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हिंद-प्रशांत संकल्पना को व्यापक रूप से मिल रही स्वीकृति : जयशंकर

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Published : Oct 6, 2020, 3:34 PM IST

Updated : Oct 6, 2020, 7:52 PM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को जापान के टोक्यो में क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में कहा कि हिंद-प्रशांत संकल्पना को व्यापक रूप से स्वीकृति मिल रही है. हमारा उद्देश्य हिंद-प्रशांत में वैध और महत्वपूर्ण हितों वाले देशों के आर्थिक हितों व सुरक्षा को आगे बढ़ाना है.

jaishankar
एस जयशंकर

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जापान के टोक्यो में क्वाड समूह की मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हिंद-प्रशांत में वैध और महत्वपूर्ण हितों वाले सभी देशों के आर्थिक व सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाना प्रमुख प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि हमारे देशों ने खुले और समावेशी भारत-प्रशांत को कायम रखने के महत्व पर सामूहिक रूप से प्रतिबद्धता जताई है.

उन्होंने कहा कि हम नियमों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसे कानून के शासन, अंतरराष्ट्रीय समुद्रों में नौवहन का समर्थन हासिल हो. हमारा उद्देश्य हिंद-प्रशांत में वैध और महत्वपूर्ण हितों वाले देशों के आर्थिक हितों व सुरक्षा को आगे बढ़ाना है.

जयशंकर ने कहा कि यह संतोष की बात है कि हिंद-प्रशांत संकल्पना को व्यापक रूप से स्वीकृति मिल रही है.

चीन की विस्तारवादी नीति पर बढ़ती वैश्विक चिंता पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत नियमों पर आधारित विश्व व्यवस्था, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान तथा विवादों के शांतिपूर्ण हल के लिए प्रतिबद्ध है.

क्वाड चार देशों का समूह है जिसमें अमेरिका और भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया व जापान भी शामिल हैं. क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की सैन्य आक्रामकता को लेकर बढ़ती चिंताओं की पृष्ठभूमि में हो रही है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्वाड समूह की मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए मुक्त, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने की अपनी साझा स्थिति के बारे में भी चर्चा की.

इस बैठक में जयशंकर के अलावा जापान के विदेश मंत्री तोशीमित्सु मोटेगी, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पैने और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी भाग ले रहे हैं.

जयशंकर ने कहा, 'साझा मूल्यों के साथ जीवंत और बहुलवादी लोकतंत्रों के रूप में हमारे देशों ने स्वतंत्र, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत बनाए रखने के महत्व की सामूहिक रूप से पुष्टि की है.'

उन्होंने कहा, 'हम नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसमें कानून के शासन, पारदर्शिता, अंतरराष्ट्रीय समुद्रों में नौवहन की स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के प्रति सम्मान और विवादों का शांतिपूर्ण समाधान शामिल हों.'

चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बन रही स्थिति पिछले कुछ वर्षों में प्रमुख वैश्विक शक्तियों के बीच एक प्रमुख मुद्दा बन गई है. अमेरिका, चीन की गतिविधियों पर काबू के लिए क्वाड को सुरक्षा ढांचा बनाने का पक्षधर रहा है.

विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, 'हमारा मकसद इस क्षेत्र में वैध और महत्वपूर्ण हितों वाले सभी देशों की सुरक्षा और आर्थिक हितों को आगे बढ़ाना है.'

विदेश मंत्री ने क्वाड बैठक से इतर अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ के साथ द्विपक्षीय वार्ता की जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई.

जयशंकर ने ट्वीट किया, 'पोम्पिओ के साथ द्विपक्षीय बैठक से मेरी टोक्यो यात्रा शुरू हुई. इतने सारे क्षेत्रों में हमारी साझेदारी की प्रगति को देखकर खुशी हुई. हिंद-प्रशांत में स्थिरता और समृद्धि के लिए मिलकर काम करेंगे.'

जयशंकर ने क्वाड बैठक में कोविड-19 का भी जिक्र किया और कहा कि इस वर्ष की घटनाओं ने स्पष्ट रूप से रेखांकित किया है कि विभिन्न चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए समान सोच वाले देशों के बीच समन्वय कितना जरूरी है.

यह भी पढ़ें- क्वाड समूह की बैठक, जयशंकर ने पोम्पियो से की मुलाकात

उन्होंने कहा, 'आप सभी जानते हैं कि भारत अगले साल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता ग्रहण करने वाला है. हम बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार और महामारी से उबरने सहित विभिन्न वैश्विक चुनौतियों के सामूहिक समाधान की तलाश में हैं.'

