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साल 2020 : 45 साल बाद एलएसी पर हिंसा, युद्ध जैसे बने हालात

भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 1962 के बाद से शांति बनी रही है, लेकिन 2020 में चीन की सरकार ने कोरोना से ध्यान भटकाने और भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति को बाधित करने के लिए एलएसी पर हिंसक झड़प की योजना बनाई. 20 भारतीय जवान शहीद हो गए. भारत ने भी चीन को उसी की भाषा में जवाब दिया. उनके भी कई जवान मारे गए. भारत ने चीन पर आर्थिक कार्रवाई भी की. अभी भी दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार है. एक नजर...

india china border
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Published : Dec 27, 2020, 6:02 AM IST

हैदराबाद : 45 वर्षों के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जून महीने में चीनी सैनिकों ने हिंसक झड़प की. भारतीय सैनिकों ने इसका माकूल जवाब दिया. हमारे 20 जवान शहीद हो गए. चीन के 45 से अधिक सैनिक मारे गए. घटना 17 हजार फीट ऊंची गलवान घाटी में घटी.

इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गए. एलएसी पर दोनों देशों के हजारों सैनिक एकत्रित हो गए. अभी भी सैनिक वहां पर डटे हुए हैं. भारत ने साफ कर दिया कि अगर चीन ने यथास्थिति बदलने की कोशिश की, तो वह उसका उचित जवाब देगा.

अमेरिकी रिपोर्ट में भी इस घटना को लेकर बताया गया कि चीन ने सोची-समझी रणनीति के तहत यह कदम उठाया था.

india china
पैंगोंग त्से क्षेत्र से जुड़ी जानकारी

भारत ने साफ कर दिया कि एलएसी पर चीन ने स्थिति बदलने का प्रयास किया, तो उसका उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा. खुद पीएम मोदी ने भी कहा कि सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. भारत ने आर्थिक क्षेत्र में चीन पर कार्रवाई की. चीनी कंपनियों के टेंडर कैंसिल कर दिए गए. कई मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगा दिया गया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका भी भारतीय पक्ष से सहमत हुआ.

गलवान हिंसा के बाद क्या हुआ -

  • 22.06.2020 : भारतीय और चीनी पक्षों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों की बैठक.
  • 23.06.2020 : एलएसी के क्षेत्रों से पीछे हटने पर सहमति.
  • 30.06.2020 : लद्दाख के चुशुल में लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता.
  • 07.07.2020 : भारत ने मिग-29, सुखोई 30, अपाचे और चिनूक चॉपर्स तैनात किए.
  • 08.07.2020 : गलवान वैली, हॉट स्प्रिंग्स एरिया, गोगरा और पेगौंग से पीछे हटने लगी दोनों सेनाएं.
  • 14.07.2020 : कमांडर स्तर की चौथी वार्ता.
  • 30.07.2020 : पीछे हटने पर बनी सहमति को चीन से तोड़ा. भारत की आपत्ति.
  • 21.08.2020 : चीन द्वारा उत्तराखंड के लिपुलेख में सैन्य बुनियादी ढांचे (मिसाइल ढांचे) का निर्माण.
  • 29.08.2020 : मिसाइल साइट्स डोकलाम और नाकू ला के पास स्थित है.
  • 29-30 अगस्त : 200 चीनी सैनिकों ने पैंगोंग में उकसावे की कार्रवाई की.
  • 30.08.2020 : सेना ने चीनी घुसपैठ नाकाम किया. भारत ने दक्षिण पैंगोंग पर किया कब्जा.
  • 02.09.2020 : चुशुल में तनाव कम करने पर बातचीत.
  • 07.09.2020 : चीनी सैनिकों ने फॉरवर्ड पोजिशन पर हवाई फायरिंग की.
  • 09.09.2020 : भारतीय सेना ने टैंक, सेना के लड़ाकू वाहनों को ऊंचाइयों तक पहुंचाया.
  • 04.09.2020 : भारतीय सेना प्रमुख ने स्थिति को नाजुक बताया.
  • 20.06.2020 : भारत ने स्थानीय कमांडरों को फैसले लेने के लिए स्वतंत्र किया.
  • 01.07.2020 : भारत ने चीन पर आर्थिक कार्रवाई की. कुछ क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगाए.
  • 29.06.2020 : चीन के 59 मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध.
  • 02.09.2020 : पबजी सहित 118 चीनी मोबाइल एप प्रतिबंधित.
  • 17.06.2020 : पीएम बोले- सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.
  • 19.06.2020 : भारत के क्षेत्र पर कोई कब्जा नहीं- सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी
  • 15.08.2020 : पीएम मोदी ने कहा - सेना जवाब देने के लिए तैयार है.
  • 17.07.2020 : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पैंगोंग के पश्चिमी क्षेत्र में सैनिकों से मुलाकात की.
  • 15.09.2020 : एलएसी पर यथास्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा चीन : राजनाथ
  • 23.09.2020 : सीडीएस बिपिन रावत बोले- सैन्य विकल्प पर हो रही चर्चा.
  • 06.07.2020 : एनएसए अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री से बात की.
  • 03.09.2020 : एससीओ बैठक में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात. पांच सूत्रीय सहमति बनी.
  • 10.09.2020 : विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी की बैठक.
  • 11.09.2020 : तनाव कम करने पर सहमति.

