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भारत और क्रोएशिया का स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग और डिजिटल गठबंधन पर जोर

विदेश मंत्रालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक बयान के अनुसार, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने क्रोएशिया के विदेश राज्य मंत्री फ्रानो मातुसिक के साथ डिजिटल माध्यम से बैठक की. इस दौरान उन्होंने कोविड-19 महामारी के परिदृश्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग एवं आने वाले वर्षों में दुनिया के समक्ष उत्पन्न होने वाली ऐसी ही संभावित चुनौतियों के बारे में चर्चा की.

वी मुरलीधरन
वी मुरलीधरन
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Published : Dec 24, 2020, 3:51 PM IST

नई दिल्ली : भारत और क्रोएशिया ने कोविड-19 महामारी के परिदृश्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग एवं आने वाले वर्षों में दुनिया के समक्ष उत्पन्न होने वाली ऐसी ही संभावित चुनौतियों के बारे में चर्चा की. दोनों देशों ने कारपोरेट गठबंधन, स्टार्टअप सहयोग, साइबर अनुसंधान एवं विकास तथा कुशल मानव संसाधन सहयोग पर आधारित बहुस्तरीय डिजिटल गठबंधन की जरूरत पर भी बल दिया.

विदेश मंत्रालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक बयान के अनुसार, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने क्रोएशिया के विदेश, राजनीतिक एवं यूरोपीय मामलों के राज्य मंत्री फ्रानो मातुसिक के साथ डिजिटल माध्यम से मंगलवार 22 दिसंबर को बैठक की.

बैठक में वर्ष 2021 के लिए आपसी सहयोग का व्यापक एजेंडा तय किया गया और वर्ष 2022 में दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के तीन दशक पूरा होने के अवसर को मनाने के बारे में भी चर्चा हुई. विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के घटनाक्रम के बारे में विचारों का आदान प्रदान किया और मुक्त, खुले और स्थिर हिन्द प्रशांत क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी.

बयान में कहा गया है कि भारत का जनवरी 2021 से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता का दो वर्ष कार्यकाल शुरू होने जा रहा है और क्रोएशिया यूरोपीय संघ का महत्वपूर्ण सदस्य है. ऐसे में जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद से मुकाबला, वैश्विक स्वास्थ्य सेवाएं, साइबर स्पेस, नौवहन क्षेत्र जैसे आपसी सहयोग के साझे मुद्दों एवं वैश्विक महत्व के विषयों पर इन मंचों के महत्व को भी स्वीकार किया गया.

इसमें कहा गया है कि क्रोएशिया और भारत के मंत्रियों ने कोरोना महामारी के परिप्रेक्ष्य में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र और आने वाले वर्षों में दुनिया के समक्ष उत्पन्न होने वाली ऐसी ही चुनौतियों के बारे में विचारों का आदान प्रदान किया.

बयान के अनुसार फार्मा उद्योग और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े शोध एवं विकास के क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच पहले से जारी अच्छे सहयोग के मद्देनजर दोनों मंत्रियों ने आपसी लाभ के इस क्षेत्र में सहयोग और बढ़ाने की संभावना के बारे में चर्चा की.

मंत्रालय ने बयान में कहा कि क्रोएशिया और भारत के मंत्रियों ने महामारी के समय में डिजिटल प्रौद्योगिकी के महत्व और इस क्षेत्र में सहयोग को भी रेखांकित किया.

मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने कारपोरेट गठबंधन, स्टार्टअप सहयोग, साइबर अनुसंधान एवं विकास, कुशल मानव संसाधन सहयोग, साइबर सुरक्षा एवं साइबर आधारभूत ढांचा पर आधारित बहुस्तरीय डिजिटल गठबंधन की जरूरत पर बल दिया.

विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने दिसंबर 2020 में स्टार्टअप क्षेत्र में सहयोग को लेकर प्रारंभिक समारोहों का भी स्वागत किया.

पढ़ें - चीन की सेना ने दक्षिण चीन सागर से अमेरिकी नौसैनिक जहाज को खदेड़ने का दावा किया

मंत्रालय ने बताया कि भारत और क्रोएशिया के बीच मजबूत सांस्कृतिक सहयोग को रेखांकित करते हुए दोनों पक्षों ने अपने राजनयिक संबंधों के 30 वर्ष पूरा होने के परिदृश में वर्ष 2021-22 में सांस्कृतिक क्षेत्र में संबंधों को और मजबूत बनाने की जरूरत बतायी.

बयान के अनुसार क्रोएशिया और भारत के मंत्री ने सांस्कृतिक दलों के आदान प्रदान, ललित कला एवं पुरातत्व विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग और क्रोएशिया के विश्वविद्यालयों में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) प्रायोजित अल्पकालिक पीठ स्थापित करने की संभावना के बारे में चर्चा की.

मंत्रालय के बयान के अनुसार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष के क्षेत्र में दोनों देशों ने अपने-अपने देश के युवाओं को संयुक्त शोध एवं सह विकास के लिये जुड़ने एवं अवसर प्रदान करने के महत्व को रेखांकित किया.

दोनों देशों ने पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने की जरूरत भी बतायी, जो क्षेत्र कोविड-19 महामारी के कारण नकारात्मक रुख ले चुका है.

