नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क स्थित जग प्रवेश चंद्र अस्पताल भी बाबू जगजीवन राम अस्पताल बनने की राह पर है. बाबू जगजीवन राम अस्पताल में 60 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. नर्सिंग स्टाफ एमएस की लापरवाही के चलते यहां के तकरीबन 100 स्वास्थ्य कर्मी को घरों में क्वारंटाइन के लिए भेज दिया गया है. उनकी जांच हो गई है, जिसकी रिपोर्ट आज आ सकती है.
24 अप्रैल को आई रिपोर्ट पॉजिटिव
आपको बता दें कि जगप्रवेश अस्पताल के एक लिफ्टमैन और एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. जूनियर डॉक्टर बाल रोग विभाग में 15 अप्रैल से ही काम कर रही थी. 17 अप्रैल को जुखाम और खांसी जैसे लक्षण दिखने लगे थे, लेकिन चिकित्सा अधीक्षक ने इस तरफ कोई ध्यान देने के बजाय उनकी ड्यूटी लगाते रहे.
24 अप्रैल तक वह अस्पताल में ड्यूटी पर आती रही. उसी दिन उनकी रिपोर्ट जब पॉजिटिव आई तो उन्हे घर भेज दिया गया. उन्होंने अपने एरिया के नोडल अधिकारी से संपर्क किया, जिसके बाद उन्हे कोविड-19 केंद्र भेजा गया.
एक और बड़ी लापरवाही
अस्पताल के एक सीनियर नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि 21 अप्रैल को अस्पताल में एक कोरोना संदिग्ध मरीज आई थी. उसकी हालत गंभीर थी. उसे तुरंत एम्बुलेंस से लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल रेफर किया गया, वहां उसकी मौत हो गई.
बाद में जब उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इसकी सूचना एलएनजेपी की तरफ से अस्पताल को भेजकर आवश्यक एहतियात बरतने को कहा गया. इसके बावजूद संबंधित विभाग को जारी रखा गया. वहां काम करने वाले जूनियर और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को इसके बार में सतर्क भी नहीं किया गया.
एमएस ने आरोपों से झाड़ा पल्ला
जब अस्पताल के एमएस डॉ. आदर्श कुमार से अस्पताल के क्वारंटाइन किए गए स्टाफ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह थोड़ी देर में उस विषय पर जानकारी देंगे. दोबारा उनसे संपर्क स्थापित करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. उन्हें मैसेज भी किया गया उसका भी कोई जवाब नहीं आया.
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