेती प्रोजेक्ट पर कर रही है काम.
  • प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए अनपढ़ महिलाओं को किया जा रहा है शिक्षित
  • किसानी परिवेश से जुड़ी महिलाएं कर रही हैं पढ़ाई .
  • जापान की निकको संस्था के द्वारा महिलाओं को शिक्षित कराया जा रहा है.
  • औसतन 50 साल की उम्र की 35 महिलाएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं.
  • महिलाएं अब ठप्पा की जगह हस्ताक्षर कर रही हैं.
  • गणित, इंग्लिश और हिंदी सीख रही महिलाएं.
  • तीन साल का है यह प्रोजेक्ट हैं, जापान सरकार भी है सहयोगी.

गया: ज्ञानभूमि बोधगया में 50 साल से उपर की महिलाएं पढ़ाई कर रही हैं. किसानी परिवेश से जुड़ी इन महिलाओं को जापान की निकको संस्था शिक्षित करने में जुटी हुई है. जिले के बतसपुर गांव की महिलाएं बुनियादी शिक्षा ग्रहण कर रही हैं.

देखें वीडियो.

50 साल की महिलाएं कर रही शिक्षा ग्रहण
गया जिले में पिछले 2 सप्ताह पहले इसकी शुरूआत हुई. स्कूल में औसतन 50 साल की उम्र की 35 महिलाएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. इसका मुख्य उदेश्य महिलाओं को शिक्षित कर ऑर्गनिक खेती और मार्केट को बढ़ावा देना है. महिलाएं बताती हैं, 'आज से पहले हाथ में कभी कलम नहीं पकड़ी थी'. लेकिन आज हस्ताक्षर करना सीख गयी. शुरूआत में संस्था की तरफ से महिलाओं को ही पढ़ाने की पहल पर थोड़ा अटपटा सा लगा. इस उम्र में क्या पढ़ाएंगे और हमलोग क्या सीखेंगे.

पढ़ें: दिल्ली-लखनऊ रूट पर निजी ऑपरेटर चलाएंगे तेजस एक्सप्रेस: सूत्र

गणित, इंग्लिश और हिंदी सीख रही महिलाएं
संस्था के सदस्यों ने पढ़ाई के बारे में बताया, इस उम्र में भी पढ़कर जीविकोपार्जन कर सकती हैं. स्वालम्बी बन सकती हैं. शुरूआत में थोड़ी बहुत परेशानी हुई, लेकिन अब सब अच्छा है. घर के लोग भी सहयोग करते हैं. रोजाना कुछ न कुछ सीखने को मिलता है. महिलाओं का कहना है कि 'अब से ठप्पा की जगह हस्ताक्षर करेंगे'. यहां महिलाएं गणित, इंग्लिश और हिंदी सीख रही हैं.

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बिहार के गया में 50 साल से ऊपर की महिलाएं कर रही हैं पढ़ाई.

जापान सरकार से सहयोग से चल रहा प्रोजेक्ट
बोध गया संस्था निदेशक मनोरंजन कुमार ने बताया कि जापान की निकको संस्था को ऑर्गनिक खेती का प्रोजेक्ट भेजा था. जिसके बाद टीम बोधगया के बतसपुर गांव पहुंची. जापानी टीम ने यहां कि अशिक्षित महिलाओं को शिक्षित करने का सुझाव दिया. महिलाओं को शिक्षित करने के बाद ही प्रोजेक्ट सफल हो सकता है. संस्था ने इच्छुक महिलाओं को पढ़ाने की शुरूआत की. आज महिलाएं लिखना सिख चुकी हैं. यह तीन साल का प्रोजेक्ट हैं, जिसमें जापान सरकार का भी सहयोग हैं.

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बिहार के गया में 50 साल से ऊपर की महिलाएं कर रही हैं पढ़ाई.