जयशंकर ने कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचा के विकास, आतंकवाद से मुकाबला, साइबर और समुद्री सुरक्षा जैसे प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा की.

क्वाड ढांचे के तहत चार देशों के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक पिछले साल सितंबर में न्यूयॉर्क में हुई थी.

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जापान के टोक्यो में क्वाड समूह की मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हिंद-प्रशांत में वैध और महत्वपूर्ण हितों वाले सभी देशों के आर्थिक व सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाना प्रमुख प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि हमारे देशों ने खुले और समावेशी भारत-प्रशांत को कायम रखने के महत्व पर सामूहिक रूप से प्रतिबद्धता जताई है.

उन्होंने कहा कि हम नियमों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसे कानून के शासन, अंतरराष्ट्रीय समुद्रों में नौवहन का समर्थन हासिल हो. हमारा उद्देश्य हिंद-प्रशांत में वैध और महत्वपूर्ण हितों वाले देशों के आर्थिक हितों व सुरक्षा को आगे बढ़ाना है.

जयशंकर ने कहा कि यह संतोष की बात है कि हिंद-प्रशांत संकल्पना को व्यापक रूप से स्वीकृति मिल रही है.

चीन की विस्तारवादी नीति पर बढ़ती वैश्विक चिंता पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत नियमों पर आधारित विश्व व्यवस्था, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान तथा विवादों के शांतिपूर्ण हल के लिए प्रतिबद्ध है.

क्वाड चार देशों का समूह है जिसमें अमेरिका और भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया व जापान भी शामिल हैं. क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की सैन्य आक्रामकता को लेकर बढ़ती चिंताओं की पृष्ठभूमि में हो रही है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्वाड समूह की मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए मुक्त, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने की अपनी साझा स्थिति के बारे में भी चर्चा की.

इस बैठक में जयशंकर के अलावा जापान के विदेश मंत्री तोशीमित्सु मोटेगी, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पैने और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी भाग ले रहे हैं.

जयशंकर ने कहा, 'साझा मूल्यों के साथ जीवंत और बहुलवादी लोकतंत्रों के रूप में हमारे देशों ने स्वतंत्र, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत बनाए रखने के महत्व की सामूहिक रूप से पुष्टि की है.'

उन्होंने कहा, 'हम नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसमें कानून के शासन, पारदर्शिता, अंतरराष्ट्रीय समुद्रों में नौवहन की स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के प्रति सम्मान और विवादों का शांतिपूर्ण समाधान शामिल हों.'

चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बन रही स्थिति पिछले कुछ वर्षों में प्रमुख वैश्विक शक्तियों के बीच एक प्रमुख मुद्दा बन गई है. अमेरिका, चीन की गतिविधियों पर काबू के लिए क्वाड को सुरक्षा ढांचा बनाने का पक्षधर रहा है.

विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, 'हमारा मकसद इस क्षेत्र में वैध और महत्वपूर्ण हितों वाले सभी देशों की सुरक्षा और आर्थिक हितों को आगे बढ़ाना है.'

विदेश मंत्री ने क्वाड बैठक से इतर अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ के साथ द्विपक्षीय वार्ता की जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई.

जयशंकर ने ट्वीट किया, 'पोम्पिओ के साथ द्विपक्षीय बैठक से मेरी टोक्यो यात्रा शुरू हुई. इतने सारे क्षेत्रों में हमारी साझेदारी की प्रगति को देखकर खुशी हुई. हिंद-प्रशांत में स्थिरता और समृद्धि के लिए मिलकर काम करेंगे.'

जयशंकर ने क्वाड बैठक में कोविड-19 का भी जिक्र किया और कहा कि इस वर्ष की घटनाओं ने स्पष्ट रूप से रेखांकित किया है कि विभिन्न चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए समान सोच वाले देशों के बीच समन्वय कितना जरूरी है.

यह भी पढ़ें- क्वाड समूह की बैठक, जयशंकर ने पोम्पियो से की मुलाकात

उन्होंने कहा, 'आप सभी जानते हैं कि भारत अगले साल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता ग्रहण करने वाला है. हम बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार और महामारी से उबरने सहित विभिन्न वैश्विक चुनौतियों के सामूहिक समाधान की तलाश में हैं.'

जयशंकर ने कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचा के विकास, आतंकवाद से मुकाबला, साइबर और समुद्री सुरक्षा जैसे प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा की.

क्वाड ढांचे के तहत चार देशों के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक पिछले साल सितंबर में न्यूयॉर्क में हुई थी.

Last Updated : Oct 6, 2020, 7:52 PM IST
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