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गलवान घाटी पर चीन का दावा अस्थिर और निराधार : भारत

भारत ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी पर चीन के दावे को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है और बीजिंग के इस अस्थिर दावे को दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर अब तक बनी सहमति के विपरीत बताया है. पढ़ें पूरी खबर...

S Jayshankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर
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Published : Jun 18, 2020, 3:33 PM IST

नई दिल्ली : भारत ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी पर चीन के गलत दावे को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है और बीजिंग को याद दिलाया कि इस तरह के दावे दोनों पक्षों के बीच सीमा विवाद पर अब तक बनी सहमति के विपरीत हैं.

चीन के दावे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बुधवार शाम को कहा कि इस तरह के अस्थिर दावे करना समझ के उलट है. उन्होंने कहा कि भारत और चीन गत छह जून को वरिष्ठ कमांडरों के बीच हुई वार्ता में लद्दाख में तनावपूर्ण स्थिति को 'जिम्मेदार तरीके' से हल करने और वार्ता में बनी सहमति को लागू करने पर राजी हुए थे.

श्रीवास्तव ने कहा कि बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने लद्दाख के घटनाक्रम पर फोन पर बातचीत की है. दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई है कि एलएसी पर बनी स्थिति को जिम्मेदार तरीके से संभाला जाना चाहिए और गत छह जून को वरिष्ठ कमांडरों के बीच वार्ता में बनी सहमति को ईमानदारी से लागू किया जाना चाहिए. निराधार दावे करना इस समझ के विपरीत है.

पढ़ें- चीन को चौतरफा घेरने की तैयारी, बीएसएनएल ने की शुरुआत

इससे पहले बुधवार को गलवान घाटी में हिंसक झड़प को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से वार्ता की थी और कहा था कि गलवान में जो भी कुछ हुआ, वह पूर्वनियोजित था, जिसके कारण हिंसा और मौतें हुईं. जयशंकर ने चीन को स्पष्ट संदेश दिया कि गलवान में हुए अप्रत्याशित घटनाक्रम से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर सीधा असर पड़ेगा.

एस.जयशंकर ने वांग यी से कठोर शब्दों में कहा कि चीन को अपने कृत्य पर पुनर्मूल्यांकन करने और सुधारात्मक कदम उठाने के लिए समय की आवश्यकता थी.

नई दिल्ली : भारत ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी पर चीन के गलत दावे को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है और बीजिंग को याद दिलाया कि इस तरह के दावे दोनों पक्षों के बीच सीमा विवाद पर अब तक बनी सहमति के विपरीत हैं.

चीन के दावे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बुधवार शाम को कहा कि इस तरह के अस्थिर दावे करना समझ के उलट है. उन्होंने कहा कि भारत और चीन गत छह जून को वरिष्ठ कमांडरों के बीच हुई वार्ता में लद्दाख में तनावपूर्ण स्थिति को 'जिम्मेदार तरीके' से हल करने और वार्ता में बनी सहमति को लागू करने पर राजी हुए थे.

श्रीवास्तव ने कहा कि बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने लद्दाख के घटनाक्रम पर फोन पर बातचीत की है. दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई है कि एलएसी पर बनी स्थिति को जिम्मेदार तरीके से संभाला जाना चाहिए और गत छह जून को वरिष्ठ कमांडरों के बीच वार्ता में बनी सहमति को ईमानदारी से लागू किया जाना चाहिए. निराधार दावे करना इस समझ के विपरीत है.

पढ़ें- चीन को चौतरफा घेरने की तैयारी, बीएसएनएल ने की शुरुआत

इससे पहले बुधवार को गलवान घाटी में हिंसक झड़प को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से वार्ता की थी और कहा था कि गलवान में जो भी कुछ हुआ, वह पूर्वनियोजित था, जिसके कारण हिंसा और मौतें हुईं. जयशंकर ने चीन को स्पष्ट संदेश दिया कि गलवान में हुए अप्रत्याशित घटनाक्रम से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर सीधा असर पड़ेगा.

एस.जयशंकर ने वांग यी से कठोर शब्दों में कहा कि चीन को अपने कृत्य पर पुनर्मूल्यांकन करने और सुधारात्मक कदम उठाने के लिए समय की आवश्यकता थी.

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