नई दिल्ली : जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) की सचिव रेणु स्वरूप ने सोमवार को कहा कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविड-19 के टीके के तीसरे और मानव पर अंतिम चरण के परीक्षण के लिए देश भर में पांच स्थानों पर तैयारी पूरी कर ली गई है.
स्वरूप ने कहा कि यह एक आवश्यक कदम है क्योंकि भारतीयों को टीका लगाने से पहले देश के भीतर आंकड़े उपलब्ध होना आवश्यक है.
ऑक्सफोर्ड और इसके साझेदार एस्ट्राजेनेका ने टीके के तैयार हो जाने के बाद विश्व के सबसे बड़े टीका निर्माता 'द सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया' (सीआईआई) को इसके उत्पादन के लिए चुना है.
पहले दो चरणों के परीक्षण नतीजे इस महीने की शुरुआत में ही प्रकाशित हुए थे.
स्वरूप के मुताबिक, डीबीटी भारत में किसी भी कोविड-19 टीके के लिए किए जाने वाले प्रयासों का हिस्सा है, 'चाहे वह आर्थिक सहायता हो, चाहे विनियामक मंजूरी की सुविधा हो अथवा उन्हें देश के भीतर मौजूद विभिन्न नेटवर्क तक पहुंच प्रदान करना हो.'
उन्होंने कहा, 'अब डीबीटी तीसरे चरण के लिए क्लीनिकल स्थल तैयार कर रहा है. हमने इस पर पहले ही काम शुरू कर दिया है और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए पांच स्थान उपयोग के लिए तैयार हैं.'
पुणे स्थित सीआईआई ने संभावित टीके के दूसरे और तीसरे चरण के मानव पर क्लीनिकल परीक्षण के संचालन के लिए भारतीय औषधि नियामक से अनुमति मांगी है.
डीबीटी सचिव ने कहा, 'डीबीटी प्रत्येक निर्माता के साथ काम कर रहा है और सीरम (संस्थान) का तीसरा परीक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर टीका सफलत होता है और यह भारत के लोगों को दिया जाएगा तो हमारे पास देश के भीतर के आंकड़े उपलब्ध होने चाहिए.' उन्होंने कहा, ' इसके लिए तीसरे चरण का परीक्षण प्रस्तावित किया गया है. पांच स्थल तैयार हैं. यह निर्माताओं के लिए तैयार होने चाहिए ताकि वह क्लीनिकल परीक्षण के वास्ते इनका उपयोग कर सकें.'
इससे पहले, 20 जुलाई को वैज्ञानिकों ने घोषणा की थी कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोविड-19 टीका सुरक्षित जान पड़ता है और परीक्षण के दौरान इसके कारगर नतीजे सामने आए.