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'बड़ी सोच, कड़ी मेहनत और पक्का इरादा हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं'

रंजीत कुमार पेशे से बिजली मिस्त्री हैं. केबीसी में जाने के लिए 2001 से ही कोशिश कर रहे थे. 2018 के ऑडिशन में गए थे लेकिन हॉट सीट पर 2019 में बैठे और 25 लाख रुपये जीते हैं. ईटीवी भारत ने केबीसी प्रतिभागी रंजीत कुमार से की विशेष बातचीत. जानें उन्होंने क्या-कुछ कहा...

केबीसी प्रतिभागी रंजीत कुमार
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Published : Sep 21, 2019, 12:38 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 10:53 AM IST

गोपालगंजः कहते हैं अगर सच्ची लगन से किसी काम में जुटा जाए तो कुछ भी असंभव नहीं. इसे एक बार फिर साबित कर दिखाया है, गोपालगंज जिले के निवासी 42 वर्षीय रंजीत कुमार ने. बिजली मिस्त्री का काम करने वाले रंजीत ने केबीसी-11 में 25 लाख रुपये जीते हैं. 18 साल के अथक प्रयास के बाद ये केबीसी के हॉट सीट तक पहुंचे.

interview with kbc winner ranjeet kumar
केबीसी प्रतिभागी रंजीत कुमार

ईटीवी भारत ने केबीसी प्रतिभागी रंजीत कुमार से की विशेष बातचीत:-

'इरादा पक्का होना चाहिए'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में रंजीत ने कहा कि बड़ी सोच, कड़ी मेहनत और पक्का इरादा हो तो इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है. 2001 से ही मैं कोशिश कर रहा था. केबीसी देखकर इसकी तैयारी करता था. इसका हर एपिसोड देखता था. 2018 के ऑडिशन में गया था लेकिन तब हॉट सीट पर नहीं पहुंच सका था. फिर 2019 में मौका मिला और हॉट सीट तक भी पहुंचा.

ईटीवी भारत ने केबीसी प्रतिभागी रंजीत कुमार से किया विशेष बातचीत

इसे भी पढे़ं- जिंदगी की वॉरियर बनीं 'केबीसी' विनर!

'बच्चों की पढ़ाई पर करेंगे खर्च'
रंजीत ने बताया कि केबीसी से जीते 25 लाख रुपये को मैं बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करूंगा. उन्होंने कहा कि जो भी पढ़े लिखे हैं उन्हें कोशिश करनी चाहिए. केबीसी में उम्र की बाध्यता नहीं रखी है. हर किसी को 24 घंटे ही मिले हैं. समय का सदुपयोग कर हम कहीं भी पहुंचा जा सकता है. शरीर को दो तरह की खुराक चाहिए होती है. एक पेट भरने के लिए दूसरा दिमाग को सक्रीय रखने के लिए, दिमाग के सक्रीय रखने के लिए पत्र-पत्रिका, किताब और अखबार से अच्छा खुराक कुछ भी नहीं है.

गोपालगंजः कहते हैं अगर सच्ची लगन से किसी काम में जुटा जाए तो कुछ भी असंभव नहीं. इसे एक बार फिर साबित कर दिखाया है, गोपालगंज जिले के निवासी 42 वर्षीय रंजीत कुमार ने. बिजली मिस्त्री का काम करने वाले रंजीत ने केबीसी-11 में 25 लाख रुपये जीते हैं. 18 साल के अथक प्रयास के बाद ये केबीसी के हॉट सीट तक पहुंचे.

interview with kbc winner ranjeet kumar
केबीसी प्रतिभागी रंजीत कुमार

ईटीवी भारत ने केबीसी प्रतिभागी रंजीत कुमार से की विशेष बातचीत:-

'इरादा पक्का होना चाहिए'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में रंजीत ने कहा कि बड़ी सोच, कड़ी मेहनत और पक्का इरादा हो तो इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है. 2001 से ही मैं कोशिश कर रहा था. केबीसी देखकर इसकी तैयारी करता था. इसका हर एपिसोड देखता था. 2018 के ऑडिशन में गया था लेकिन तब हॉट सीट पर नहीं पहुंच सका था. फिर 2019 में मौका मिला और हॉट सीट तक भी पहुंचा.

