नई दिल्ली : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कथित 'इस्लामोफोबिया' (इस्लाम के खिलाफ नफरत की भावना) को भारत को बदनाम करने का प्रयास करार देते हुए मंगलवार को कहा कि देश में अल्पसंख्यक फल-फूल रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अल्पसंख्यक वर्ग के लोग सम्मान के सशक्तीकरण में बराबर के भागीदार हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में हो रहे समावेशी विकास को 'मोदी फोबिया क्लब' हजम नहीं कर पा रहा है और इसलिए वह 'असहिष्णुता, सांप्रदायिकता और अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव' के आरोपों के जरिए दुष्प्रचार में लगा है.नकवी ने 'इस्लामोफोबिया-बोगस बैशिंग ब्रिगेड की बोगी' शीर्षक से लिखे एक ब्लॉग में यह टिप्पणी करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही योजनाओं और उनसे अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को हो रहे लाभ का विस्तार से उल्लेख किया.
उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की गई है जब भारत में कोरोना संकट के समय कथित 'इस्लामोफोबिया का माहौल होने को लेकर कई अरब देशों में आलोचनात्मक टिप्पणियां की गई हैं. भारत ने 'इस्लामोफोबिया' के आरोपों को खारिज किया है.
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने आरोप लगाया कि एक तरफ हर भारतवासी प्रभावशाली नेतृत्व पर गौरवान्वित है, वहीं बौखलाया-बदहवास पेशेवर 'मोदी फोबिया क्लब' ने 'इस्लामोफोबिया' कार्ड के जरिए झूठे, मनगढंत तर्कों, तथ्यों से कोसों दूर दुष्प्रचारों से भारत के शानदार समावेशी संस्कृति, संस्कार और संकल्प पर पलीता लगाने की फिर से साजिशी सूत्र का ताना-बाना बुनना शुरू कर दिया है.'
मंत्री ने आरोप लगाया कि साजिशी सियासी सनक से सराबोर लोग भारत को बदनाम करने और हिंदुस्तान की 'सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया' के संकल्प पर चोट पहुंचाने की घटिया साजिश में लग गए हैं. यह वो लोग हैं जो नरेंद्र मोदी के कामकाज, परिश्रम एवं देश की समावेशी प्रगति को हजम नहीं कर पा रहे हैं.
नकवी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में प्रमुख इस्लामी देशों के साथ के आजादी के बाद से अब तक के सबसे ज्यादा दोस्ताना और करीबी रिश्ते बने. सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, अफगानिस्तान और कई अन्य देशों ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सबसे बड़े नागरिक सम्मान से नवाजा.
उन्होंने कहा, 'जब कोरोना का कहर दुनिया में शुरू हुआ था तब मोदी सरकार वुहान, ईरान, ईराक, सऊदी अरब आदि से बड़ी संख्या में भारतीयों को वापस देश लायी, इनमे अधिकतर मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल थे.'
'वंदे भारत मिशन' के तहत भी मालदीव, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, ईरान, क़तर सहित कई देशों से भारतीयों को वापस लाया जा रहा है जिनमे बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समाज के लोग हैं. उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में हाल ही में हुए दंगे से पहले शाहीन बाग धरने के समय एक मैसेज तेजी से वायरल किया गया था कि 'मोदी कहते हैं.. उनके दौरे हुकूमत में एक भी दंगा-फसाद नहीं हुआ, हमें इस गुरुर को चकनाचूर करना है'... और उसके बाद दिल्ली में जो कुछ हुआ उसने इंसानियत के सभी अंगों को लहूलुहान कर दिया.'
मंत्री ने आरोप लगाया, शाहीन बाग में धरने पर बैठी महिलाओं को राष्ट्रद्रोही नहीं कहा जा सकता, पर यह भी सच है कि उन्हें 'गुमराह गैंग' ने अपने मकसद के लिए गुमराह किया और ऐसे रास्ते पर धकेल दिया जहां 'एंट्री गेट' तो था पर 'एग्जिट गेट' नहीं था.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए नकवी ने कहा कि भारत को बदनाम कर रहे ब्रिगेड में शामिल बहुत से लोग उसी 'विरासत के वारिस' हैं जिन्होंने कांग्रेस के समय में भिवंडी से भागलपुर, मलियाना से मालेगांव तक हुए पांच हजार से ज्यादा कत्लेआम पर ना कभी सवाल उठाया ना कभी कहीं शिकायत की, क्योंकि यह सब जिस दौरे हुकूमत में हुआ था उसकी नाल उस 'दरबार के दरबारियों' से बंधी है.
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