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अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का करेंगे सम्मान : जमायत ​​​​​​​ए इस्लामी हिन्द

जमायत ​​​​​​​ए इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष सलीम इंजीनियर ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि फैसला बाबरी मस्जिद के पक्ष में आएगा और यदि ऐसा नहीं तो फिर भी अदालत के फैसले का स्वागत करेंगे.

ईटीवी भारत से बात करते सलीम इंजीनियर
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Published : Nov 5, 2019, 4:23 PM IST

नई दिल्ली : जमायत ए इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष सलीम इंजीनियर ने कहा है कि बाबरी मस्जिद-राम मन्दिर भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो उसका सम्मान करेंगे.

सलीम इंजीनियर ने अयोध्या मामले पर इसी पखवारे संभावित फैसले को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, 'हमें पूरी उम्मीद है कि यह फैसला बाबरी मस्जिद के पक्ष में आएगा और यदि ऐसा नहीं तो भी हम अदालत के फैसले का स्वागत करेंगे.'

ईटीवी भारत से बात करते जमायत ए इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष सलीम इंजीनियर.

सलीम ने कहा, 'हमारे अनुसार बाबरी मस्जिद मुकदमे में मुस्लिम पक्षकारों के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में उच्च स्तरीय बहस की और मस्जिद के हक में पूरी शक्ति के साथ तथ्य,दलीलें और साक्ष्य पेश किये,'

उन्होंने कहा, 'इस समय न केवल हमारा देश बल्कि पूरी दुनिया यह देखेगी कि इस संवेदनशील और अत्यंत महत्वपूर्ण मामले में फैसले की बुनियाद क्या बनती है. तथ्य एवं साक्ष्य, देश का संविधान और हक एवं इंसान की अपेक्षाएं या केवल दावे.'

सलीम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब यह सरकार की जिम्मेदारी है कि समाज में शांति एवं कानून और व्यवस्था बनी रहे. इसके साथ ही नागरिकों की भी जिम्मेदारी है कि वे देश में शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को बरकरार रखें.

पढ़ें - कश्मीर मुद्दे पर PIL, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टालने से इनकार किया

सलीम ने कहा, 'हम खासतौर पर युवाओं को यह संदेश देना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला चाहे किसी के पक्ष में हो, वह सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी न करें और भावनाओं को भड़काने की कोशिश बिल्कुल भी न करें.'

'उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वह समाज में घृणा फैलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे.

नई दिल्ली : जमायत ए इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष सलीम इंजीनियर ने कहा है कि बाबरी मस्जिद-राम मन्दिर भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो उसका सम्मान करेंगे.

सलीम इंजीनियर ने अयोध्या मामले पर इसी पखवारे संभावित फैसले को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, 'हमें पूरी उम्मीद है कि यह फैसला बाबरी मस्जिद के पक्ष में आएगा और यदि ऐसा नहीं तो भी हम अदालत के फैसले का स्वागत करेंगे.'

ईटीवी भारत से बात करते जमायत ए इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष सलीम इंजीनियर.

सलीम ने कहा, 'हमारे अनुसार बाबरी मस्जिद मुकदमे में मुस्लिम पक्षकारों के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में उच्च स्तरीय बहस की और मस्जिद के हक में पूरी शक्ति के साथ तथ्य,दलीलें और साक्ष्य पेश किये,'

उन्होंने कहा, 'इस समय न केवल हमारा देश बल्कि पूरी दुनिया यह देखेगी कि इस संवेदनशील और अत्यंत महत्वपूर्ण मामले में फैसले की बुनियाद क्या बनती है. तथ्य एवं साक्ष्य, देश का संविधान और हक एवं इंसान की अपेक्षाएं या केवल दावे.'

सलीम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब यह सरकार की जिम्मेदारी है कि समाज में शांति एवं कानून और व्यवस्था बनी रहे. इसके साथ ही नागरिकों की भी जिम्मेदारी है कि वे देश में शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को बरकरार रखें.

पढ़ें - कश्मीर मुद्दे पर PIL, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टालने से इनकार किया

सलीम ने कहा, 'हम खासतौर पर युवाओं को यह संदेश देना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला चाहे किसी के पक्ष में हो, वह सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी न करें और भावनाओं को भड़काने की कोशिश बिल्कुल भी न करें.'

'उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वह समाज में घृणा फैलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे.

Intro:नई दिल्ली। जमाअत इस्लामी हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बाबरी मस्जिद-राम मन्दिर भूमि विवाद पर कुछ ही दिनों में सुनाये जाने वाले फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि हमें पूरी उम्मीद है कि यह फैसला बाबरी मस्जिद के पक्ष में आएगा और यदि ऐसा नहीं तो फिर भी अदालत के फैसले का स्वागत करेंगे।

जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष सलीम इंजीनियर ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि हमारे अनुसार बाबरी मस्जिद मुकदमा में मुस्लिम पक्षकारों के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में उच्च स्तरीय बहस की और मस्जिद के हक़ में पूरी शक्ति के साथ तथ्य,दलीलें और साक्ष्य पेश किये।




Body:सलीम इंजीनियर ने कहा कि इस समय न केवल हमारा देश बल्कि पूरी दुनिया यह देखेगी कि इस संवेदनशील और अत्यंत महत्वपूर्ण मामले में फैसले की बुनियाद क्या बनती है। तथ्य एवं साक्ष्य, देश का संविधान और हक एवं इंसान की अपेक्षाएं या केवल दावे।

जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब यह सरकार की जिम्मेदारी है कि समाज में शांति एवं कानून और व्यवस्था बनी रहे। उन्होंने कहा इसी के साथ ही नागरिकों की भी जिम्मेदारी है कि वह देश में शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को बरकरार रखें।


Conclusion:सलीम इंजीनियर ने कहा कि हम खासतौर पर युवाओं को यह संदेश देना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला चाहे किसी के पक्ष में हो, वह सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी न करें और भावनाओं को भड़काने की कोशिश बिल्कुल भी न करें। उन्होंने कहा कि इसी के साथ ही सरकार की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वह समाज में घृणा फैलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे।
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