नई दिल्ली : भारतीय नौसैन्य पोत (आईएनएस) शार्दुल ने ईरान के बंदर अब्बास से भारतीयों को गुजरात स्थित पोरबंदर लाने की प्रक्रिया सोमवार को शुरू कर दी. इन भारतीयों की वापसी वंदे भारत मिशन के तहत 'ऑपरेशन समुद्र सेतु' का हिस्सा है.
कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए मई के शुरू में वंदे भारत मिशन की शुरुआत हुई थी.
नौसेना ने एक बयान में कहा कि आईएनएस जलाश्व और आईएनएस मगर मालदीव और श्रीलंका से पहले ही 2,874 लोगों को कोच्चि और तूतीकोरिन बंदरगाहों पर ला चुके हैं.
इसने कहा, 'समुद्र सेतु के अगले चरण में आईएनएस शार्दुल आठ जून 2020 को इस्लामिक गणराज्य ईरान के बंदर अब्बास से भारतीय नागरिकों को लेकर पोरबंदर, गुजरात के लिए रवाना होगा.
नौसेना ने कहा, 'इस्लामिक गणराज्य ईरान स्थित भारतीय मिशन वापस लाए जाने वाले भारतीय नागरिकों की सूची तैयार कर रहा है और आवश्यक चिकित्सा स्क्रीनिंग के बाद उन्हें पोत में सवार कराएगा.'
बता दें कि ऑपरेशन समुद्र सेतु आठ मई को शुरू हुआ था.
नौसेना ने कहा कि आईएनएस शार्दुल में एक-दूसरे के शरीर से दूरी बनाए रखने के लिए व्यवस्था की गई है और इसमें विशेष तौर पर लोगों को वापस लाने के अभियान से जुड़ी सुविधाएं की गई हैं जिनमें अतिरिक्त चिकित्सा स्टाफ, राशन, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), मास्क और जीवनरक्षक उपकरण भी शामिल हैं.
इसने कहा कि वापस लाए जाने वाले लोगों को पोरबंदर तक की यात्रा के दौरान बुनियादी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
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नौसेना ने कहा, 'किसी आपात स्थिति के लिए इसमें पृथक-वास कक्ष भी बनाए गए हैं. लक्षणमुक्त लोगों सहित कोविड-19 से जुड़ी विशिष्ट चुनौतियों के मद्देनजर यात्रा के दौरान कड़े प्रोटोकॉल लागू किए जा रहे हैं.'
इसने कहा कि वापस लाए जाने वाले लोग पोरबंदर में उतरने के बाद राज्य के अधिकारियों की देखरेख में भेजे जाएंगे.
भारत में कोरोना वायरस के अब तक 2.56 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं और लगभग 7,100 लोगों की मौत हुई है.