ETV Bharat / bharat

भारत-चीन दोस्ती की राह पर, मिलकर करेंगे 100 कार्यक्रमों का आयोजन

author img

By

Published : Aug 13, 2019, 5:19 AM IST

Updated : Sep 26, 2019, 8:05 PM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष ने आने वाले महिनों में 100 कार्यक्रमों को आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की है. दोनों देशो ने संस्कृतिक आदान-प्रदान, पारंपरिक चिकित्सा और खेल समेत अन्य समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी

नई दिल्लीः भारत और चीन ने सोमवार को कई समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए और आने वाले महीनों में 100 कार्यक्रमों को आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की. यह कार्यक्रम फिल्म में और प्रसारण के क्षेत्र में आयोजित किए जाएंगे. इन कार्यक्रमों का उद्देश्य दोनो देशों के बीच सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत करना है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी की अध्यक्षता में सांस्कृतिक और पीपल-टू-पीपल एक्सचेंजों पर भारत-चीन उच्च-स्तरीय तंत्र (एचएलएम) की दूसरी बैठक के बाद समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.

दोनों देश अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण, सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन और पुरातात्विक विरासत स्थलों के प्रबंधन के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर सहमत हुए.

उन्होंने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई है. इसका उद्देश्य दोनों देशों की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में इन दवाओं के विकास को बढ़ावा देना है. बता दें, भारत और चीन दोनों देशों में सदियों से इसपर संचित ज्ञान है.

विदेश मंत्री ने बताया, हम अपने राष्ट्रीय खेल संघों, खिलाड़ियों और युवाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में सहयोग को मजबूत करने के लिए आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए.

आखिर में हुबेई प्रांतीय संग्रहालय, वुहान और राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली , प्रदर्शनियों के क्षेत्र में, संग्रह और पुरातात्विक खुदाई के संरक्षण और बहाली के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए संग्रहालय प्रबंधन में सहयोग पर सहमत हुए.

पढ़ें-श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने जा सकते हैं गृह मंत्री अमित शाह

दूसरी एचएलएम बैठक के दौरान, चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनावों पर अपनी चिंताओं को स्पष्ट किया. संप्रभुता के मुद्दे पर अपनी 'राजसी स्थिति' से भी अवगत कराया जो लद्दाख पर भारत के फैसले पर था.

संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, दोनों नेताओं ने कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओं के विस्तार सहित कई नई पहलों की घोषणा की है.

जयशंकर ने कहा कि चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के विस्तार के बारे में सुझाव दिए थे. उन्होंने कहा, 'कैलाश मानसरोवर यात्रा के विस्तार के लिए चीनी पक्ष द्वारा कुछ सुझाव दिए गए थे और हम इन पहलों की सराहना करते हैं.'

बदले में वांग ने कहा कि चीन और तिब्बत सरकार कैलाश तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओं में सुधार करने के लिए कार्यरत है.

उन्होंने कहा, चीनी सरकार और स्थानीय सरकार विशेष रूप से सुविधाएं प्रदान करने के लिए काम कर रही हैं और यह मार्ग तेजी से दोस्ती का मार्ग बन गया है. आज अधिकारियों ने प्रस्ताव दिया कि हम तीर्थयात्रियों पर एक वृत्तचित्र का बना सकते हैं. इससे हम अपनी पारंपरिक मित्रता की कहानी को अच्छे से सुना पाएंगे.

इसके अलावा, दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय स्थिति से संबंधित मुद्दों ​​पर चर्चा की, क्षेत्रीय पहलू और द्विपक्षीय संबंध पर भी चर्चा हुई. इस वर्ष के अंत में होने वाले दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा पर भी चर्चा हुई.

जयशंकर ने भारत-चीन संबंध पर जोर देकर कहा, 'भारत-चीन संबंध का भविष्य स्पष्ट रूप से एक-दूसरे की मुख्य चिंताओं के प्रति आपसी संवेदनशीलता पर निर्भर करेगा.'

नई दिल्लीः भारत और चीन ने सोमवार को कई समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए और आने वाले महीनों में 100 कार्यक्रमों को आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की. यह कार्यक्रम फिल्म में और प्रसारण के क्षेत्र में आयोजित किए जाएंगे. इन कार्यक्रमों का उद्देश्य दोनो देशों के बीच सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत करना है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी की अध्यक्षता में सांस्कृतिक और पीपल-टू-पीपल एक्सचेंजों पर भारत-चीन उच्च-स्तरीय तंत्र (एचएलएम) की दूसरी बैठक के बाद समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.

दोनों देश अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण, सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन और पुरातात्विक विरासत स्थलों के प्रबंधन के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर सहमत हुए.

उन्होंने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई है. इसका उद्देश्य दोनों देशों की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में इन दवाओं के विकास को बढ़ावा देना है. बता दें, भारत और चीन दोनों देशों में सदियों से इसपर संचित ज्ञान है.

विदेश मंत्री ने बताया, हम अपने राष्ट्रीय खेल संघों, खिलाड़ियों और युवाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में सहयोग को मजबूत करने के लिए आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए.

आखिर में हुबेई प्रांतीय संग्रहालय, वुहान और राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली , प्रदर्शनियों के क्षेत्र में, संग्रह और पुरातात्विक खुदाई के संरक्षण और बहाली के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए संग्रहालय प्रबंधन में सहयोग पर सहमत हुए.

पढ़ें-श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने जा सकते हैं गृह मंत्री अमित शाह

दूसरी एचएलएम बैठक के दौरान, चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनावों पर अपनी चिंताओं को स्पष्ट किया. संप्रभुता के मुद्दे पर अपनी 'राजसी स्थिति' से भी अवगत कराया जो लद्दाख पर भारत के फैसले पर था.

संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, दोनों नेताओं ने कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओं के विस्तार सहित कई नई पहलों की घोषणा की है.

जयशंकर ने कहा कि चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के विस्तार के बारे में सुझाव दिए थे. उन्होंने कहा, 'कैलाश मानसरोवर यात्रा के विस्तार के लिए चीनी पक्ष द्वारा कुछ सुझाव दिए गए थे और हम इन पहलों की सराहना करते हैं.'

बदले में वांग ने कहा कि चीन और तिब्बत सरकार कैलाश तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओं में सुधार करने के लिए कार्यरत है.

उन्होंने कहा, चीनी सरकार और स्थानीय सरकार विशेष रूप से सुविधाएं प्रदान करने के लिए काम कर रही हैं और यह मार्ग तेजी से दोस्ती का मार्ग बन गया है. आज अधिकारियों ने प्रस्ताव दिया कि हम तीर्थयात्रियों पर एक वृत्तचित्र का बना सकते हैं. इससे हम अपनी पारंपरिक मित्रता की कहानी को अच्छे से सुना पाएंगे.

इसके अलावा, दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय स्थिति से संबंधित मुद्दों ​​पर चर्चा की, क्षेत्रीय पहलू और द्विपक्षीय संबंध पर भी चर्चा हुई. इस वर्ष के अंत में होने वाले दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा पर भी चर्चा हुई.

जयशंकर ने भारत-चीन संबंध पर जोर देकर कहा, 'भारत-चीन संबंध का भविष्य स्पष्ट रूप से एक-दूसरे की मुख्य चिंताओं के प्रति आपसी संवेदनशीलता पर निर्भर करेगा.'

Intro:Body:

indian china sign four MoUs



भारत-चीन दोस्ती की राह पर, मिलकर करेंगे 100 कार्यक्रमों का आयोजन





विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष ने आने वाले महिनों में 100 कार्यक्रमों को आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की है. दोनों देशो ने चार समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए हैं. पढ़ें पूरी खबर...



नई दिल्लीः भारत और चीन ने सोमवार को चार समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए और आने वाले महीनों में 100 कार्यक्रमों को आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की. यह कार्यक्रम फिल्म में और प्रसारण के क्षेत्र में आयोजित किए जाएंगे. इन कार्यक्रमों का उद्देश्य दोनो देशों के बीच सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत करना है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी की अध्यक्षता में सांस्कृतिक और पीपल-टू-पीपल एक्सचेंजों पर भारत-चीन उच्च-स्तरीय तंत्र (एचएलएम) की दूसरी बैठक के बाद समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.

दोनों देश अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण, सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन और पुरातात्विक विरासत स्थलों के प्रबंधन के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर सहमत हुए.

उन्होंने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई है. इसका उद्देश्य दोनों देशों की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में इन दवाओं के विकास को बढ़ावा देना है. बता दें, भारत और चीन दोनों देशों में सदियों से इसपर संचित ज्ञान है. 

विदेश मंत्री ने बताया, हम अपने राष्ट्रीय खेल संघों, खिलाड़ियों और युवाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में सहयोग को मजबूत करने के लिए आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए. 

आखिर में हम हुबेई प्रांतीय संग्रहालय, वुहान और राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली , प्रदर्शनियों के क्षेत्र में, संग्रह और पुरातात्विक खुदाई के संरक्षण और बहाली के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए संग्रहालय प्रबंधन में सहयोग पर सहमत हुए.

दूसरी एचएलएम बैठक के दौरान, चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनावों पर अपनी चिंताओं को स्पष्ट किया. संप्रभुता के मुद्दे पर अपनी 'राजसी स्थिति' से भी अवगत कराया जो लद्दाख पर भारत के फैसले पर था.

संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, दोनों नेताओं ने कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओं के विस्तार सहित कई नई पहलों की घोषणा की है.

जयशंकर ने कहा कि चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के विस्तार के बारे में सुझाव दिए थे. उन्होंने कहा, 'कैलाश मानसरोवर यात्रा के विस्तार के लिए चीनी पक्ष द्वारा कुछ सुझाव दिए गए थे और हम इन पहलों की सराहना करते हैं.'

बदले में वांग ने कहा कि चीन और तिब्बत सरकार कैलाश तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओं में सुधार करने के लिए कार्यरत हैं. 

उन्होंने कहा, चीनी सरकार और स्थानीय सरकार, विशेष रूप से, सुविधाएं प्रदान करने के लिए काम कर रही हैं और यह मार्ग तेजी से दोस्ती का मार्ग बन गया है.आज अधिकारियों ने प्रस्ताव दिया कि हम तीर्थयात्रियों पर एक वृत्तचित्र का बना सकते हैं. इससे हम अपनी पारंपरिक मित्रता की कहानी को अच्छे सुना पाएंगे.

इसके अलावा, दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय स्थिति से संबंधित मुद्दों ​​पर चर्चा की, क्षेत्रीय पहलू और द्विपक्षीय संबंध पर भी चर्चा हुई. इस वर्ष के अंत में  होने वाले दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा पर भी चर्चा हुई. 

जयशंकर ने जोर देकर कहा, 'भारत-चीन संबंध का भविष्य स्पष्ट रूप से एक-दूसरे की मुख्य चिंताओं के प्रति आपसी संवेदनशीलता पर निर्भर करेगा.'

 


Conclusion:
Last Updated : Sep 26, 2019, 8:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.