नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के चलते, भारतीय शोधकर्ताओं और उद्योगों ने कोरोनवायरस से लड़ने के लिए चिकित्सा उपकरण और अन्य उपकरण विकसित किए हैं.
अब भारतीय वैज्ञानिकों ने कीटाणुशोधन के लिए अल्ट्रा वायलेट कैबिनेट विकसित किया है.
इंटरनेशनल एडवांस रीसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटालर्जी एंड न्यू मटेरियल (एआरसीआई), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अनुसंधान और विकास केंद्र (DST), भारत सरकार और मेकिंस इंटस्ट्रीज ने मिल कर एक एक अल्ट्रावाइलेट कैबिनेट बनाया है.
जिसका उपयोग अस्पताल में इस्तेमाल होने पीपीई किट, लैब में पहने वाले कपड़ों, और अस्पताल के अन्य औजार और सामान के कीटाणू शोधन की लिए किया जाएगा.
इसका उपयोग व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और खरीदी गई कई घरेलू वस्तुओं को दी जाने वाली वस्तुओं को कीटाणुशोधित करने के लिए किया जा सकता है. कोरोना का प्रसार दूषित सतह से काफी बढ़ जाता है और यह अकसर घर में आम चीजें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.
खाली जगहों, सतहों और विभिन्न वस्तुओं को कीटाणुरहित करने के लिए सुरक्षित और प्रभावी रणनीति, तकनीक और उत्पाद लॉकडाउन के बाद वायरस संचरण की श्रृंखला को तोड़ने में महत्वपूर्ण हो जाते हैं.
डीएसटी के सचिव, आशुतोष शर्मा, ने कहा कि यूवी लाइट, थर्मल उपचार और स्वीकार्य गैर-क्लोरीन आधारित कीटाणुनाशक के एयरोसोल मिस्ट सरल, सुरक्षित और लागत प्रभावी समाधान और इनका इस्तेमाल तेजी से बढ़ेगा.
इस ट्रांसमिशन से निपटने का सबसे अच्छा तरीका अल्ट्रावायलट कीरण के संपर्क के माध्यम से एक सूखा और रासायनिक मुक्त और तेज कीटाणुशोधन है.
पढ़ें-पुणे: सीएसआईआर-एनसीएल ने विकसित किया स्वदेशी नासोफेरींजल स्वैब
254 एनएम के साथ पराबैगनी विकिरण को कोरोना के आरएनए भाग अवशोषित कर लेता है, जिससे फोटोडिमरीकरण प्रक्रिया के माध्यम से आणविक संरचनात्मक क्षति होती है और इस प्रकार यह वायरस निष्क्रिय होता है.
एआरसीआई और मेकिंस, हैदराबाद स्थित कंपनी द्वारा सह-विकसित एक कॉम्पैक्ट अल्ट्रावाइलेट कीटाणुशोधन कैबिनेट, 30W के 4 अल्ट्रावाइलेट लैंप (किनारों पर) और 15 W (ऊपर और नीचे) के 2 लैंप शामिल हैं.
बाक्स में ग्रिल लगी हुई हैं ताकि सामान को चारों तरफ से विसंक्रमित किया जा सके.
मशीन इस्तेमाल करने वाले को पराबैगनी किरण से कोई खतरा न हो इस लिए मशीन में लगीं तभी चालू् होंगी जब मशीन का दरवाजा पूरी तरह बंद होगा.
दस मिनट के भीतर सभी रखे गए लेखों कीटाणुरहित करने के लिए पर्याप्त विकिरण को आश्वस्त करने के लिए बॉक्स के भीतर विकिरण की तीव्रता को विभिन्न बिंदुओं पर मापा गया है.
कैबिनेट में लगे ग्रिल को निकाला भी जा सकता है ताकी उसमें बड़े सामानों को कीटाणूशोधित किया जा सके.