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अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला : हरियाणा में ब्रज के ढोल-नगाड़े और रसिया बने आकर्षण का केंद्र

34वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में प्राचीन सभ्यता का प्रतीक नगाड़े बजाकर लोगों को संगीत सुनाया जा रहा है. हरियाणा के ब्रज क्षेत्र पलवल जिले के गांव बंचारी से आए नगाड़ा पार्टी के कलाकार लोगों को परंपरागत संगीत से अवगत करा रहे हैं और लोगों को उनका नगाड़ा खूब पसंद आ रहा है.

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Published : Feb 4, 2020, 11:33 AM IST

Updated : Feb 29, 2020, 3:09 AM IST

international surajkund fair
अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला

फरीदाबाद : यूं तो हरियाणा अपनी वेशभूषा और परंपरागत तौर तरीकों के बारे में जाना जाता है लेकिन हरियाणा के ब्रज क्षेत्र के नगाड़ों से निकलने वाला संगीत भी बेहद मनमोहक होता है. हरियाणा के पलवल से आए नगाड़ा पार्टी के लोग 34वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में अपनी महक बिखेर रहे हैं.

ब्रज के ढोल-नगाड़े
परंपरागत उपकरणों के माध्यम से लोग जो संगीत पैदा कर रहते हैं, वह अपने आप में एक कला है. यह लोग मेले में हर बार आते हैं और हर बार इनके नगाड़े पर लोग जमकर नाचते हैं. इनका नगाड़ा पिछले काफी लंबे समय से मेले में अपनी पहचान बनाए हुए हैं.

ब्रज के ढोल-नगाड़े और रसिया बने आकर्षण का केंद्र, देखें वीडियो

गांव बंचारी की मिट्टी का जादू
नगाड़ा पार्टी के प्रधान टेकचंद का कहना है कि उनके गांव बंचारी की मिट्टी में इस तरह का जादू है कि उनके गांव से सबसे ज्यादा कलाकार पैदा होते हैं. यह हमारा परंपरागत प्राचीन माध्यम है और नगाड़े के साथ-साथ झांझर के द्वारा वह अपने होली के समय गाए जाने वाले गीतों और भगवान की पूजा करते हैं.

ये भी पढ़ें : जानें क्या हैं उत्तर भारत में लोहड़ी से जुड़ी मान्यताएं

मेले में होली के गीत
मेले में पलवल से आई हुई नगाड़ा पार्टी ने होली के गीतों से रंगत जमाई हुई है और उनके नगाड़ों पर हर कोई नाचने को मजबूर हो जाता है.

लोगों को उनका नगाड़ा बहुत ही पसंद आ रहा है. नगाड़ा उनकी प्राचीन सभ्यता का हिस्सा है, जो बहुत ही कम जगहों पर देखने को मिलता है.

नगाड़ा पार्टी के बच्चे भी संगीत की दुनिया से जुड़ रहे हैं और संगीत की दुनिया से जुड़ने के साथ-साथ वह अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दे रहे हैं.

फरीदाबाद : यूं तो हरियाणा अपनी वेशभूषा और परंपरागत तौर तरीकों के बारे में जाना जाता है लेकिन हरियाणा के ब्रज क्षेत्र के नगाड़ों से निकलने वाला संगीत भी बेहद मनमोहक होता है. हरियाणा के पलवल से आए नगाड़ा पार्टी के लोग 34वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में अपनी महक बिखेर रहे हैं.

ब्रज के ढोल-नगाड़े
परंपरागत उपकरणों के माध्यम से लोग जो संगीत पैदा कर रहते हैं, वह अपने आप में एक कला है. यह लोग मेले में हर बार आते हैं और हर बार इनके नगाड़े पर लोग जमकर नाचते हैं. इनका नगाड़ा पिछले काफी लंबे समय से मेले में अपनी पहचान बनाए हुए हैं.

ब्रज के ढोल-नगाड़े और रसिया बने आकर्षण का केंद्र, देखें वीडियो

गांव बंचारी की मिट्टी का जादू
नगाड़ा पार्टी के प्रधान टेकचंद का कहना है कि उनके गांव बंचारी की मिट्टी में इस तरह का जादू है कि उनके गांव से सबसे ज्यादा कलाकार पैदा होते हैं. यह हमारा परंपरागत प्राचीन माध्यम है और नगाड़े के साथ-साथ झांझर के द्वारा वह अपने होली के समय गाए जाने वाले गीतों और भगवान की पूजा करते हैं.

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मेले में होली के गीत
मेले में पलवल से आई हुई नगाड़ा पार्टी ने होली के गीतों से रंगत जमाई हुई है और उनके नगाड़ों पर हर कोई नाचने को मजबूर हो जाता है.

लोगों को उनका नगाड़ा बहुत ही पसंद आ रहा है. नगाड़ा उनकी प्राचीन सभ्यता का हिस्सा है, जो बहुत ही कम जगहों पर देखने को मिलता है.

नगाड़ा पार्टी के बच्चे भी संगीत की दुनिया से जुड़ रहे हैं और संगीत की दुनिया से जुड़ने के साथ-साथ वह अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दे रहे हैं.

Intro:हरियाणा के ब्रज क्षेत्र पलवल जिला के गांव बंजारी से आए नगाड़ा पार्टी के कलाकार लोगों को परंपरागत संगीत से अवगत करा रहे हैं और लोगों को उनका नगाड़ा खूब पसंद आ रहा है


Body:यूं तो हरियाणा अपने वेशभूषा और परंपरागत तौर तरीकों के बारे में जाना जाता है लेकिन हरियाणा के ब्रज क्षेत्र का नगाड़े से निकलने वाला संगीत भी बेहद मनमोहक होता है हरियाणा के पलवल से आए नगाड़ा पार्टी के लोग 34 व अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में अपनी महक बिखेर रहे हैं परंपरागत उपकरणों के माध्यम से यह लो जो संगीत पैदा कर रहे हैं वह संगीत अपने आप में एक कला है यह लोग मेले में हर बार आते हैं और हर बार इनके नगाड़े पर लोग नाच कर जाते हैं नगाड़ा पार्टी के प्रधान टेकचंद ने बताया कि उनके गांव बंचारी की मिट्टी में इस तरह का जादू है कि उनके गांव से सबसे ज्यादा कलाकार पैदा होते हैं उन्होंने कहा कि यह हमारा परंपरागत प्राचीन माध्यम है और नगाड़े के साथ-साथ झांझर के द्वारा वह अपने प्राचीन होली के समय गाए जाने वाले गीतों और भगवान की पूजा करते समय गाए जाने वाले गीतों को सुना रहे हैं और लोगों को उनका नगाड़ा बहुत ही पसंद आ रहा है उन्होंने कहा कि नगाड़ा उनकी प्राचीन सभ्यता का एक हिस्सा है जो बहुत ही कम जगह पर देखने को मिलता है उन्होंने कहा कि उनके बच्चे भी संगीत की दुनिया से जुड़ रहे हैं और संगीत की दुनिया से जुड़ने के साथ-साथ वह अपने पढ़ाई पर भी ध्यान दे रहे हैं उन्होंने कहा कि आज चाहे जमाना कितना ही मॉडर्न हो गया हो लेकिन उनके नगाड़े पर हर कोई नाचने को मजबूर हो जाता है


Conclusion:34 अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में प्राचीन सभ्यता का प्रतीक नगाड़े बजाकर लोगों को संगीत सुना रही है गांव बंचारी की नगाड़ा पार्टी
Last Updated : Feb 29, 2020, 3:09 AM IST
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