पिथौरागढ़: उत्तराखंड के नंदा देवी ईस्ट क्षेत्र में खोजे गए 7 पर्वतारोहियों के शवों को 15600 फीट की ऊंचाई पर स्थित बेस कैंप लाया जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि मंगलवार शाम तक सभी शवों को बेस कैंप पहुंचा दिया जाएगा. जहां से हेलीकॉप्टर के जरिये शवों को जिला मुख्यालय लाया जाएगा.
इस संबंध में प्रशासन का कहना है कि अगर मौसम साफ रहा तो एक-दो दिन के भीतर सभी 7 शवों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर पिथौरागढ़ मुख्यालय पहुंचा दिया जाएगा.
लगभग 15 दिनों तक संघर्ष करने के बाद ITBP की टीम शवों को नीचे लाने में सफल रही है. ITBP के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडेय ने बताया कि टीम शवों को पहाड़ों से और नीचे के बेस कैंप में लाने का प्रयास कर रही है.
पांडेय ने बताया कि नीचे लाए जाने के बाद एक-दो दिनों में शवों को एयरलिफ्ट कराने का प्रयास किया जाएगा.
आईटीबीपी के द्वितीय कमान अधिकारी और एवरेस्ट विजेता रतन सिंह सोनाल के नेतृत्व में 18 सदस्यीय टीम ने नंदा देवी ईस्ट में लापता 8 पर्वतारोहियों में 7 पर्वतारोहियों के शवों को 23 जून को खोज निकाला था. इन शवों को 17,800 फ़ीट की ऊंचाई पर बने एडवांस कैंप में रखा गया था, एक शव का भार करीब 80 से 90 किलो तक है. शवों को बेस कैंप तक लाने में आईटीबीपी के हिमवीरों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.
पढ़ेंः नंदा देवी: लापता ट्रैकर्स की खोज के लिये चार ITBP और पांच वायुसेना के जवान रवाना
वहीं, नंदा देवी ईस्ट में खराब मौसम भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए चुनौती बना हुआ है. आईटीबीपी के मुताबिक, ये अभियान विश्व का पहला और तकनीकी रूप से सबसे कठिन अभियान है.
गौर हो कि 13 मई को ब्रिटेन निवासी मार्टिन मोरिन, रिचर्ड प्याने, रूपर्ट वेवैल, जोन चार्लीस मैकलर्न, अमेरिका के रोनाल्ड बीमेल, एंथोनी सुडेकम, ऑस्ट्रेलिया की महिला पर्वतारोही रुथ मैकन्स और आईएमएफ के लाइजनिंग ऑफिसर चेतन पांडेय मुनस्यारी से नंदा देवी ईस्ट के लिए निकले थे.
26 मई को ये दल एवलांच की चपेट में आने से लापता हो गया था. इस दल के 7 सदस्यों के शव सर्च एंड रेस्क्यू टीम में खोज लिए है। वही मौसम खराब होने के कारण आठवें पर्वतारोही की खोज फिलहाल रोकी गयी है. मौसम ठीक होने के बाद आठवें शव को खोजने के लिए दोबारा सर्च अभियान चलाया जाएगा.