नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आने वाले साढ़े तीन सालों में भारतीय रेलवे 100 प्रतिशत विद्युतीकरण की ओर अग्रसर होगी. 2030 तक इसे 'ग्रीन रेलवे' के लक्ष्य को प्राप्त करना है.
गोयल 'अक्षय ऊर्जा निर्माण' पर भारतीय उद्योग परिसंघ के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. रीन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में भारत द्वारा किए गए कदमों की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय समुदाय नवीकरणीय समुदाय में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. सरकार अंतरराष्ट्रीय सौर ग्रिड में विस्तार की दिशा में काम कर रही है.
रेलवे अगले साढ़े तीन सालों में 100 प्रतिशत विद्युतीकरण और अगले 9-10 साल में 100 प्रतिशत नेट जीरो ऑपरेटर कर देगी. 2030 तक हम सभी गौरवान्वित होंगे, जिसके पास दुनिया की पहली बड़ी 'ग्रीन रेलवे होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश के रीवा में एशिया के सबसे बड़े सौर संयंत्र का उद्घाटन किया था.
2030 तक ग्रीन रेवले मिशन को पूरा करने के तहत भारतीय रेलवे ने व्यस्त मार्गों पर 40 हजार किलोमीटर रूट पर विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया है. जिसमें 2014-20 के दौरान 18,605 किलोमीटर रेल मार्ग का विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया गया.
रेलवे ने वर्ष 2020-21 के लिए 7,000 किलोमीटर रूट के विद्युतीकरण का लक्ष्य भी तय किया है. ब्रॉड गेज नेटवर्क पर सभी मार्गों को दिसंबर 2023 तक विद्युतीकृत करने की योजना बनाई गई है.
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शनिवार को पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय रेलवे के 100% विद्युतीकरण के कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है. यह पूरे देश में 1लाख 20 हजार किलोमीटर ट्रैक के 100% विद्युतीकरण के साथ दुनिया की सबसे बड़ी रेलवे प्रणाली बन जाएगी.
इसके अलावा रेलवे ने जीरो कार्बन उत्सर्जन को प्राप्त करने के लिए भी पहल की हैं, जिसमें लोकोमोटिव और ट्रेनों की ऊर्जा दक्षता में सुधार और प्रतिष्ठानों, स्टेशनों के लिए ग्रीन सर्टिफिकेशन, कोचों में जैव शौचालयों की फिटिंग और नवीकरणीय स्रोतों पर स्विच करना शामिल है.