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भारतीय वायुसेना की बढ़ेगी ताकत, रूस के साथ 1500 करोड़ रुपये का करार - रूस के साथ 1500 करोड़ की डील

भारत ने रूस के साथ 1500 करोड़ रुपये की डील साइन की है. इसका मकसद वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 MKI की ताकत बढ़ाना है. जानें पूरा विवरण

सुखोई-30 MKI
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Published : Jul 29, 2019, 6:32 PM IST

Updated : Jul 29, 2019, 8:34 PM IST

नई दिल्ली: भारत ने रूस के साथ लगभग 1500 करोड़ रुपये की डील साइन की है. इससे भारत की सैन्य क्षमता में इजाफा होगा. जानकारी के मुताबिक भारत ने रूस के साथ एयर-टू-एयर मिसाइल प्रणाली की डील साइन की है.

ये मिसाइलें सुखोई - 30 MKI लड़ाकू विमानों में प्रयोग किए जाएंगे.

सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायु सेना के SU -30 एमकेआई लड़ाकू विमान बेड़े में R-27 एयर-टू-एयर मिसाइल खरीदने के लिए एक डील की है.

R-27 मिसाइल की खास बात यह है कि वो किसी भी समय हवाई लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिजाइन की गई है.

इन मिसाइलों को 10-I परियोजनाओं के तहत अधिग्रहित किया गया है, जो महत्वपूर्ण हथियार प्रणालियों को बनाए रखने के लिए तीन सेवाओं को निर्दिष्ट करती हैं, जिसे वॉर वेस्टेज रिजर्व (WWR) कहा जाता है.

R-27 मिसाइल मध्यम से लंबी दूरी से हवा से हवा में मार करने के लिए रूस द्वारा बनाई गई मिग और सुखोई श्रृंखला का विमान है.

पिछले 50 दिनों में, IAF ने 7,600 करोड़ रुपये से अधिक के सौदों पर हस्ताक्षर किए कर स्पाइस-2000, स्ट्रम अटका एटीजीएम और बड़ी संख्या में पुर्जे खरीदे हैं.

पढ़ें- नेतनयाहू के चुनाव प्रचार के बैनरों में मोदी, ट्रंप, पुतिन की तस्वीरें

बता दें कि पुलवामा हमले के बाद, केंद्र सरकार ने पाकिस्तान को सीमाओं की सुरक्षा के लिए जो भी उपकरण की आवश्यकता होती है, उसे खरीदने के लिए तीन सेवाओं के लिए आपातकालीन अधिकार दिए थे.जिसके तहत तहत, सुरक्षा

सुरक्षाबल 300 करोड़ रुपये तक प्रति मामले की लागत पर तीन महीने के भीतर अपनी पसंद के उपकरण खरीद सकते हैं.

नई दिल्ली: भारत ने रूस के साथ लगभग 1500 करोड़ रुपये की डील साइन की है. इससे भारत की सैन्य क्षमता में इजाफा होगा. जानकारी के मुताबिक भारत ने रूस के साथ एयर-टू-एयर मिसाइल प्रणाली की डील साइन की है.

ये मिसाइलें सुखोई - 30 MKI लड़ाकू विमानों में प्रयोग किए जाएंगे.

सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायु सेना के SU -30 एमकेआई लड़ाकू विमान बेड़े में R-27 एयर-टू-एयर मिसाइल खरीदने के लिए एक डील की है.

R-27 मिसाइल की खास बात यह है कि वो किसी भी समय हवाई लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिजाइन की गई है.

इन मिसाइलों को 10-I परियोजनाओं के तहत अधिग्रहित किया गया है, जो महत्वपूर्ण हथियार प्रणालियों को बनाए रखने के लिए तीन सेवाओं को निर्दिष्ट करती हैं, जिसे वॉर वेस्टेज रिजर्व (WWR) कहा जाता है.

R-27 मिसाइल मध्यम से लंबी दूरी से हवा से हवा में मार करने के लिए रूस द्वारा बनाई गई मिग और सुखोई श्रृंखला का विमान है.

पिछले 50 दिनों में, IAF ने 7,600 करोड़ रुपये से अधिक के सौदों पर हस्ताक्षर किए कर स्पाइस-2000, स्ट्रम अटका एटीजीएम और बड़ी संख्या में पुर्जे खरीदे हैं.

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बता दें कि पुलवामा हमले के बाद, केंद्र सरकार ने पाकिस्तान को सीमाओं की सुरक्षा के लिए जो भी उपकरण की आवश्यकता होती है, उसे खरीदने के लिए तीन सेवाओं के लिए आपातकालीन अधिकार दिए थे.जिसके तहत तहत, सुरक्षा

सुरक्षाबल 300 करोड़ रुपये तक प्रति मामले की लागत पर तीन महीने के भीतर अपनी पसंद के उपकरण खरीद सकते हैं.

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नई दिल्ली: भारत ने रूस के साथ लगभग 1500 करोड़ रुपये की डील साइन की है. इससे भारत की सैन्य क्षमता में इजाफा होगा. जानकारी के मुताबिक भारत ने रूस के साथ एयर-टू-एयर मिसाइल प्रणाली की डील साइन की है.



आरंभिक जानकारी के मुताबिक ये मिसाइलें सुखोई - 30 MKI लड़ाकू विमानों में प्रयोग किए जाएंगे.


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Last Updated : Jul 29, 2019, 8:34 PM IST
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