कुल्लूः हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के साथ शुरू हो गया है. रथयात्रा में सिर्फ आठ देवी-देवताओं ने भाग लिया. ऐसा पहली बार हुआ कि इतने कम देवी देवताओं ने इस शोभायात्रा में भाग लिया और कोरोना के संकट के चलते मात्र 200 श्रद्धालु ही इस यात्रा में शामिल हो सके.
इस दौरान रथयात्रा में देवता बिजली महादेव, नाग धुम्बल, ब्रह्मा, गोहरी, जमलू ऋषि, लक्ष्मी नारायण, देवी हिडिम्बा, त्रिपुरा सुंदरी, ने भाग लिया. दोपहर करीब 3 बजे भगवान रघुनाथ हारियानों के साथ अपने मंदिर से ढालपुर के लिए रवाना हुए. इस दौरान पुलिस प्रशासन ने लोअर ढालपुर व ढालपुर बाजार को बंद रखा.
वहीं, ढालपुर में लोगों की भीड़ न हो सके, इसके लिए भी जगह-जगह पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई. हालांकि, रथ मैदान के आसपास लोगों की भीड़ जुट रही थी, लेकिन पुलिस ने लोगों को रथ मैदान से दूर ही रखा और लोगों ने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से ही भगवान रघुनाथ की रथयात्रा देखी.
पढ़ें : तेलंगाना : दशहरा पर चलाई गईं तीन हजार स्पेशल बसें
भगवान रघुनाथ के ढालपुर पहुंचते ही मैदान ढोल नगाड़ों की थाप से गूंज उठा और पूरा मैदान भक्तिमय हो उठा. मैदान आने पर पुजारियों की ओर से भगवान की पूजा की गई और भगवान को रथ पर विराजमान किया गया.
वहीं, देवी भेखली का इशारा मिलते ही रथयात्रा शुरू की गई और भगवान अगले सात दिनों के लिए ढालपुर के अपने अस्थाई शिविर में विराजमान हो गए. इस रथयात्रा में सात देवी देवताओं ने अपने हारियानों के साथ भाग लिया. इस दौरान सभी हारियानों ने फेस कवर के साथ-साथ सामाजिक दूरी के नियमों का भी पालन किया.
बता दें कि लोगों ने जगह-जगह देवी-देवताओं का स्वागत कर आशीर्वाद लिया. इस दौरान माता हिडिंबा, देवता जमलू और लक्ष्मी नारायण ने कहा कि किसी प्रकार से डरने की बात नहीं है, दशहरा में कोई अनहोनी नहीं होने देंगे.