क्या है वास्तविक नियंत्रण रेखा
1962 के युद्ध के दौरान, चीनी सेना ने पश्चिमी लद्दाख में लगभग 38,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था. भारतीय क्षेत्र के चीनी कब्जे के कारण जो वास्तविक सीमा बनाई गई थी, उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा कहा जाने लगा. चूंकि वास्तविक नियंत्रण रेखा का न तो मानचित्रों पर परिसीमन किया गया था और न ही जमीन पर सीमांकित किया गया था, इसलिए दोनों पक्षों की कुछ क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर अलग-अलग धारणा है.

1975 में जब सीमा पर हुई घटना में चार भारतीय सैनिक मारे गए थे, उसके बाद से दोनों पक्षों द्वारा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया गया. इसने यह सुनिश्चित किया था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनी रहे. हाल के समय तक शांति बनी भी रही.

चीनी सैनिकों ने 2013 में डेपसांग, 2014 में चुमार और 2017 में डोकलाम में स्थापित प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया. हालांकि, भारत ने हर मौके पर तत्परता दिखाई और बार-बार चीनी सैनिकों के मंसूबों पर पानी फेर दिया.

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इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गए. एलएसी पर दोनों देशों के हजारों सैनिक एकत्रित हो गए. अभी भी सैनिक वहां पर डटे हुए हैं. भारत ने साफ कर दिया कि अगर चीन ने यथास्थिति बदलने की कोशिश की, तो वह उसका उचित जवाब देगा.

अमेरिकी रिपोर्ट में भी इस घटना को लेकर बताया गया कि चीन ने सोची-समझी रणनीति के तहत यह कदम उठाया था.

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पैंगोंग त्से क्षेत्र से जुड़ी जानकारी

भारत ने साफ कर दिया कि एलएसी पर चीन ने स्थिति बदलने का प्रयास किया, तो उसका उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा. खुद पीएम मोदी ने भी कहा कि सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. भारत ने आर्थिक क्षेत्र में चीन पर कार्रवाई की. चीनी कंपनियों के टेंडर कैंसिल कर दिए गए. कई मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगा दिया गया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका भी भारतीय पक्ष से सहमत हुआ.