महिलाओं को शिक्षित करने के पीछे का कारण

  • निकको संस्था ऑर्गनिक खेती प्रोजेक्ट पर कर रही है काम.
  • प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए अनपढ़ महिलाओं को किया जा रहा है शिक्षित
  • किसानी परिवेश से जुड़ी महिलाएं कर रही हैं पढ़ाई .
  • जापान की निकको संस्था के द्वारा महिलाओं को शिक्षित कराया जा रहा है.
  • औसतन 50 साल की उम्र की 35 महिलाएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं.
  • महिलाएं अब ठप्पा की जगह हस्ताक्षर कर रही हैं.
  • गणित, इंग्लिश और हिंदी सीख रही महिलाएं.
  • तीन साल का है यह प्रोजेक्ट हैं, जापान सरकार भी है सहयोगी.
Intro:ज्ञानभूमि बोधगया में जापान के निकको संस्था द्वारा बतसपुर गांव के महिलाओं को बुनियादी शिक्षा दिया जा रहा है। पिछले 2 सप्ताह पहले शुरू हुआ स्कूल में औसतन 50 साल की उम्र की दर्जनों महिलाएं शिक्षा ले रही हैं। जापान का यह स्कूल पौढ़ शिक्षा देकर महिलाओं को स्वालंबी बना रहा है।


Body:उम्र की सीमा पढ़ने और सीखने के लिए कभी आड़े नही आया है । गया के बोधगया प्रखंड में बतसपुर गाँव मे जापान के एक संस्था द्वारा महिलाओं को बुनियादी शिक्षा दिया जा रहा है। संस्था के स्कूल में महिलाएं औसतन 50 वर्ष के अधिक उम्र के है। महिलाएं को जब संस्था द्वारा आमंत्रण मिला तो महिलाएं स्वीकार करते हुए पिछले दो सप्ताह से शिक्षा ले रही हैं। महिलाओं बुनियादी शिक्षा देने के पीछे जापानी संस्था का उद्देश्य हैं ऑर्गनिक खेती और मार्केट को बढ़वा देना।

महिलाएं बताती हैं जीवन मे आज तक पेन नही छुई थी आज हस्ताक्षर कर लेती हूँ, शुरू में जब विदेशी संस्था गांव में आया और सिर्फ महिलाओं को ही पढ़ाने के लिए चुना तो बड़ा अटपटा लगा। इतनी उम्र में हमलोग को क्या पढ़ाएंगे और हमलोग क्या सीखेंगे। संस्था के सदस्यों ने पढ़ाई के बारे में बताया इस उम्र में पढ़कर जीविकोपार्जन कर सकती हैं खुद में स्वालबन हो सकती हैं। तो हमलोग लगभग 35 महिलाएं गाँव के आकर पढ़ाई करने लगे। कुछ दिन परेशानी हुआ अब अच्छा लगता है। रोज रोज नया नया सिख रहे हैं। घर के लोग शुरू में साथ नही दिए अब पढ़ते देख वो लोग बहुत साथ देते हैं।

35 महिलाओं के समूह कितने महिलाओं ने हिंदी और इंग्लिश हस्ताक्षर करना सीख गई हैं। सभी महिलाओं ने मन बनाया है बैंक या कहि भी ठप्पा लगाते थे अब ठप्पा नही लगाए गए। अब हस्ताक्षर करेगे। महिलाएं बुनियादी शिक्षा में गणित, इंग्लिश और हिंदी सिख रही है।

बोधगया संस्था का निदेशक मनोरंजन कुमार ने बताया जापान के निकको संस्था को हमने ऑर्गनिक खेती का प्रोजेक्ट भेजा था उन्होंने स्वीकार कर बोधगया के बतसपुर गाँव आये। जापान के संस्था के सदस्यों ने कहा गांव के महिलाओं को आगे शिक्षित करना होगा तब जाकर ये प्रोजेक्ट सफल होगा। संस्था ने बुनियादी शिक्षा के लिए इच्छुक महिलाओ को पढ़ाने लगा। आज बहुत महिलाएं लिखना सिख गयी। ये तीन साल का प्रोजेक्ट हैं। इस प्रोजेक्ट में जापान सरकार का भी सहयोग हैं।


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