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मालदीव पहुंचे पीएम, दोनों देशों के संबंधों पर एक नजर

पीएम मोदी के दोबारा सत्ता में आने के बाद वह अपनी पहली विदेश यात्रा पर हैं. उन्होंने इसके लिए मालदीव को चुना है. जानें भारत मालदीव संबंधों के बारे में.....

पीएम मोदी का मालदीव दौरा
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Published : Jun 8, 2019, 4:41 PM IST

नई दिल्लीः साल 2011 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह मालदीय के संसद में भाषण देने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे. लेकिन दो साल बाद अब्दुल्ला यामीन के मालदीव के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद हालात बदल गए.

चीन अबदुल्ला यामीन को चीन पूर्ण रूप से समर्थन देता है. इन सबके बाद भारत-मालदीव संबंधों में एक बड़ा बदलाव देखा गया.

यामीन को चीन का पूर्ण रूप से समर्थन भारत के लिए चिंता का विषय बन गया. चीन की बढ़ती उपस्थिति भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए खतरा बन गई.

यामीन ने सुनिश्चित किया कि वह भारत को खाड़ी में बनाए रखे.

पढ़ेंः PM मोदी मालदीव पहुंचे, संसद को करेंगे संबोधित

साल 2018 में इब्राहिम सोलिह की प्रचंड जीत के साथ मालदीव में भारत के लिए अलगाव का समय खत्म हो गया.

बता दें सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी भी मौजूद थे, पीएम की इस मौजूदगी ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय जुड़ाव से संबंधित किसी भी ऐसी शंका को दूर कर दिया, जो भविष्य के लिए खतरा साबित हो सकती थी.

हाल ही में संपन्न चुनावों में सत्ता में वापसी के बाद मोदी सरकार अपनी 'नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी' पर जोर दे रही है. इसी बात के मद्देनजर बिम्सटेक देशों के प्रतिनिधियों को उनके शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया था.

अपनी आधिकारिक यात्रा के लिए पीएम मोदी ने मालदीव को पहला देश चुनकर पहले ही मजबूत संकेत भेज दिए हैं.

नई दिल्लीः साल 2011 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह मालदीय के संसद में भाषण देने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे. लेकिन दो साल बाद अब्दुल्ला यामीन के मालदीव के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद हालात बदल गए.

चीन अबदुल्ला यामीन को चीन पूर्ण रूप से समर्थन देता है. इन सबके बाद भारत-मालदीव संबंधों में एक बड़ा बदलाव देखा गया.

यामीन को चीन का पूर्ण रूप से समर्थन भारत के लिए चिंता का विषय बन गया. चीन की बढ़ती उपस्थिति भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए खतरा बन गई.

यामीन ने सुनिश्चित किया कि वह भारत को खाड़ी में बनाए रखे.

पढ़ेंः PM मोदी मालदीव पहुंचे, संसद को करेंगे संबोधित

साल 2018 में इब्राहिम सोलिह की प्रचंड जीत के साथ मालदीव में भारत के लिए अलगाव का समय खत्म हो गया.

बता दें सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी भी मौजूद थे, पीएम की इस मौजूदगी ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय जुड़ाव से संबंधित किसी भी ऐसी शंका को दूर कर दिया, जो भविष्य के लिए खतरा साबित हो सकती थी.

हाल ही में संपन्न चुनावों में सत्ता में वापसी के बाद मोदी सरकार अपनी 'नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी' पर जोर दे रही है. इसी बात के मद्देनजर बिम्सटेक देशों के प्रतिनिधियों को उनके शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया था.

अपनी आधिकारिक यात्रा के लिए पीएम मोदी ने मालदीव को पहला देश चुनकर पहले ही मजबूत संकेत भेज दिए हैं.

Intro:It was year 2011, when Manmohan Singh became the first Prime Minister from India to deliver a keynote address at People's Majlis aka Maldivian Parliament. Two years later, things changed after China-backed Abdullah Yameen was elected as the President of Maldives.


Body:Following which, entire dynamics in India-Maldive relations saw a paradigm shift. Yameen's pro-China approach became an issue of worry for India. China's growing presence in Male became a threat for India's maritime security. Throughout his tenure, Yameen made sure that he kept India at bay and cosied up with dragon further.

With Ibrahim Solih's thumping victory in 2018, the period of isolation for India in Maldives ended. PM Modi's attendance at Solih's swearing-in cast aside any shadow of doubt over the future of bilateral engagement between both nations.





Conclusion:Since its return to power in the recently concluded polls, Modi government has been stressing on its 'Neighbourhood First Policy'. Keeping that in mind, representatives from BIMSTEC nations were invited on his swearing-in ceremony.

By choosing Maldvie, as the first country for his official foreign visit in second tenure, Modi government has already sent strong signals.

Similarly, President Solih's government is also looking towards its long time ally in the Indian ocean. Solih was among the first leaders to congratulate PM Modi on his landslide victory. Male administration is also probing several pro-China deals signed during Yameen's tenure. Not only this, a motion was passed unanimously in the People's Majlis for PM Modi to speak there.

Now, ahead of PM Modi's departure, Maldvian President Ibrahim Solih has also announced his government's decision to confer him with highest state honour given to any foreign dignitary 'The Order of the Distinguished Rule of Nishan Izzuddeen.'
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