नई दिल्ली : विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला ने सोमवार को हेड ऑफ मिशन के समूह को जम्मू-कश्मीर के नगरोटा जिले में योजनाबद्ध आतंकवादी हमले बारे में जानकारी दी. इस हमले को 19 नवंबर को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था. इस हमले की जानकारी संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, रूस और जापान के दूत को दी गई है.
सूत्रों के अनुसार, विदेश सचिव ने जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा और कूटनीति पर घटना के निहितार्थ और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर भी चर्चा की. हाल के नगरोटा की घटना के बारे में पूरी जानकारी के साथ एक डोजियर भी हेड ऑफ मिशन को सौंप दिया गया.
उल्लेखनीय है विदेश मंत्रालय द्वारा छोटे समूहों में आयोजित की जाने वाली कई ब्रीफिंग में से यह पहली ब्रिफिंग है, जिसमें कोविड-19 की स्थिति पार बात की गई. अन्य सचिव भी अपने अधिकार क्षेत्र के मिशनों के प्रमुखों को जानकारी देंगे.
सूत्रों ने कहा कि प्रमुखों को विस्तृत सूचना के साथ एक डॉकेट (संक्षिप्त जानकारी ) भी दी गई, जिसमें नगरोटा की घटना का विवरण था.
डॉकेट में उन वस्तुओं और गोला-बारूद की सूची भी शामिल है, जो आतंकवादियों से बरामद किए गए थे, जो स्पष्ट रूप से इशारा करते हैं कि वे पाकिस्तान में बनाए गए थे.
सांबा सेक्टर में भूमिगत सुरंग के माध्यम से आतंकवादी भारत में कैसे पहुंचे, इस बारे में मिशन के प्रमुखों को जानकारी दी गई. उन्हें आगे इस बात की जानकारी दी गई कि आतंकियों के पास से बरामद एके -47 राइफल और अन्य सामानों पर प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि आतंकवादी पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के थे.
इस दौरान इस बात पर प्रकाश डाला गया कि 19 नवंबर की घटना जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के चल रहे आतंकी अभियान का हिस्सा है और वर्ष 2020 में 200 आंतकी घटनाएं हुईं है, जिसमें 199 आतंकियों को मार गया है.
इसके अलावा रिपोर्टों के अनुसार पिछली ऐसी घटनाओं में जैश-ए-मोहम्मद की भागीदारी का विवरण भी साझा किया गया था. भारत ने यह भी बताया कि यह स्पष्ट था कि आतंकवादी फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद से देश में सबसे बड़े आतंकवादी हमले की योजना बना रहे थे.
भारत ने हेड ऑफ मिशन को बताया कि यह डीडीसी चुनावों में तबाही करने और 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों की सालगिरह के उद्देश्य से एक आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए चल रहे प्रयासों का हिस्सा है.
भारत ने जम्मू कश्मीर में स्थिति को अस्थिर करने और स्थानीय डीडीसी चुनावों को कमजोर करने के पाकिस्तान के निरंतर प्रयासों के बारे में चिंता व्यक्त की.
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भारत ने पिछले हफ्ते लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन करने और नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठियों को समर्थन के लिए पाकिस्तानी सेना को लताड़ लगाई और भारत ने पाकिस्तान को 2003 के युद्धविराम समझौते की याद दिलाई.
MEA के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने दावा किया था कि पाकिस्तान घुसपैठियों को सीमा पार से कवर फायर मुहैया कराता है. उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा के पास तैनात पाकिस्तानी सशस्त्र बलों की संलिप्तता के बिना घुसपैठ की ऐसी गतिविधियां संभव नहीं हैं.
बता दें कि 21 नवंबर को भारत ने पाकिस्तान के उच्चायोग को तलब किया और गरोटा मुठभेड़ पर कड़ा विरोध दर्ज कराया. भारत ने उच्चायोग को कहा कि मुठभेड़ में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी 26 / की सालगिरह पर एक बड़े आतंकी अभियान की योजना बना रहे थे.