चेन्नई: पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की ओर उठाया गया पहला कदम है. ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में चिदंबरम ने कहा कि एनपीआर 2020 के फॉर्म के आधार पर इस सोच को बल मिला है. उन्होंने कहा कि असम में जिस तरह से एनआरसी की प्रक्रिया अपनाई गई, वे भी इसी की ओर इशारा करते हैं.
सीडीएस
सीडीएस की नियुक्ति एक अच्छी पहल है. यह देश के हित में है. इस पद पर अभी जिस व्यक्ति को बिठाया गया है, उनकी योग्यता पर मैं कुछ नहीं कहूंगा. हो सकता है, वे अच्छे जनरल हों, योग्य भी हों. लेकिन मुझे ये नहीं पता है कि चयन प्रक्रिया क्या थी, और कौन से नाम थे. ये सभी जानकारी मेरे पास नहीं है. लेकिन सीडीएस की नियुक्ति सही फैसला है.
चिदंबरम ने अपनी सरकार के दौरान एनपीआर के फैसले का बचाव किया. उन्होंने कहा कि 2010 की एनपीआर 2011 की जनगणना में सहायता के लिए की गई थी, लेकिन 2020 का एनपीआर एनआरसी की ओर ले जाने वाला कदम है.
पूर्व वित्त मंत्री ने आगे कहा कि 2010 में किए गए राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर नामांकन अभ्यास चयनात्मक राज्यों में किया गया था. इसकी प्रकृति अखिल भारतीय नहीं थी.
उन्होंने कहा, 'हमारे समय में एनपीआर 2011 की जनगणना की सहायता के लिए किया गया था. एक बार जनगणना पूरी हो जाने के बाद हमने अभ्यास बंद कर दिया था. हमने इसे आगे नहीं बढ़ाया. जब एनपीआर को लागू किया गया था, तब एनआरसी का कोई उल्लेख नहीं था.'
चिदंबरम ने कहा कि 2010 के एनपीआर के फॉर्म में सिर्फ 15 जानकारियां आवश्यक थीं. यह सेंसस के लिए आवश्यक था. लेकिन आज एनपीआर फॉर्म में 21 जानकारियां मांगी जा रही हैं. वे किसी भी व्यक्ति के गत पता के बारे में क्यों पूछ रहे हैं. आपके माता-पिता के जन्मस्थान और आधार नंबर की जानकारी मांग रहे हैं. जाहिर है, इसका परिप्रेक्ष्य कुछ और है. इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और कई मंत्रियों ने इस बात को दोहराया है कि एनपीआर एनआरसी की ओर बढ़ेगा.
चिदंबरम ने कहा कि यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने शुरुआत से नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया है. हम आंदोलन, ऑल पार्टी मीटिंग और रैलियों के जरिए अपना विरोध जता रहे हैं. हम सक्रिय रूप से इसमें भाग ले रहे हैं. जिस तरह से विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर एक हो रही हैं, यह बहुत ही स्वाभाविक है.
भारतीय जनता पार्टी से मिलने वाली चुनौती के बारे में पूछने पर चिदंबरम ने कहा कि विपक्षी दलों को एक साथ इकट्ठा होना होगा. सब मिलकर उनका मुकाबला किया जा सकता है. हमारा गठबंधन उनकी पार्टी का प्रभुत्व जरूर घटाएगा.
पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि अगर विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ संयुक्त रूप से उम्मीदवार को खड़ा किया होता, तो भाजपा कई सीटें हार जाती. उन्होंने झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम का उदाहरण भी दिया.
सोनिया हटेंगी, तो नया अध्यक्ष चुनेंगे
क्या कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर कोई खालीपन है. इस पर चिदंबरम ने कहा कि अभी सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष हैं. राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया था. अब यदि सोनिया भी पद से हट जाती हैं, तो हमलोग फिर से पार्टी का नया अध्यक्ष चुनेंगे. गांधी परिवार से इतर कई व्यक्तियों ने पार्टी अध्यक्ष के पद को संभाला है. यह पार्टी पर निर्भर करता है, कि वह किसे अपना अध्यक्ष चुनती है.