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आतंकवाद से निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई की जरूरत : जयशंकर - एससीओ शिखर सम्मेलन

विदेशमंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की ओर से 'सामूहिक कार्रवाई' की पुरजोर वकालत की और कहा कि इस क्षेत्र के समक्ष पेश आने वाली सुरक्षा चुनौतियां केवल भौतिक या राजनीतिक सीमाओं तक सीमित नहीं है. जानें विस्तार से...

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विदेशमंत्री एस जयशंकर
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Published : May 14, 2020, 12:45 AM IST

नई दिल्ली : विदेशमंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की ओर से 'सामूहिक कार्रवाई' की पुरजोर वकालत की और कहा कि इस क्षेत्र के समक्ष पेश आने वाली सुरक्षा चुनौतियां केवल भौतिक या राजनीतिक सीमाओं तक सीमित नहीं है.

जयशंकर ने यह टिप्पणी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से एससीओ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में की. एससीओ चीन के प्रभाव वाला समूह है जो राजनीतिक एवं सुरक्षा से जुड़े मुद्दों से संबंधित है.

इस बैठक की अध्यक्षता रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव ने की और इसमें चीन के विदेश मंत्री वांग यी और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सहित एससीओ के सभी सदस्यों देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया.

इस सम्मेलन में अफगानिस्तान की उभरती स्थिति पर व्यापक चर्चा की गई. इसमें कहा गया है कि शांति वार्ता अफगानिस्तान के लोगों की आकांक्षाओं और पड़ासी देशों के हितों के अनुरूप आगे बढ़नी चाहिए.

विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर ने इस बात को रेखांकित किया कि इस क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियां केवल भौतिक या राजनीतिक सीमाओं तक सीमित नहीं है और आतंकवाद से एससीओ क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता को बड़ा खतरा बना हुआ है.

उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिये सामूहिक कार्रवाई की जरूरत है.

सम्मेलन में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति और इस महामारी के कारण कारोबार तथा आर्थिक एवं सामाजिक प्रभावों से निपटने में एससीओ देशों के बीच समन्वय के संभावित क्षेत्रों के बारे में चर्चा की गई.

एमईए के अनुसार, 'जयशंकर ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ संयुक्त लड़ाई में भारत की मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की. उन्होंने एससीओ देशों के बीच सूचनाओं, विशेषज्ञता तथा अच्छे अनुभवों को साझा करने की तत्परता पर भी जोर दिया.'

विदेश मंत्रियों ने सेंट पीटर्सबर्ग में आगामी एससीओ शिखर सम्मेलन की तैयारियों के बारे में भी चर्चा की.

विदेश मंत्री ने महामारी के मद्देनजर भारत द्वारा उठाये गए कदमों को भी रेखांकित किया, जिसमें 20 लाख करोड़ रूपये के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा भी शामिल है.

मंत्रालय के अनुसार, 'उन्होंने एससीओ सदस्य देशों के बीच लाभाकारी कारोबार-आर्थिक सहयोग के लिये उपयुक्त माहौल सृजित करने के बारे में चर्चा की.'

नई दिल्ली : विदेशमंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की ओर से 'सामूहिक कार्रवाई' की पुरजोर वकालत की और कहा कि इस क्षेत्र के समक्ष पेश आने वाली सुरक्षा चुनौतियां केवल भौतिक या राजनीतिक सीमाओं तक सीमित नहीं है.

जयशंकर ने यह टिप्पणी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से एससीओ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में की. एससीओ चीन के प्रभाव वाला समूह है जो राजनीतिक एवं सुरक्षा से जुड़े मुद्दों से संबंधित है.

इस बैठक की अध्यक्षता रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव ने की और इसमें चीन के विदेश मंत्री वांग यी और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सहित एससीओ के सभी सदस्यों देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया.

इस सम्मेलन में अफगानिस्तान की उभरती स्थिति पर व्यापक चर्चा की गई. इसमें कहा गया है कि शांति वार्ता अफगानिस्तान के लोगों की आकांक्षाओं और पड़ासी देशों के हितों के अनुरूप आगे बढ़नी चाहिए.

विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर ने इस बात को रेखांकित किया कि इस क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियां केवल भौतिक या राजनीतिक सीमाओं तक सीमित नहीं है और आतंकवाद से एससीओ क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता को बड़ा खतरा बना हुआ है.

उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिये सामूहिक कार्रवाई की जरूरत है.

सम्मेलन में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति और इस महामारी के कारण कारोबार तथा आर्थिक एवं सामाजिक प्रभावों से निपटने में एससीओ देशों के बीच समन्वय के संभावित क्षेत्रों के बारे में चर्चा की गई.

एमईए के अनुसार, 'जयशंकर ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ संयुक्त लड़ाई में भारत की मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की. उन्होंने एससीओ देशों के बीच सूचनाओं, विशेषज्ञता तथा अच्छे अनुभवों को साझा करने की तत्परता पर भी जोर दिया.'

विदेश मंत्रियों ने सेंट पीटर्सबर्ग में आगामी एससीओ शिखर सम्मेलन की तैयारियों के बारे में भी चर्चा की.

विदेश मंत्री ने महामारी के मद्देनजर भारत द्वारा उठाये गए कदमों को भी रेखांकित किया, जिसमें 20 लाख करोड़ रूपये के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा भी शामिल है.

मंत्रालय के अनुसार, 'उन्होंने एससीओ सदस्य देशों के बीच लाभाकारी कारोबार-आर्थिक सहयोग के लिये उपयुक्त माहौल सृजित करने के बारे में चर्चा की.'

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