ईटीवी भारत ने केबीसी प्रतिभागी रंजीत कुमार से किया विशेष बातचीत

इसे भी पढे़ं- जिंदगी की वॉरियर बनीं 'केबीसी' विनर!

'बच्चों की पढ़ाई पर करेंगे खर्च'
रंजीत ने बताया कि केबीसी से जीते 25 लाख रुपये को मैं बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करूंगा. उन्होंने कहा कि जो भी पढ़े लिखे हैं उन्हें कोशिश करनी चाहिए. केबीसी में उम्र की बाध्यता नहीं रखी है. हर किसी को 24 घंटे ही मिले हैं. समय का सदुपयोग कर हम कहीं भी पहुंचा जा सकता है. शरीर को दो तरह की खुराक चाहिए होती है. एक पेट भरने के लिए दूसरा दिमाग को सक्रीय रखने के लिए, दिमाग के सक्रीय रखने के लिए पत्र-पत्रिका, किताब और अखबार से अच्छा खुराक कुछ भी नहीं है.

Intro:कहते है हर लोगों के मन में एक चाहत होती है कि, वह कौन बनेगा करोड़पति के शो मे हॉट सीट तक पहुंच करोड़ों रुपए इनाम प्राप्त करें। इसके लिए कई लोग प्रयास भी करते है इसमें कुछ सफल होते है तो कुछ लोग असफल। लेकिन गोपालगंज जिले के एक ऐसा शख्स जो हॉट सीट पर पहुचने के लिए 18 वर्ष तक तैयारी की और आखिरकार जो सोचा था वह हो गया।


Body:हम बात कर रहे है गोपालगंज जिले के कुचायकोट प्रखंड स्थित खजूरी गांव निवासी रंजीत कुमार की। जिसने कौन बनेगा करोड़पति शो से 25 लाख का इनाम जीता है। रंजीत के इस सफलता में उसका कड़ी मेहनत और लंबा इंतजार काम आया। रंजीत को एक साथ 25 लाख रुपये मिलने पर वे फुले नही समा रहे है। वे इस रुपये से अपने बच्चो का भविष्य बनाने व समाज सेवा में खर्च करना चाहते है। खजूरी गांव निवासी रंजीत के पिता स्वर्गीय पंचदेव प्रसाद एक शिक्षक थे।। अपने पुत्र के सफलता को देखने के लिए इस दुनिया में तो नहीं है लेकिन बेटे के इस सफलता के लिए उनका आशीर्वाद जरूर इनके साथ होगा। रंजीत तीन भाइयों में दूसरे नंबर के हैं। इनके सबसे बड़े भाई प्रेमचंद प्रसाद विदेश में जाकर नौकरी करते हैं। जबकि छोटे भाई रंजय कुमार शिक्षा विभाग में कार्यरत है। रंजीत कुमार के पढ़ाई लिखाई गांव से शुरू हुई। इंटर तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने हथुआ से आईटीआई किया और रोजी रोटी के तालाश में गुड़गांव जाकर इलेक्ट्रिशियन के रूप में एक मोबाइल कंपनी में काम करना शुरू किया। रंजीत ने बताया कि 2001 से ही उन्हें कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम काफी रोचक लगता था। कार्यक्रम के प्रति उनका आकर्षण था। समय मिलने पर यह कार्यक्रम देखना कभी नहीं भूलते थे। रंजीत का कहना है कि अपने मन मे यह बैठाया था कि एक न एक दिन मैं भी उस मुकाम तक पहुंच कर 25 लाख का इनाम जीतूंगा। इसके बाद उसने 1 मई से 15 मई तक शो में पूछे जाने वाले सवालों का जवाब देकर अपना रजिस्ट्रेशन कराया। इसके बाद सभी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए हॉट सीट तक पहुच कर आमिताभ बच्चन द्वारा किये गए सवालों के लगतर जवाब देते रहे। और 18 वर्ष लंबे इंतजार के बाद उसने अपने सोच केअनुसार 25 लाख रूपये का इनाम जीता








Conclusion:
Last Updated : Oct 1, 2019, 10:53 AM IST
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