बयान के अनुसार विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन ने भारत में क्रोएशियाई कंपनियों के लिये आधारभूत ढांचा क्षेत्र में अवसरों का जिक्र किया. इस अवसर पर उन्होंने रेलवे, जहाज निर्माण, पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, मतस्यीकी जैसे क्षेत्रों में अवसरों का जिक्र भी किया.

नई दिल्ली : भारत और क्रोएशिया ने कोविड-19 महामारी के परिदृश्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग एवं आने वाले वर्षों में दुनिया के समक्ष उत्पन्न होने वाली ऐसी ही संभावित चुनौतियों के बारे में चर्चा की. दोनों देशों ने कारपोरेट गठबंधन, स्टार्टअप सहयोग, साइबर अनुसंधान एवं विकास तथा कुशल मानव संसाधन सहयोग पर आधारित बहुस्तरीय डिजिटल गठबंधन की जरूरत पर भी बल दिया.

विदेश मंत्रालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक बयान के अनुसार, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने क्रोएशिया के विदेश, राजनीतिक एवं यूरोपीय मामलों के राज्य मंत्री फ्रानो मातुसिक के साथ डिजिटल माध्यम से मंगलवार 22 दिसंबर को बैठक की.

बैठक में वर्ष 2021 के लिए आपसी सहयोग का व्यापक एजेंडा तय किया गया और वर्ष 2022 में दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के तीन दशक पूरा होने के अवसर को मनाने के बारे में भी चर्चा हुई. विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के घटनाक्रम के बारे में विचारों का आदान प्रदान किया और मुक्त, खुले और स्थिर हिन्द प्रशांत क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी.

बयान में कहा गया है कि भारत का जनवरी 2021 से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता का दो वर्ष कार्यकाल शुरू होने जा रहा है और क्रोएशिया यूरोपीय संघ का महत्वपूर्ण सदस्य है. ऐसे में जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद से मुकाबला, वैश्विक स्वास्थ्य सेवाएं, साइबर स्पेस, नौवहन क्षेत्र जैसे आपसी सहयोग के साझे मुद्दों एवं वैश्विक महत्व के विषयों पर इन मंचों के महत्व को भी स्वीकार किया गया.

इसमें कहा गया है कि क्रोएशिया और भारत के मंत्रियों ने कोरोना महामारी के परिप्रेक्ष्य में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र और आने वाले वर्षों में दुनिया के समक्ष उत्पन्न होने वाली ऐसी ही चुनौतियों के बारे में विचारों का आदान प्रदान किया.

बयान के अनुसार फार्मा उद्योग और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े शोध एवं विकास के क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच पहले से जारी अच्छे सहयोग के मद्देनजर दोनों मंत्रियों ने आपसी लाभ के इस क्षेत्र में सहयोग और बढ़ाने की संभावना के बारे में चर्चा की.

मंत्रालय ने बयान में कहा कि क्रोएशिया और भारत के मंत्रियों ने महामारी के समय में डिजिटल प्रौद्योगिकी के महत्व और इस क्षेत्र में सहयोग को भी रेखांकित किया.

मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने कारपोरेट गठबंधन, स्टार्टअप सहयोग, साइबर अनुसंधान एवं विकास, कुशल मानव संसाधन सहयोग, साइबर सुरक्षा एवं साइबर आधारभूत ढांचा पर आधारित बहुस्तरीय डिजिटल गठबंधन की जरूरत पर बल दिया.

विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने दिसंबर 2020 में स्टार्टअप क्षेत्र में सहयोग को लेकर प्रारंभिक समारोहों का भी स्वागत किया.

पढ़ें - चीन की सेना ने दक्षिण चीन सागर से अमेरिकी नौसैनिक जहाज को खदेड़ने का दावा किया

मंत्रालय ने बताया कि भारत और क्रोएशिया के बीच मजबूत सांस्कृतिक सहयोग को रेखांकित करते हुए दोनों पक्षों ने अपने राजनयिक संबंधों के 30 वर्ष पूरा होने के परिदृश में वर्ष 2021-22 में सांस्कृतिक क्षेत्र में संबंधों को और मजबूत बनाने की जरूरत बतायी.

बयान के अनुसार क्रोएशिया और भारत के मंत्री ने सांस्कृतिक दलों के आदान प्रदान, ललित कला एवं पुरातत्व विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग और क्रोएशिया के विश्वविद्यालयों में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) प्रायोजित अल्पकालिक पीठ स्थापित करने की संभावना के बारे में चर्चा की.

मंत्रालय के बयान के अनुसार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष के क्षेत्र में दोनों देशों ने अपने-अपने देश के युवाओं को संयुक्त शोध एवं सह विकास के लिये जुड़ने एवं अवसर प्रदान करने के महत्व को रेखांकित किया.

दोनों देशों ने पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने की जरूरत भी बतायी, जो क्षेत्र कोविड-19 महामारी के कारण नकारात्मक रुख ले चुका है.

बयान के अनुसार विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन ने भारत में क्रोएशियाई कंपनियों के लिये आधारभूत ढांचा क्षेत्र में अवसरों का जिक्र किया. इस अवसर पर उन्होंने रेलवे, जहाज निर्माण, पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, मतस्यीकी जैसे क्षेत्रों में अवसरों का जिक्र भी किया.

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