गलवान हिंसा के बाद क्या हुआ -

  • 22.06.2020 : भारतीय और चीनी पक्षों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों की बैठक.
  • 23.06.2020 : एलएसी के क्षेत्रों से पीछे हटने पर सहमति.
  • 30.06.2020 : लद्दाख के चुशुल में लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता.
  • 07.07.2020 : भारत ने मिग-29, सुखोई 30, अपाचे और चिनूक चॉपर्स तैनात किए.
  • 08.07.2020 : गलवान वैली, हॉट स्प्रिंग्स एरिया, गोगरा और पेगौंग से पीछे हटने लगी दोनों सेनाएं.
  • 14.07.2020 : कमांडर स्तर की चौथी वार्ता.
  • 30.07.2020 : पीछे हटने पर बनी सहमति को चीन से तोड़ा. भारत की आपत्ति.
  • 21.08.2020 : चीन द्वारा उत्तराखंड के लिपुलेख में सैन्य बुनियादी ढांचे (मिसाइल ढांचे) का निर्माण.
  • 29.08.2020 : मिसाइल साइट्स डोकलाम और नाकू ला के पास स्थित है.
  • 29-30 अगस्त : 200 चीनी सैनिकों ने पैंगोंग में उकसावे की कार्रवाई की.
  • 30.08.2020 : सेना ने चीनी घुसपैठ नाकाम किया. भारत ने दक्षिण पैंगोंग पर किया कब्जा.
  • 02.09.2020 : चुशुल में तनाव कम करने पर बातचीत.
  • 07.09.2020 : चीनी सैनिकों ने फॉरवर्ड पोजिशन पर हवाई फायरिंग की.
  • 09.09.2020 : भारतीय सेना ने टैंक, सेना के लड़ाकू वाहनों को ऊंचाइयों तक पहुंचाया.
  • 04.09.2020 : भारतीय सेना प्रमुख ने स्थिति को नाजुक बताया.
  • 20.06.2020 : भारत ने स्थानीय कमांडरों को फैसले लेने के लिए स्वतंत्र किया.
  • 01.07.2020 : भारत ने चीन पर आर्थिक कार्रवाई की. कुछ क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगाए.
  • 29.06.2020 : चीन के 59 मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध.
  • 02.09.2020 : पबजी सहित 118 चीनी मोबाइल एप प्रतिबंधित.
  • 17.06.2020 : पीएम बोले- सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.
  • 19.06.2020 : भारत के क्षेत्र पर कोई कब्जा नहीं- सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी
  • 15.08.2020 : पीएम मोदी ने कहा - सेना जवाब देने के लिए तैयार है.
  • 17.07.2020 : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पैंगोंग के पश्चिमी क्षेत्र में सैनिकों से मुलाकात की.
  • 15.09.2020 : एलएसी पर यथास्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा चीन : राजनाथ
  • 23.09.2020 : सीडीएस बिपिन रावत बोले- सैन्य विकल्प पर हो रही चर्चा.
  • 06.07.2020 : एनएसए अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री से बात की.
  • 03.09.2020 : एससीओ बैठक में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात. पांच सूत्रीय सहमति बनी.
  • 10.09.2020 : विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी की बैठक.
  • 11.09.2020 : तनाव कम करने पर सहमति.

क्या है वास्तविक नियंत्रण रेखा
1962 के युद्ध के दौरान, चीनी सेना ने पश्चिमी लद्दाख में लगभग 38,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था. भारतीय क्षेत्र के चीनी कब्जे के कारण जो वास्तविक सीमा बनाई गई थी, उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा कहा जाने लगा. चूंकि वास्तविक नियंत्रण रेखा का न तो मानचित्रों पर परिसीमन किया गया था और न ही जमीन पर सीमांकित किया गया था, इसलिए दोनों पक्षों की कुछ क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर अलग-अलग धारणा है.

1975 में जब सीमा पर हुई घटना में चार भारतीय सैनिक मारे गए थे, उसके बाद से दोनों पक्षों द्वारा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया गया. इसने यह सुनिश्चित किया था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनी रहे. हाल के समय तक शांति बनी भी रही.

चीनी सैनिकों ने 2013 में डेपसांग, 2014 में चुमार और 2017 में डोकलाम में स्थापित प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया. हालांकि, भारत ने हर मौके पर तत्परता दिखाई और बार-बार चीनी सैनिकों के मंसूबों पर पानी फेर दिया.

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