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राजस्थान में भारतीय सेना करेगी युद्धाभ्यास 'सिंधु सुदर्शन', 40 हजार से ज्यादा जवान होंगे शामिल

राजस्थान के रेगिस्तान में भारतीय सेना 'सिंधु सुदर्शन' युद्धाभ्यास करेगी. 29 नवम्बर से चार दिसम्बर तक आयोजित इस युद्धाभ्यास के दौरान थलसेना व वायुसेना द्वारा एकीकृत ऑपरेशन का अभ्यास किया जाएगा.

प्रतीकात्मक चित्र
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Published : Oct 22, 2019, 11:23 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय सेना राजस्थान के रेगिस्तान में 40 हजार सैनिकों के साथ 'सिंधु सुदर्शन' नाम से युद्धाभ्यास करेगी. यह सैन्य प्रदर्शन 29 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक चलेगा.

लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी थलसेना और वायु सेना के बीच उच्चस्तरीय तालमेल दिखाने वाले अभ्यास की समीक्षा करेंगे.

भारतीय सेना इस दौरान एकीकृत युद्ध समूहों को अभ्यास में शामिल करेगी, ये एकीकृत युद्ध समूह भविष्य में सेना युद्ध के नये प्रारूप में इस्तेमाल किया जाएगा.

सेना की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य एकीकृत वायु-भूमि लड़ाई में दुश्मन के इलाके में बहुत अंदर तक घुसकर हमला करने की क्षमता का परीक्षण करना है.'

इस युद्धाभ्यास में 40,000 से अधिक सैनिक रेगिस्तान में युद्ध के दौरान सभी हथियारों के साथ अभ्यास करेंगे.

पढ़ें - ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

इस दौरान सैनिकों को तोप और इनफैन्ट्री कॉम्बैट वाहन के साथ नीतिगत तरीके से पश्चिमी बॉर्डर पर अंदर तक हमला करने की क्षमता के अवलोकन का एक अनोखा मौका है.

इस अभ्यास के दौरान सेना के समूह पश्चिमी रेगिस्तानी इलाकों में हमले को अंजाम देने के गुर सीखेंगे और इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप द्वारा प्रो-एक्टिव रणनीति का इस्तेमाल किया जाएगा.

रेगिस्तान क्षेत्र में लड़ने के लिए स्ट्राइक कार्प की परिचालन क्षमता के आकलन के साथ ही वायुसेना रेगिस्तानी इलाकों में लक्ष्यों पर हमला करने और सेना की एयर लिफ्टिंग का अभ्यास भी करेगी.

युद्धाभ्यास के दौरान युद्ध मैदान जैसी स्थितियां बनाई जाएंगी. इस दौरान नेटवर्क-सक्षम बलों द्वारा सटीक हमलों के लिए सर्विलांस और विध्वंस की तकनीक के सटीक तालमेल तंत्र पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

नई दिल्ली : भारतीय सेना राजस्थान के रेगिस्तान में 40 हजार सैनिकों के साथ 'सिंधु सुदर्शन' नाम से युद्धाभ्यास करेगी. यह सैन्य प्रदर्शन 29 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक चलेगा.

लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी थलसेना और वायु सेना के बीच उच्चस्तरीय तालमेल दिखाने वाले अभ्यास की समीक्षा करेंगे.

भारतीय सेना इस दौरान एकीकृत युद्ध समूहों को अभ्यास में शामिल करेगी, ये एकीकृत युद्ध समूह भविष्य में सेना युद्ध के नये प्रारूप में इस्तेमाल किया जाएगा.

सेना की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य एकीकृत वायु-भूमि लड़ाई में दुश्मन के इलाके में बहुत अंदर तक घुसकर हमला करने की क्षमता का परीक्षण करना है.'

इस युद्धाभ्यास में 40,000 से अधिक सैनिक रेगिस्तान में युद्ध के दौरान सभी हथियारों के साथ अभ्यास करेंगे.

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इस दौरान सैनिकों को तोप और इनफैन्ट्री कॉम्बैट वाहन के साथ नीतिगत तरीके से पश्चिमी बॉर्डर पर अंदर तक हमला करने की क्षमता के अवलोकन का एक अनोखा मौका है.

इस अभ्यास के दौरान सेना के समूह पश्चिमी रेगिस्तानी इलाकों में हमले को अंजाम देने के गुर सीखेंगे और इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप द्वारा प्रो-एक्टिव रणनीति का इस्तेमाल किया जाएगा.

रेगिस्तान क्षेत्र में लड़ने के लिए स्ट्राइक कार्प की परिचालन क्षमता के आकलन के साथ ही वायुसेना रेगिस्तानी इलाकों में लक्ष्यों पर हमला करने और सेना की एयर लिफ्टिंग का अभ्यास भी करेगी.

युद्धाभ्यास के दौरान युद्ध मैदान जैसी स्थितियां बनाई जाएंगी. इस दौरान नेटवर्क-सक्षम बलों द्वारा सटीक हमलों के लिए सर्विलांस और विध्वंस की तकनीक के सटीक तालमेल तंत्र पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

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