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कोरोना महामारी से 107 डॉक्टरों की हो चुकी है मौत, आईएमए का रेड अलर्ट जारी

आईएमए ने कोरोना काल में डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. कोरोना से कोरोना वॉरियर्स की हो रही मौत को ध्यान में रखते हुए रेड अलर्ट की घोषणा की गई है. बता दें कि कोविड-19 संक्रमण के कारण देश भर में 107 डॉक्टरों की मौत हो चुकी है. उनकी मृत्यु से देश को बड़ा नुकसान हुआ है.

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आईएमए का रेड अलर्ट जारी
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Published : Jul 16, 2020, 10:19 AM IST

नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कोरोना काल में डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. आईएमए के अध्यक्ष डॉ राजन शर्मा ने कोरोना की जद में आने वाले डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति चिंता जाहिर की है. डॉ शर्मा ने कहा कि कोरोना की वजह से पहले से ही देश भर में इमरजेंसी की स्थिति बनी हुई है, ऊपर से कोरोना योद्धा जिस तरीके से वायरस के इंफेक्शन का शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे हैं, वह दिन दूर नहीं जब डॉक्टरों की कमी हो जाएगी.

कोरोना महामारी के संदर्भ में आईएमए द्वारा जारी किया गया रेड अलर्ट

डॉ शर्मा ने कहा कि कोविड से होने वाली कोई भी मौत हमारे लिए बहुत दुखद है. कोविड की वजह से हम कम से कम 107 साथी खो चुके हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इसे ध्यान में रखते हुए अपने डॉक्टरों के लिए रेड अलर्ट की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि कोरोना का कहर जिस तरह से बढ़ रहा है उसे देखते हुए यह जरूरी है कि हम अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें ताकि ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर देश की सेवा में काम कर सकें.

'15 साल डॉक्टर बनने में खर्च कर देते हैं'

डॉ शर्मा बताते हैं कि डॉक्टर की उम्र भले ही कितने साल की हो. एक डॉक्टर को बनने में कम से कम 15 साल लगते हैं. इसीलिए हमने सभी डॉक्टरों से अपील है कि वे कोविड को लेकर के सरकार की तरफ से जो भी गाइडलाइंस जारी किए गए हैं उसको पूरी सख्ती के साथ पालन करें. अपनी सुरक्षा की अनदेखी कभी ना करें, क्योंकि उनकी जान बहुत कीमती है.

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कोरोना महामारी के संदर्भ में आईएमए द्वारा जारी किया गया रेड अलर्ट

'एक सुरक्षित डॉक्टर सुरक्षित समाज का प्रतीक'

डॉ शर्मा कहते हैं कि एक सुरक्षित डॉक्टर एक सुरक्षित समाज का प्रतीक है. आज राष्ट्रीय संकट की घड़ी में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अपने डॉक्टरों से आह्वान करता है कि सभी डॉक्टर्स जो आईएमए के सदस्य हैं और जो सदस्य नहीं हैं वो भी इसके अलावा जो दूसरे कोरोना योद्धा हैं, चाहे वह नर्सिंग स्टाफ हो या पैरामेडिकल स्टाफ या पुलिस के साथी यह सभी अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें. खास करके कोविड वार्ड में काम करने वाले ज्यादा सतर्क रहें.

यह भी पढ़ें: भारत में कोरोना महामारी से लगभग 25 हजार लोगों की मौत

'कम उम्र के डॉक्टर भी बन रहे शिकार'

डॉ शर्मा ने बताया कि कोरोना की वजह से शहीद होने वाले अगर डॉक्टरों की लिस्ट को देखें तो एक भ्रम दूर हो जाता है कि कोरोना बड़ी उम्र के डॉक्टर को ही अपना निशाना नहीं बनाता, बल्कि जवान डॉक्टरों को भी अपना शिकार बना लेता है. इसीलिए चाहे युवा हो या बुजुर्ग डॉक्टर हो, वह अपनी सुरक्षा का अच्छे से ख्याल रखें, उन्हें अपने परिवार का भी ख्याल रखना है.

नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कोरोना काल में डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. आईएमए के अध्यक्ष डॉ राजन शर्मा ने कोरोना की जद में आने वाले डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति चिंता जाहिर की है. डॉ शर्मा ने कहा कि कोरोना की वजह से पहले से ही देश भर में इमरजेंसी की स्थिति बनी हुई है, ऊपर से कोरोना योद्धा जिस तरीके से वायरस के इंफेक्शन का शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे हैं, वह दिन दूर नहीं जब डॉक्टरों की कमी हो जाएगी.

कोरोना महामारी के संदर्भ में आईएमए द्वारा जारी किया गया रेड अलर्ट

डॉ शर्मा ने कहा कि कोविड से होने वाली कोई भी मौत हमारे लिए बहुत दुखद है. कोविड की वजह से हम कम से कम 107 साथी खो चुके हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इसे ध्यान में रखते हुए अपने डॉक्टरों के लिए रेड अलर्ट की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि कोरोना का कहर जिस तरह से बढ़ रहा है उसे देखते हुए यह जरूरी है कि हम अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें ताकि ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर देश की सेवा में काम कर सकें.

'15 साल डॉक्टर बनने में खर्च कर देते हैं'

डॉ शर्मा बताते हैं कि डॉक्टर की उम्र भले ही कितने साल की हो. एक डॉक्टर को बनने में कम से कम 15 साल लगते हैं. इसीलिए हमने सभी डॉक्टरों से अपील है कि वे कोविड को लेकर के सरकार की तरफ से जो भी गाइडलाइंस जारी किए गए हैं उसको पूरी सख्ती के साथ पालन करें. अपनी सुरक्षा की अनदेखी कभी ना करें, क्योंकि उनकी जान बहुत कीमती है.

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कोरोना महामारी के संदर्भ में आईएमए द्वारा जारी किया गया रेड अलर्ट

'एक सुरक्षित डॉक्टर सुरक्षित समाज का प्रतीक'

डॉ शर्मा कहते हैं कि एक सुरक्षित डॉक्टर एक सुरक्षित समाज का प्रतीक है. आज राष्ट्रीय संकट की घड़ी में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अपने डॉक्टरों से आह्वान करता है कि सभी डॉक्टर्स जो आईएमए के सदस्य हैं और जो सदस्य नहीं हैं वो भी इसके अलावा जो दूसरे कोरोना योद्धा हैं, चाहे वह नर्सिंग स्टाफ हो या पैरामेडिकल स्टाफ या पुलिस के साथी यह सभी अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें. खास करके कोविड वार्ड में काम करने वाले ज्यादा सतर्क रहें.

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'कम उम्र के डॉक्टर भी बन रहे शिकार'

डॉ शर्मा ने बताया कि कोरोना की वजह से शहीद होने वाले अगर डॉक्टरों की लिस्ट को देखें तो एक भ्रम दूर हो जाता है कि कोरोना बड़ी उम्र के डॉक्टर को ही अपना निशाना नहीं बनाता, बल्कि जवान डॉक्टरों को भी अपना शिकार बना लेता है. इसीलिए चाहे युवा हो या बुजुर्ग डॉक्टर हो, वह अपनी सुरक्षा का अच्छे से ख्याल रखें, उन्हें अपने परिवार का भी ख्याल रखना है.

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