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अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर पूर्व विदेश सचिव से खास बातचीत

भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौजूदा स्थिति का अर्थव्यवस्था और अन्य मुद्दों पर असर पड़ता है. अन्य देशों के साथ भारत के संबंध और प्रभाव पर पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने विचार व्यक्त किए. देखें खास बातचीत

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन
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Published : Nov 25, 2019, 2:05 PM IST

Updated : Nov 25, 2019, 7:12 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने 2024 तक भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन बनाने का लक्ष्य रखा है. किसी भी देश की अर्थव्यवस्था और उसकी विकास दर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके अन्य देशों के साथ संबंधों पर भी निर्भर करता है. पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने श्रीलंका में नए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चुनाव और उसके भारत पर प्रभाव समेत भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंध, चीन मुद्दा, पाकिस्तान, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और नेपाल के साथ नए नक्शे में कालापानी क्षेत्र की स्थिति को लेकर चल रहे तनाव पर बातचीत की.

पाल ने हाल ही में भारत द्वारा जारी किए गए नवीनतम आधिकारिक नक्शे में कालापानी क्षेत्र के चित्रण पर कड़ी आपत्ति जताई है. पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने कहा कि कुछ राजनीतिक ताकतें नक्शे पर विवाद पैदा करने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने कहा कि यह भारत-नेपाल सीमा को दर्शाता यह नक्शा पहले की ही तरह है, इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.

देखें इस मुद्दे पर पूर्व विदेश सचिव के साथ विशेष बातचीत :-

प्रश्न : गोटाबाया राजपक्षे श्रीलंका के राष्ट्रपति और महिंद्रा राजपक्षे नए प्रधानमंत्री बन चुके हैं. श्रीलंका में नए राष्ट्रपति और पीएम के आने के बाद चीन का प्रभाव बढ़ने को लेकर आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं. क्या केंद्र सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए?

कई मौकों पर भारत और केंद्र सरकार को लेकर पूर्व राष्ट्रपति सिरिसेना और पीएम विक्रमसिंघे के बीच शक्ति संघर्ष को देखा गया है. क्या भारत के लिए यह संभव है कि वह बैकसीट पर रहे और चीजों को अपने स्तर पर देखे?

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन

प्रश्न : मोदी सरकार ऑप्टिक्स पर बहुत ध्यान देती है. भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर, गोटाबाया के शपथ लेने के तुरंत बाद कोलंबो पहुंचे. गोटाबाया पहले आधिकारिक विदेश यात्रा पर भारत आएंगे, इससे कितना फर्क पड़ेगा?

प्रश्न : पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) और विदेश सचिव एसएस मेनन ने ईटीवी को दिए एक साक्षात्कार में कोलंबो बंदरगाह का उदाहरण देते हुए कहा था कि भारत को चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) पर आपत्ति नहीं होना चाहिए. भारत BRI का विरोध PoK में CPEC के आसपास कर रहा है. आपके क्या विचार हैं?

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन

प्रश्न : भारत का RCEP से नाम वापस लेने के फैसला कितना मायने रखता है? क्या यह हालिया राज्य चुनावों के परिणामों के मद्देनजर एक राजनीतिक गणना थी?
भारत का 2024 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सपना है. अगर हमारी अर्थव्यवस्था गिरती है और विकास दर नीचे आती है तो विदेश नीति पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा और आज अंतरराष्ट्रीय स्थिति विकास पर कितनी केंद्रित है?

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन

प्रश्न : कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और उसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए घटनाक्रम के बाद क्या भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर असर पड़ा है? क्या भारत आतंकवाद और पाकिस्तान के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार उठा रहा है?

जर्मन चांसलर मर्केल, फिनलैंड सरकार ने कश्मीर मुद्दे पर तीखी टिप्पणियां कीं. पिछले कुछ दिनों में अमेरिकी संसद में भी इस मुद्दे पर दो सुनवाई हुईं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की कूटनीतिक चुनौती को कैसे देखते हैं?

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन

प्रश्न : क्या भारत-अमेरिका व्यापार समझौते फिर से पटरी पर आ रहे हैं और इससे द्विपक्षीय संबंधों पर कितना असर पड़ेगा?

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन

प्रश्न : एनआरसी को लेकर निवर्तमान बांग्लादेश उच्चायुक्त ने भारत के खिलाफ कुछ आलोचनात्मक टिप्पणी की. क्या एनआरसी के कारण बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय संबंध प्रभावित होंगे?

