नई दिल्ली : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि भाजपा के साथ गठबंधन की तुलना में शिवसेना के साथ गठबंधन 'कठिन नहीं' है.
उन्होंने कहा कि उनके भतीजे अजित पवार ने पार्टी के साथ बगावत की थी क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ जिस तरह से वार्ता चल रही थी उससे वह 'पूरी तरह नाराज' थे.
धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस- राकांपा और दशकों तक उग्र हिंदुत्व की विचारधारा की समर्थक शिवसेना के बीच गठबंधन के वास्तुकार पवार ने कहा कि विचारधारा के स्तर पर अलग होने के बावजूद गठबंधन के बीच 'पूर्ण समझदारी' है उन्होंने विश्वास जताया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी वार्ता के बारे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख ने एक समाचार चैनल से कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि उनकी पार्टी के लिए भाजपा के साथ काम करना संभव नहीं होगा.
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उन्होंने कहा, 'हमारे लिए भाजपा की तुलना में शिवसेना के साथ काम करना कठिन नहीं है. हम वह मार्ग नहीं पकड़ सकते थे.'
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अजित पवार के हाथ मिलाने के बारे में पूछने पर शरद पवार ने कहा, 'वह हमारे बीच चर्चा के बीच से ही लौट गए थे और कांग्रेस व हमारे बीच वार्ता से वह बहुत खुश नहीं थे. वह पूरी तरह नाखुश थे. उस स्थिति में उन्होंने ऐसा निर्णय किया.'
देवेन्द्र फडणवीस ने 23 नवम्बर की सुबह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने थे.
पवार ने कहा, 'लेकिन उन्हें महसूस हुआ कि यह सही निर्णय नहीं है और इसलिए अगली सुबह वह आए, मुझे देखा और इन सबसे अलग हो गए.'
बहरहाल, उन्होंने कहा कि राकांपा में उनके भतीजे की अच्छी पकड़ है लेकिन यह बताने से इंकार कर दिया कि महाराष्ट्र की नई सरकार में उनके भतीजे को उपमुख्यमंत्री का पद मिलेगा अथवा नहीं.