पिथौरागढ़: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के एक दल ने लापता हुए विदेशी पर्वतारोहियों में से सात के शव बर्फ से बाहर निकाले हैं. करीब एक माह पहले नंदा देवी पूर्व चोटी पर चढ़ने के दौरान ये विदेशी पर्वतारोही लापता हो गए थे.
ITBP के उपमहानिरीक्षक एपीडी निंबाडिया ने बताया कि ITBP की दस सदस्यीय टीम ने पिंडारी ग्लेशियर की तरफ नंदा देवी पूर्व की पश्चिमी चोटी पर बर्फ के अंदर दबे सात पर्वतारोहियों के शवों को खोद कर बाहर निकाल लिया है. इन शवों में से एक महिला पर्वतारोही का भी शव है.
वहीं, ITBP अधिकारी विवेक पांडे ने बताया कि आठवें पर्वतारोही के शव की तलाश की जा रही है. आपको बता दें, चोटी पर आरोहण के दौरान आठ सदस्यीय पर्वतारोही दल लापता हो गया था.
इस संबंध में निंबाडिया ने बताया कि 17800 फुट की उंचाई पर स्थित पहाडी से शव निकालने के लिये अभियान एक सप्ताह पहले शुरू किया गया था.
उन्होंने कहा कि 'डेयर डेविल' नाम के इस अभियान में भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों की भी मदद ली गई है. निंबाडिया ने बताया कि शवों की अभी पहचान नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि आधार शिविर लाने के बाद ही उनकी पहचान करना संभव हो पाएगा.
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पर्वतारोहियों की तलाश के लिये तीन जून को गये भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर ने नंदा देवी पूर्व चोटी के पास स्थित एक अनाम चोटी पर पांच शवों को देखा था लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर नहीं उतर पाया और उन शवों को नहीं निकाला जा सका.
बता दें, जाने माने ब्रिटिश पर्वतारोही मार्टिन मोरान के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित 7434 मीटर उंची नंदा देवी पूर्व चोटी को फतेह करने निकली थी लेकिन रास्ते में ही लापता हो गई.
गौरतलब है, मोरान पहले भी दो बार इस चोटी को फतेह कर चुके हैं. लापता पर्वतारोहियों में ब्रिटेन, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के सात पर्वतारोहियों के अलावा दिल्ली स्थित 'इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन' (IMF) के लाइजन अफसर चेतन पांडे भी शामिल हैं.
बता दें, टीम 13 मई को मुनस्यारी से निकली थी लेकिन 25 मई की तय तारीख तक वापस नहीं लौटी.