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन

प्रश्न : जम्मू और कश्मीर के पुनर्गठन के भारत ने नए राजनीतिक नक्शा जारी किया, जिसमें कालापानी क्षेत्र को लेकर नेपाल ने आपत्ति जताई है और नेपाल के साथ कूटनीतिक टकराव की आशंका है. आप इसे कैसे देखते हैं?

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने 2024 तक भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन बनाने का लक्ष्य रखा है. किसी भी देश की अर्थव्यवस्था और उसकी विकास दर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके अन्य देशों के साथ संबंधों पर भी निर्भर करता है. पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने श्रीलंका में नए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चुनाव और उसके भारत पर प्रभाव समेत भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंध, चीन मुद्दा, पाकिस्तान, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और नेपाल के साथ नए नक्शे में कालापानी क्षेत्र की स्थिति को लेकर चल रहे तनाव पर बातचीत की.

पाल ने हाल ही में भारत द्वारा जारी किए गए नवीनतम आधिकारिक नक्शे में कालापानी क्षेत्र के चित्रण पर कड़ी आपत्ति जताई है. पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने कहा कि कुछ राजनीतिक ताकतें नक्शे पर विवाद पैदा करने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने कहा कि यह भारत-नेपाल सीमा को दर्शाता यह नक्शा पहले की ही तरह है, इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.

देखें इस मुद्दे पर पूर्व विदेश सचिव के साथ विशेष बातचीत :-

प्रश्न : गोटाबाया राजपक्षे श्रीलंका के राष्ट्रपति और महिंद्रा राजपक्षे नए प्रधानमंत्री बन चुके हैं. श्रीलंका में नए राष्ट्रपति और पीएम के आने के बाद चीन का प्रभाव बढ़ने को लेकर आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं. क्या केंद्र सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए?

कई मौकों पर भारत और केंद्र सरकार को लेकर पूर्व राष्ट्रपति सिरिसेना और पीएम विक्रमसिंघे के बीच शक्ति संघर्ष को देखा गया है. क्या भारत के लिए यह संभव है कि वह बैकसीट पर रहे और चीजों को अपने स्तर पर देखे?

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन

प्रश्न : मोदी सरकार ऑप्टिक्स पर बहुत ध्यान देती है. भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर, गोटाबाया के शपथ लेने के तुरंत बाद कोलंबो पहुंचे. गोटाबाया पहले आधिकारिक विदेश यात्रा पर भारत आएंगे, इससे कितना फर्क पड़ेगा?

प्रश्न : पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) और विदेश सचिव एसएस मेनन ने ईटीवी को दिए एक साक्षात्कार में कोलंबो बंदरगाह का उदाहरण देते हुए कहा था कि भारत को चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) पर आपत्ति नहीं होना चाहिए. भारत BRI का विरोध PoK में CPEC के आसपास कर रहा है. आपके क्या विचार हैं?

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन

प्रश्न : भारत का RCEP से नाम वापस लेने के फैसला कितना मायने रखता है? क्या यह हालिया राज्य चुनावों के परिणामों के मद्देनजर एक राजनीतिक गणना थी?
भारत का 2024 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सपना है. अगर हमारी अर्थव्यवस्था गिरती है और विकास दर नीचे आती है तो विदेश नीति पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा और आज अंतरराष्ट्रीय स्थिति विकास पर कितनी केंद्रित है?

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन

प्रश्न : कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और उसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए घटनाक्रम के बाद क्या भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर असर पड़ा है? क्या भारत आतंकवाद और पाकिस्तान के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार उठा रहा है?

जर्मन चांसलर मर्केल, फिनलैंड सरकार ने कश्मीर मुद्दे पर तीखी टिप्पणियां कीं. पिछले कुछ दिनों में अमेरिकी संसद में भी इस मुद्दे पर दो सुनवाई हुईं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की कूटनीतिक चुनौती को कैसे देखते हैं?

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन

प्रश्न : क्या भारत-अमेरिका व्यापार समझौते फिर से पटरी पर आ रहे हैं और इससे द्विपक्षीय संबंधों पर कितना असर पड़ेगा?

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन

प्रश्न : एनआरसी को लेकर निवर्तमान बांग्लादेश उच्चायुक्त ने भारत के खिलाफ कुछ आलोचनात्मक टिप्पणी की. क्या एनआरसी के कारण बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय संबंध प्रभावित होंगे?

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन

प्रश्न : जम्मू और कश्मीर के पुनर्गठन के भारत ने नए राजनीतिक नक्शा जारी किया, जिसमें कालापानी क्षेत्र को लेकर नेपाल ने आपत्ति जताई है और नेपाल के साथ कूटनीतिक टकराव की आशंका है. आप इसे कैसे देखते हैं?

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन
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Last Updated : Nov 25, 2019, 7:12 PM IST
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