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भारत, ईरान और उज्बेकिस्तान चाबहार बंदरगाह के संयुक्त इस्तेमाल पर करेंगे बैठक

चाबहार बंदरगाह के संयुक्त इस्तेमाल को लेकर भारत, ईरान और उज्बेकिस्तान के बीच सोमवार को बैठक होगी. विदेश मंत्रालय ने बताया कि बैठक ऑनलाइन तरीके से होगी. यह बंदरगाह संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा है. ताकि इन देशों के बीच व्यापार संबंधों को बढ़ावा दिया जा सके.

चाबहार बंदरगाह
चाबहार बंदरगाह
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Published : Dec 12, 2020, 5:54 PM IST

नई दिल्ली : भारत, ईरान और उज्बेकिस्तान मध्य एशिया के लिए संपर्क (कनेक्टिविटी) की दृष्टि से अहम माने जा रहे चाबहार बंदरगाह का रणनीतिक रूप से संयुक्त इस्तेमाल करने पर सोमवार को त्रिपक्षीय वार्ता करेंगे. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बैठक की घोषणा की है.

मंत्रालय ने कहा, 'भारत, ईरान और उज्बेकिस्तान के बीच चाबहार बंदरगाह के संयुक्त इस्तेमाल पर त्रिपक्षीय कार्य समूह की पहली बैठक 14 दिसंबर को ऑनलाइन तरीके से होगी.' भारत, ईरान और अफगानिस्तान द्वारा बंदरगाह विकसित किया जा रहा है ताकि इन तीनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को बढ़ावा दिया जा सके. अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) परियोजना में भारत द्वारा उज्बेकिस्तान की भागीदारी की पृष्ठभूमि में त्रिपक्षीय बैठक हो रही है.

7,200 किलोमीटर की है परियोजना
आईएनएसटीसी भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए 7,200 किलोमीटर लंबी एक बहु आयामी परिवहन परियोजना है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'भारत चाबहार बंदरगाह को पारगमन (ट्रांजिट) बंदरगाह के रूप में उपयोग करने के लिए उज्बेकिस्तान की रुचि का स्वागत करता है. इससे क्षेत्र के व्यापारियों और व्यापारिक समुदाय के लिए आर्थिक अवसर खुलेंगे.'

इसमें कहा गया है, 'उज्बेकिस्तान के अलावा, अन्य मध्य एशियाई देशों ने भी बंदरगाह का उपयोग करने में रुचि दिखाई है. भारत इस मुद्दे पर क्षेत्रीय देशों के साथ निकट सहयोग करना चाहता है.'

पढ़ें- भारत के साथ बेहतर संबंधों के लिए ईरान प्रतिबद्ध : ईरानी राजनयिक

नई दिल्ली : भारत, ईरान और उज्बेकिस्तान मध्य एशिया के लिए संपर्क (कनेक्टिविटी) की दृष्टि से अहम माने जा रहे चाबहार बंदरगाह का रणनीतिक रूप से संयुक्त इस्तेमाल करने पर सोमवार को त्रिपक्षीय वार्ता करेंगे. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बैठक की घोषणा की है.

मंत्रालय ने कहा, 'भारत, ईरान और उज्बेकिस्तान के बीच चाबहार बंदरगाह के संयुक्त इस्तेमाल पर त्रिपक्षीय कार्य समूह की पहली बैठक 14 दिसंबर को ऑनलाइन तरीके से होगी.' भारत, ईरान और अफगानिस्तान द्वारा बंदरगाह विकसित किया जा रहा है ताकि इन तीनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को बढ़ावा दिया जा सके. अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) परियोजना में भारत द्वारा उज्बेकिस्तान की भागीदारी की पृष्ठभूमि में त्रिपक्षीय बैठक हो रही है.

7,200 किलोमीटर की है परियोजना
आईएनएसटीसी भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए 7,200 किलोमीटर लंबी एक बहु आयामी परिवहन परियोजना है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'भारत चाबहार बंदरगाह को पारगमन (ट्रांजिट) बंदरगाह के रूप में उपयोग करने के लिए उज्बेकिस्तान की रुचि का स्वागत करता है. इससे क्षेत्र के व्यापारियों और व्यापारिक समुदाय के लिए आर्थिक अवसर खुलेंगे.'

इसमें कहा गया है, 'उज्बेकिस्तान के अलावा, अन्य मध्य एशियाई देशों ने भी बंदरगाह का उपयोग करने में रुचि दिखाई है. भारत इस मुद्दे पर क्षेत्रीय देशों के साथ निकट सहयोग करना चाहता है.'

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