नई दिल्ली: भारत को पहला राफेल विमान मिलने वाला है. 20 सितंबर 2019 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ फ्रांस जाएंगे. दोनों यहां से पहला राफेल जेट विमान भारत लाएंगे.
आपको बता दें, फ्रांस में 20 सितंबर को राजनाथ सिंह और बीएस धनोआ की मौजूदगी में राफेल विमान भारतीय वायुसेना को सौंपे जाएंगे.
भारतीय वायुसेना के सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को फ्रांस के अधिकारी वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ और विभिन्न रक्षा अधिकारियों की मौजूदगी में फ्रांस के बोर्डक्स (Bordeaux) प्लांट के पास राफेल विमान सौंपेंगे.
गौरतलब है, सितंबर 2016 को भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल विमान खरीदने की डील हुई थी. इन विमानों की कीमत 7.8 बिलियन यूरो रखी गई थी.
पढ़ें: जिस स्क्वाड्रन में शामिल थे बीएस धनोआ, उसे मिली राफेल की जवाबदेही
भारत पहुंचने के पहले इन विमानों से जुड़ी सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गईं हैं. इनके तहत भारतीय वायुसेना अपने 24 पायलटों को राफेल विमान उड़ाने के लिए तैयार करेगी.
ये सभी पायलट तीन अलग-अलग बैच में अपनी ट्रेनिंग खत्म करेंगे. अगले साल मई तक सभी राफेल विमान भारत को सौंप दिए जाएंगे, तब तक इन पायलटों को दी जाने वाली ट्रेनिंग जारी रहेगी.
भारतीय वायु सेना राफेल लड़ाकू विमान के एक दस्ते को हरियाणा के अंबाला और एक को पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में अपने एयरबेस पर तैनात करेगी. वहीं उत्तरप्रदेश के सरसवत एयर बैस में भूमि अधिग्रहण को लेकर एक विमान की तैनाती नहीं हो सकी.