श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती एक वर्ष से अधिक समय के बाद रिहा की गई हैं. इसके बाद प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. विभिन्न राजनीतिक दलों के बयान सामने आ रहे हैं. विशेष रूप से गुपकार घोषणा को लेकर हलचलें तेज हैं. पीडीपी प्रमुख महबूबा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस व अन्य दलों के नेताओं के साथ बात कर गुरुवार को एलान किया कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 दोबारा लागू कराने के प्रयास किए जाएंगे. इस संबंध में ईटीवी भारत ने भारतीय जनता पार्टी जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष रविंदर रैना के साथ बातचीत की. उन्होंने कहा कि गुपकार एजेंडा पाकिस्तान का एजेंडा है.
रविंदर रैना ने कहा कि गुपकार देशद्रोहियों और अलगावादियों का एजेंडा है. जम्मू-कश्मीर की जनता ने इस गुपकार एजेंडे को पहले से ही कूड़ेदान में फेंक दिया है. पिछले एक साल से जब यह तमाम लीडर जेल की सलाखों के पीछे बंद थे, जम्मू-कश्मीर के अंदर पूरी तरह से शांति, भाईचारा रहा सब मिलजुलकर रह रहे थे. कहीं कोई पत्थरबाजी नहीं, कहीं कोई गड़बड़ घोटाला नहीं, कोई स्ट्राइक नहीं. लोग खुश थे.
'कश्मीर के सियासतदानों से खुश नहीं जनता'
नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और गुपकार घोषणा में शामिल राजनीतिक दलों की आलोचना करते हुए रविंदर रैना ने कहा कि जो कोई भी इस तरह की घोषणा करता है वह देश का दुश्मन और पाकिस्तान का अनुयायी है. लद्दाख के अंदर जश्न मना. लेह और कारगिल में सारा जम्मू खुश था, कश्मीर घाटी के लोग खुश थे. उन्होंने कहा कि जब यह झूठे लोग जेल की सलाखों के पीछे गये तो पूरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों ने खुशी का इजहार किया था. लोग कहते थे कि ये लोग जेल में ही ठीक हैं. जब यह लोग जेल में थे तब कोई पत्थरबाजी नहीं, कोई हड़ताल नहीं इसका मतलब यह था कि आम लोग कश्मीर के इन सियासतदानों से खुश नहीं हैं.
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'गुपकार घोषणा के नाम पर किया जा रहा गुमराह'
उन्होंने कहा कि संप्रभुता के लिए अनुच्छेद 370 का राजनीतिकरण करना और उसी तरह लोगों को गुमराह करना उनके जैसे नेताओं की परंपरा रही है. हालांकि, वह युग अब समाप्त हो गया है. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को यह समझना चाहिए कि अनुच्छेद 370 और आर्टिकल 35 ए को निरस्त कर दिया गया है. जम्मू-कश्मीर में एक नए युग की शुरुआत हुई है. प्रदेश को मिला विशेष दर्जा किसी भी परिस्थिति में बहाल नहीं किया जाएगा. अब लोगों को गुपकार घोषणा के नाम पर गुमराह करने के बजाय, उन्हें राजनीतिक गतिविधियों को शुरू करना चाहिए. रैना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को किसी भी तरह की गुपकार घोषणा के नाम पर गुमराह नहीं करना चाहिए.
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'फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग'
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के विवादास्पद बयान की कड़ी निंदा करते हुए रैना ने कहा कि अब्दुल्ला का बयान देश को बदनाम करने की साजिश थी. उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए.